कुल 4 घंटे 25 तक चलने वाला खगोलीय चंद्रग्रहण आज
उपछाया ग्रहण मध्यरात्रि 11 बजकर 31 बजे तो महसूस होने वाला आंशिक ग्रहण 1 बजककर 5 मिनिट बजे होगा शुरू। चमकीली चांदनी के लिये जाने जाना वाला शरद पूर्णिमा का चांद आज (28 अक्टूबर) मध्यरात्रि में अपनी चमक को खोता नजर आयेगा । पृथ्वी से इस समय लगभग 369425 किमी दूर स्थित चंद्रमा आंशिक चंद्रग्रहण की घटना के कारण कुछ घंटे पृथ्वी के साये में रहेगा । नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने चंद्रग्रहण के वैज्ञानिक तथ्यों को बताने विद्या विज्ञान कार्यक्रम का आयोजन किया ।
सारिका ने बताया कि इस चंद्रग्रहण की शुरूआत उपछाया ग्रहण से आज (28 अक्टूबर) रात 11 बजकर 31 मिनिट के कुछ बाद होगी लेकिन महसूस होने वाला आंशिक ग्रहण मध्यरात्रि के बाद 1 बजककर 5 मिनिट आरंभ होगा जो कि रात्रि 1 बजकर 44 मिनिट पर अधिकतम ग्रहण की स्थिति होगी । यह आंशिक ग्रहण रात लगभग 2 बजकर 23 मिनिट पर समाप्त हो जायेगा, लेकिन इसके बाद भी उपछाया ग्रहण तो चलता रहेगा जो कि पूरी तरह 3 बजकर 57 मिनिट पर समाप्त होगा ।
सारिका ने बताया कि इस तरह वैज्ञानिक रूप से ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनिट होगी लेकिन महसूस होने वाले आंशिक ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 17 मिनिट होगी । पृथ्वी जब चंद्रमा और सूर्य के बीच होती है तो इसके द्वारा सूर्य का प्रकाश रोक लिया जाता है और सूर्य का पूरा प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ता है अर्थात चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है । इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है । जब चंद्रमा, पृथ्वी की उपछाया में होता है तो उस समय उपछाया ग्रहण होता है। जब चंद्रमा का कुछ भाग पृथ्वी की घनी छाया वाले भाग में आता है तो आंशिक चंद्रग्रहण होता है । इस बार यह दोनो स्थितियां बन रही हैं ।
चंद्रग्रहण की यह घटना भारत सहित एशिया, आस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका सहित हिन्द महासागर के अधिकांश भागों से दिखाई देगा । इस तरह गणितीय अनुमान के अनुसार उपछाया ग्रहण का कुछ न कुछ भाग इस विश्व की लगभग 92.14 प्रतिशत जनसंख्या और आंशिक ग्रहण को 87.07 प्रतिशत जनसंख्या देख पायेगी
उपछाया ग्रहण आरंभ 28 अक्टूबर 23: 31: 48
आंशिक ग्रहण आरंभ 29 अक्टूबर 01: 05:25
अधिकतम ग्रहण 29 अक्टूबर 01: 44: 05
आंशिक ग्रहण समाप्त 29 अक्टूबर 02: 22: 40
उपछाया ग्रहण समाप्त 29 अक्टूबर 03: 56: 25
चंद्रग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनिट
आंशिक ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 17 मिनिट
- सारिका घारू@GharuSarika
चंद्र ग्रहण का सूतक कल शाम 4 बजे से पं. रविन्द्र शास्त्री
28 अक्टूबर 2023 की 🌔(स्पर्श )रात्रि 1.05 मिनट पर शुरू होगा
🌑(मध्य) रात्रि 1.44 मिनट पर
🌒(मोक्ष) रात्रि 2:24 मिनट पर होगा
*चंद्रग्रहण में सूतक काल* 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. ऐसे में शरद पूर्णिमा के दिन साम 4 बजे से सूतक शुरू होगा। संपूर्ण मंदिर मठ बंद हो जाएंगे साम 4 बजे से.।।
*राशि ग्रहण फल* मेष- घात , वृष हानि , मिथुन - लाभ , कर्क - सुख , सिंह - माननाश , कन्या- मृत्युतुल्यकष्ट , तुला - स्त्रीपीड़ा , वृश्चिक - सौख्य , धनु - चिन्ता , मकर - व्यथा , कुंभ- श्री , मीन - क्षति है
साल का अंतिम चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है ऐसे में इस दिन ग्रहण लगना hai बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है।
*▪️देश और दुनिया में कहां- कहां दिखाई देगा ग्रहण-:*
चंद्रग्रहण भारत, ऑस्ट्रेलिया, संपूर्ण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिणी-पूर्वी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, कैनेडा, ब्राजील , एटलांटिक महासागर में यह ग्रहण दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण शुरुआत से अंत तक दिखाई देगा।
*▪️सूतक काल में आहार* चंद्र ग्रहण- सूतक काल के दौरान भोजन बनाना व भोजन करना भी उचित नहीं है। हालांकि, सूतक काल में गर्भवती स्त्री, बच्चे, वृद्ध जन भोजन कर सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें दोष नहीं लगेगा। ध्यान रखें की सूतक काल आरंभ होने से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें। इसके अलावा आप इसमें कुश भी डाल सकते हैं।
*▪️चंद्र ग्रहण पुण्य काल-:* चंद्र, ग्रहण से मुक्त होने के बाद स्नान- दान- पुण्य- पूजा उपासना इत्यादि का विशेष महत्व है। अतः 29 अक्टूबर, सुबह स्नान के बाद भगवान की पूजा- उपासना, दान पुण्य करें। ऐसा करने से चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव कम होते हैं
*पं. रविन्द्र शास्त्री
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी माता का मन्दिर नई दिल्ली*
जन्मकुंडली, शादी संबध,हस्तरेखा,अंक, वस्तु ,कर्मकाण्ड ,सभी धार्मिक कार्य* *7701803003*
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