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शराब के नशे में धुत होकर टक्कर मारने वाले कठोर कारावास एवं अर्थदंड से दंडित.. एटीएम ब्लास्ट कांड के आरोपियों को आजीवन कारावास.. इधर मिशनरी द्वारा संचालित बाल गृह के डायरेक्टर समेत 08 अन्य आरोपियों के विरूद्ध आरोप विरचित

घटना की कड़ियों को जोड़कर न्यायालय ने सुनाई सजा
दमोह। अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. आरती शुक्ला पांडेय द्वारा शराब के नशे में धुत होकर दो व्यक्तियों एवं तीन जानवरों को टक्कर मारने वाले आरोपी को दो-दो वर्ष का कठोर कारावास भुगताने एवं 8 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में शासन की ओर से पैरवी शासकीय अभिभाषक राजीव बद्री सिंह ठाकुर द्वारा की गई
मामला इस प्रकार है.. थाना तेंदूखेड़ा के अंतर्गत आने वाले ग्राम चौरई में रिपटा वाली पुलिया के पास दिनांक 5 अगस्त 2020 रात करीब 8 बजे आरोपी मस्तराम गौड़ ने तारादेही तरफ से तेज रफ्तार से लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाकर शराब के नशे में धुत रहते हुए अशोक घोषी एवं कोमल घोषी को टक्कर मार दी, टक्कर लगने के कारण अशोक और कोमल के शरीर में गंभीर चोटे आई, आरोपी ने वहां से आगे जाकर एक भैंस और दो गाय को भी टक्कर मारी तीनों जानवरों की मौके पर ही मृत्यु हो गई,थोड़ा आगे जाकर आरोपी ने तेंदूखेड़ा न्यायालय के पास लगे बिजली के खंबे में टक्कर मार दी जिससे खंबा क्षतिग्रस्त हो गया, आरोपी मस्तराम को तेंदूखेड़ा पुलिस ने खंबे के पास पकड़ लिया और उसे अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे अत्यधिक शराब पीना बताया। थोड़ी देर में वहां पर टक्कर से घायल अशोक और कोमल को लाया गया जिन्हें डॉक्टर द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। 
आरोपी के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण चला जिसमें आरोपी के अधिवक्ता का कहना था कि किसी साक्षी ने घटना को नहीं देखा है सभी सुनी हुई बातों के कारण आरोपी द्वारा लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने की बात बता रहे हैं इसलिए आरोपी को दोषमुक्त किया जाए। प्रकरण में अशोक और कोमल की मृत्यु एक्सीडेंट से होना चिकित्सक द्वारा बताया गया एवं पशु चिकित्सक द्वारा भी भैंस और गाय की मृत्यु एक्सीडेंट से आई चोटों के कारण होना बताया। प्रकरण में साक्षियो ने आरोपी की गाड़ी से टक्कर मारने के संबंध में बयान नहीं दिए परंतु साक्षियो यह व्यक्त किया कि मृतकों की मृत्यु एक्सीडेंट के कारण हुई है। न्यायालय द्वारा निर्णय में यह टिप्पणी की कि एक बात में झूठ तो सब बात का झूठ सिद्धांत भारत में लागू नहीं होता बल्कि जिस प्रकार भूसे से अनाज को अलग किया जाता है उसी प्रकार न्यायालय को यह देखना चाहिए कि कोई भी साक्षी किन बातों पर विश्वसनीय रहा है, ऐसे साक्षी की उतनी साक्ष्य जिस पर वह विश्वसनीय रहा है उस पर निर्भरता व्यक्त की जा सकती है। गाड़ी खंबे से टकराई हुई मिली थी और आरोपी को पुलिस ने वहीं से पकड़ा था। 
न्यायालय ने इन चार कड़ियों को जोड़ने के बाद माना कि आरोपी द्वारा चलाए गए वहां से ही घटना हुई है..
"प्रथमता,* घटना दिनांक को एक ही रास्ते पर अशोक और कोमल की मृत्यु वाहन के टकराने से आई चोट के कारण हुई"  
"द्वितीयता,* उसी दिनांक को उसी रास्ते पर कुछ समय पश्चात एक भैंस और दो गायों की टक्कर से मृत्यु होना बताया गया"
"तृतीयता,* उसी रास्ते पर आरोपी की गाड़ी का बिजली से खंबे से टकराना और पुलिस द्वारा द्वारा आरोपी को खंबे के पास से ही गिरफ्तार करना"  
"चतुर्थता,* गाड़ी के मैकेनिक परीक्षण में आगे का पूरा हिस्सा क्षतिग्रस्त होना पाया जाना"।  न्यायालय ने माना कि यह सभी तथ्य एक ही संव्यवहार का भाग होकर प्रकरण में साक्ष्य अधिनियम की धारा 6 के अधीन सुसंगत होकर अभियोजन कथानक को पूर्णतया संपुष्ट करते हैं और इससे ही यह सिद्ध होता है कि इसी आरोपी द्वारा तेज रफ्तार से लापरवाही पूर्वक घटना में प्रयुक्त वाहन द्वारा घटना की है इसलिए आरोपी को भादवि की धारा 304 ए में 2 वर्ष की दो बार सश्रम कारावास एवं धारा 429 में भी 2 वर्ष का सश्रम कारावास सहित 8 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया जाता हैं।

 तीन साल पहले हुए एटीएम ब्लास्ट कांड के आरोपियों को हटा कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा व जुर्माना

दमोह। थाना गैसाबाद के अपराध क्रमांक 145/20 सत्र प्रकरण क्रमांक 33/2020  ग्राम हिनौता की एटीएम ब्लास्ट मामले में अभियुक्त गण को जीवन कारावास से दण्डित किया गया है. जिसमें अभियुक्त देवेंद्र पटेल से साढ़े नौ लाख 9,50,000 अभियुक्त जागे उर्फ जागेश्वर पटेल से 8,37,000/-  रू अभियुक्त नितेश नीतेश पटेल से 2,10,000 अभियुक्त राकेश पटेल से 1,60,000/- रूपये अभियुक्त जयराम पटेल से 1,90,000/- रू अभियुक्त परम सिंह से 2,10,000 /- रू बरामद हुए एवं ब्लास्ट करने की सामग्री विस्फोटों पदार्थ भी बरामद हुए।

अपर सत्र न्यायाधीश हटा द्वारा उक्त मामले में निर्णय सुनाते हुए अभियुक्तगण को भारतीय दण्ड प्रक्रिया की धारा :- 457 में 5-5 वर्ष धारा 461 में 2वर्ष , धारा 427 में 2वर्ष धारा 380 में 7 वर्ष धारा 120 बी में 7 वर्ष एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 में कठोर आजीवन कारावास एवं धारा 4 में भी कठोर आजीवन कारावास एवम  सभी धाराओं में कुल मिलाकर 11000/- 11000/- रू प्रति अभियुक्त को जुर्माने से दण्डित किया गया है।

 मिशनरी संस्थाओं के डायरेक्टर समेत 08 अन्य आरोपियों के विरूद्ध दमोह कोर्ट में आरोप विरचित..
दमोह। जिले के एक बहुचर्चित मामले में आज द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमति रजनी प्रकाश बाथम ने आधार शिला संस्थान बाईबिल सोसायटी बेथलेहम सोसायटी एवं मिड इंडिया क्रिश्चियन मिशन के बाल गृह के पदाधिकारियोंध्डायरेक्टर जिसमें डाँ अजय लाल समेत 08 अन्य आरोपियों के विरूद्ध आरोप विरचित किये गये हैं अभियोजन की ओर से पैरवी श्री गिरीश राठौर अपर लोक अभियोजक के द्वारा की गई हैं।
मामला इस प्रकार हैं कि आधारशिला संस्थान बाईबिल सोसायटी बेथलेहम सोसायटी एवं मिड इंडिया क्रिच्श्चियन मिशन के बाल गृह के पदाधिकारियों डायरेक्टर कुल 09 आरोपियों के विरूद्ध उनके संस्थानों में पाई गई अनियमितताओं यथा धर्मांतरण के प्रयासों सहित अन्य अपराधों के सबंध में थाना दमोह देहात में धारा 186, 370 भादवि 42/ 75 किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम तथा 3/ 5 मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के अपराध में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई थी।
पुलिस द्वारा अनवेषण उपरांत सभी आरोपियों के विरूद्ध न्यायालय में चार्जशीटें प्रस्तुत की गई थी। उक्त प्रकरण आज द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष आरोप तय किये जाने हेतु नियत था। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजो एवं अभियोजन पक्ष की ओर से श्री गिरीश राठौर अपर लोक अभियोजक द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर न्यायालय के द्वारा आरोपी अजय लाल जितेन्द्र हेनरी शीतल अर्निस्टि राजकमल डेविड लाल डाँ मंजूला वरनवास शीला लाल विवेक लाल विवर्त लाल एवं सानित लाल के विरूद्ध सभी धाराओं का अपराध प्रथम दृष्टया कारित किया जाना पाते हुए सभी आरोपियों के विरूद्ध आरोप विरचित किए गये हैं।


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