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सहायक उप निरीक्षक की कार की टक्कर से मौत मामले में.. कोर्ट ने मृतक के परिजनों को 21 लाख 9339 रु का मुआवजा दिलाने एवार्ड पारित किया.. इधर PG कॉलेज में मूल्यांकन लापरवाही मामले में.. सख्त कार्यवाही हेतु NSUI ने ज्ञापन सौंपा

 मृतक के परिजनों को मिलेगा 21 लाख रु का मुआवजा

दमोह। जिला न्यायालय ने एक प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए मृतक के परिजनों को 21 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का आदेश पारित किया है। जानकारी के अनुसार कृषि उपज मंडी दमोह में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक सुमरत सिंह जो की घटना दिनांक 16 फरवरी 2021 को शासकीय वाहन को लापरवाही से चल रहा था। सहायक उपरीक्षक ने सड़क किनारे खड़े रामनरेश तिवारी को बुरी तरह रौंद दिया, जिससे कि रामनरेश की घटना स्थल पर मृत्यु हो गई थी। मृतक के परिजनों के अधिवक्ता मुकेश पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया है कि सहायक उप निरीक्षक सूमरत सिंह पर थाना दमोह देहात में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी जिस पर आरोपी के विरुद्ध दांडिक प्रकरण क्रमांक 891/2021 पंजीबद्ध हुआ था।
 माननीय न्यायालय श्रीमति रेणुका कंचन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सदस्य मो.दु.दा.अधिकरण ने प्रकरण में आई साक्ष्य के आधार पर सहायक उप निरीक्षक को लापरवाही से घटना किए जाने का उत्तरदाई ठहराया है एवं माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व में निराकृत प्रकरणों का हवाला देते हुए मृतक के परिजनों के पक्ष में 21 लाख 9339 रुपए का अवार्ड पारित किया है। उक्त राशि न्यायालय में जमा की जाएगी। राशि जमा होने पर आवेदक को भुगतान होगी।
सहायक प्राध्यापक पर सख्त कार्यवाही के लिए ज्ञापन सौंपा
दमोह।
स्थानीय पीजी कॉलेज के एक सहायक प्राध्यापक द्वारा मूल्यांकन कार्य में लापरवाही बरतने और  छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का मामला उजागर होने पर एनएसयूआई ने पी जी कॉलेज पहुंच कर प्राचार्य डॉ केपी अहिरवार को ज्ञापन सौंपा और जांच की मांग की, साथ ही कार्यवाही के लिए इसकी प्रतियां उच्च अधिकारियों को भी भेजी गई। जानकारी के अनुसार एमए चतुर्थ सेमेस्टर समाजशास्त्र, सत्र जून-2023 के प्रश्न पत्र कोड क्र.एके-239 की 50 उत्तर पुस्तिका का बण्डल, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर द्वारा अनिल यादव, सहायक प्राध्यापक, समाजशास्त्र, ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय दमोह को मूल्यांकन हेतु दिया गया था। लेकिन अनिल यादव द्वारा उक्त उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन न करते हुए केवल उस के मुख्य पृष्ठ पर अंक अंकित किये गये थे.. जो कि गम्भीर लापरवाही की श्रेणी का विषय था इसलिए 03 कार्य दिवस के अंदर अधोहस्ताक्षरकर्ता अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर लिखित में उक्त प्रकरण के संबंध में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था, जिसके समाचार भी प्रकाशित हुए थे। 
इसके बाद एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष शुभम तिवारी ने छात्र हित में इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पी जी कॉलेज के प्राचार्य से इस विषय पर सख्त कार्यवाही के लिए ज्ञापन दिया और यह भी कहा कि पिछले सत्रों से अब तक जितनी भी उत्तर पुस्तिका, मूल्यांकन के लिए अनिल यादव  को दी गई थी, उन सबकी जांच भी की जाए। और खामियां पाए जाने पर कॉपी जांचने के लिए दी गई राशि वापस ली जाए। साथ ही छात्रों के भविष्य के साथ की गई इस घोर लापरवाही के कृत्य के कारण, इन्हें यहां से स्थानांतरित किया जाए क्योंकि पूर्व में भी अनिल यादव का स्टाफ के सदस्यों के साथ बहस और वरिष्ठता का सम्मान न करने और छात्रों से दुर्व्यवहार के मामले भी सामने आए थे इसलिए इन्हे कॉलेज स्तरीय सतत समग्र मूल्यांकन की उत्तर पुस्तिका (सीसीई) और भविष्य में मुख्य उत्तर पुस्तिका भी जांचने न दी जाए क्योंकि यादव पढ़ाने से ज्यादा मंचीय कार्यक्रमों में रुचि लेते देखे गए है।
तिवारी का कहना था कि अनिल यादव कुछ वर्ष पूर्व की भर्ती से आए है और वह सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2017 की नियुक्ति के बाद कहीं न कहीं शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आई है क्योंकि सिर्फ संबंधित  विषय के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित इस परीक्षा में साक्षात्कार नहीं था इसलिए कुछ तो क्लास में ठीक से विषय को समझा भी नहीं पाते है, विभाग को इस पर भी ध्यान देना चाहिए। ज्ञापन देने वालो मे एनएसयूआई जिलाध्यक्ष शुभम तिवारी, जिला उपाध्यक्ष आमिर खान, जिला उपाध्यक्ष गौरब अवस्थी महासचिव शिवम सोनी, नारायण पटेल, विवेक शर्मा, धर्मेन्द्र ठाकुर, आकाश रैकवार एवं अनेक छात्र शामिल हुए।

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