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तबादला आदेश के दस दिन बाद भी रिलीव नही हुए दमोह, बटियागढ़ व पटेरा जनपद पंचायत के सीईओ.. दफ्तर में बैठकर अपने अपनो की फाइले बिल कंप्लीट कराने में जुटे.. तीनो CEO को रिलीव नही किया जाना निर्वाचन आयोग निर्देशों का उल्लंघन .!

तबादले के दस दिन बाद भी रिलीव नही हुए तीनो CEO

 मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की पूर्व बेला में बरसों से एक ही जिले में या एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों के तबादले किये जाने के साथ निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार ऐसे अधिकारियों को तत्काल रिलीव कराने के निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी अर्थात कलेक्टर को दिए गए हैं। इसके बावजूद अनेक अधिकारी तबादले के बाद भी अपनी सीट पर बैठ कर काम करते निर्वाचन आयोग के निर्देश को धत्ता बताते नजर आ रहे हैं..

दमोह जिले में तीन जनपद पंचायतों के सीईओ का तबादला 31 जुलाई 2023 को मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार किया गया था इसके बावजूद यह तीनों सीईओ 10 दिन बाद भी रिलीव नहीं किए गए हैं। उल्टे अपनी अपनी की सीट पर बैठकर दिन-रात पुरानी फाइलों को निपटाने में जुटे हुए हैं। इनके सीट नहीं छोड़ने की एक बजह उनके स्थान पर दूसरे अधिकारी का कार्यभार ग्रहण करने के लिए नहीं पहुंचाना बताया जा रहा है जबकि जनपद सीईओ के मामले में स्पष्ट दिशा निर्देश है कि उनके स्थान पर दूसरा अधिकारी के नहीं आने पर कौन दूसरे अधिकारी उनके कारवार ग्रहण करके कर संपादन कर सकते हैं।
15 साल से दमोह जिले में डटे चर्चित CEO विनोद जैन..
दमोह जनपद पंचायत के सीईओ विनोद जैन का तबादला शासन आदेश अनुसार निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर किया गया है। लेकिन तबादले के 10 दिन बाद भी या दमोह जनपद पंचायत में अपनी सीट पर बैठकर दिन-रात अपने अपनों की कामों की फाइलों को निपटाना बिल भुगतान करने की कार्रवाई में जुटे बताई जा रहे हैं। दरअसल इनके नजदीकी सजातीय बंधु दमोह जनपद पंचायत में वेंडर के रूप में कार्यरत रहते हुए लंबे समय से अधिकांश ग्राम पंचायतों में सामग्री सप्लाई से अधिक के बिल लगाते रहे हैं। अधिकांश बिलों के बिना रॉयल्टी बिना जीएसटी के होने की बात भी सामने आती रही है वह उनके द्वारा सबसे अधिक पांच पर्सेंट कमीशन बिल भुगतान के बदले में लेने की बात भी चर्चाओं में रही है। 
करीब 15 वर्षों से दमोह जिले में पदस्थ रहने वाले  विनोद जैन को शिवराज सरकार के साथ पूर्व मंत्री श्री जयंत मलैया का कार्यकाल जमकर सूट होने के हालात किसी से छिपे नहीं है। वर्ष 2007 में जिला पंचायत के ग्रामीण विकास अभिकरण में मनरेगा अधिकारी के रूप में आए विनोद जैन बाद में जिले की विभिन्न जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनकर जमकर कमाई करते रहे। जबकि उस समय जनपद पंचायत के सीईओ पद के योग्य नहीं थे। वही कमलनाथ सरकार के आते ही जैसे ही इनकी छुट्टी हुई तो इन्होंने जनपद सीईओ की पात्रता परीक्षा पास करके कांग्रेस नेताओं से सेटिंग जमा कर फिर से सीईओ पर हासिल कर लिया।
 पथरिया जनपद पंचायत के सीईओ रहते हुए जनपद की करोड़ों की दुकानों को लाखों में बेचकर शासन को करोड़ों का चूना लगाने का कारनामा भी इन्हीं के कार्यकाल में हुआ। पथरिया के अलावा तेंदूखेड़ा जबेरा तथा दमोह जनपद के सीईओ के रूप में इनका कार्यकाल विवादित रहा है इसके बावजूद नेताओं को साधने में महारत हासिल रखने की वजह से अनेक शिकायतों के बावजूद इनका बाल भी बांका नहीं हो सका। वही अब तबादले के बाद भी पिछले 10 दिनों से जो फाइल यह निपटा रहे हैं, जिन बिलों का भुगतान करा रहे हैं उनकी जांच कराए जाने पर बड़े गड़बड़झाला को उजागर होते देर नहीं लगेगी।
अनेक बरसो से दमोह जिले में है सीईओ रानू जैन..
वर्तमान में बटियागढ़ जनपद पंचायत की सीईओ रानू जैन का तबादला 31 जुलाई को जारी आदेशों के अनुसार सागर संभागीय आयुक्त कार्यालय किया गया है। लेकिन 10 दिन बाद भी यह अपनी कुर्सी नहीं छोड़ पाई और बटियागढ़ जनपद में लंबित बिलों के भुगतान की फाइलों को कंप्लीट करवाने में जुटी बताई जा रही है। उल्लेखनीय की बटियागढ़ जनपद क्षेत्र की अधिकांश पंचायत में जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि धर्मेंद्र कटारे का साम्राज्य चलता है उन्हीं के लोग आधे अधूरे काम करते हैं और उनकी शिकायतों के बाद भी जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होती क्योंकि इनकी पहुंचे और सेटिंग भोपाल तक बताई जाती है। 
बटियागढ़ जनपद में लंबे समय से पदस्थ उपयंत्री रचना चौरसिया सहित अन्य उपयंत्री एवं सीईओ रानू जैन की कार्य प्रणाली को लेकर अनेक शिकायत जिले से लेकर भोपाल स्तर पर लंबित बताई गई है। वही समय-समय पर विभिन्न समाचार पत्रों में भी बटियागढ़ जनपद पंचायत की विभिन्न पंचायत की घटिया निर्माण की खबरें प्रकाशित होती रही है। तेंदूखेड़ा जबेरा पटेरा आदि में भी जनपद सीईओ रह चुकी रानू जैन का बटियागढ़ से तबादले के बाद पिछले 10 दिनों में उन्होंने जिन फाइलों को कंप्लीट करा कर साइन किए हैं भुगतान हेतु आगे बढ़ाएं हैं इनकी जांच कराए जाने पर अनेक चौंकाने वाले खुलासे सामने आने की उम्मीद की जा सकती है।
पटेरा जनपद के सीईओ ब्रतेेश जैन भी नहीं हुए रिलीव
पटेरा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहने के साथ-साथ हटा जनपद पंचायत के सीईओ का प्रभार संभालने वाले ब्रतैश जैन की गिनती सबको साथ में लेकर सबके मन की करने वाले अधिकारियों के रूप में होती है। इसी तरह पटेरा जनपद पंचायत अंतर्गत हुए आधे अधूरे घटिया निर्माण कार्यों तथा चर्चित सहायक यंत्री आरके गोस्वामी वह अन्य उप यंत्रीयो की शिकायतों के बावजूद भरपूर भुगतान की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
उल्लेखनीय की जिला पंचायत के सीईओ का तबादला होते ही वह रिलीव हो गए थे बाद में उनके स्थान पर आए अधिकारी ने कार्यभार ग्रहण किया था। उपरोक्त हालातों को ध्यान में रखकर कलेक्टर से यह जनपेक्षा है कि निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखकर तत्कालीन तीनों जनपद सीईओ को रिलीव किया जाए। 10 दिनों में उनके द्वारा जो फाइल कंप्लीट कर के भुगतान हेतु आगे बढ़ाई गई है उनकी जांच की जाए और तत्काल उनका भुगतान रोका जाए। वही शासन से अपेक्षा है कि तीन जिलों का कार्य भार देख रहे ग्रामीण यांत्रिकी संभाग के कार्यपालन अधिकारी बीएस यादव का भी तबादला करके इनके कार्यकाल में हुए कार्य और भुगतान की जांच उच्च स्तरीय समिति से कराई जाए। पिक्चर अभी बाकी है

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