जनपद उपयंत्रियों के प्रभार फेर बदल आदेश चर्चाओं में
दमोह। जिले के विभिन्न जनपद पंचायतों में टीएस तथा कार्य मूल्यांकन के लिए संविदा पर पदस्थ उपयांत्रियों के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की शह पर किस तरह से पंचायती राज की अवधारणा को आधे अधूरे घटिया कार्यों का मूल्यांकन करके पलीता लगाया जा रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। वहीं दूसरी ओर मजदूरों के हक पर डाका डालने वाली मशीनो से कराए जाने वाले कार्यों को क्लीन चिट देने के मामले में भी उपयंत्री से लेकर सहायक यंत्री कार्यपालन अधिकारी और इनके अधिकारियों की भूमिका जगजाहिर है। ऐसे मामलों की शिकायत कमिश्नर मंत्री तक पहुंचने के बावजूद जांच के नाम पर ढाक के तीन पात जैसे हालात ही सामने आते रहे हैं।
फिलहाल यहां पर हम बात कर रहे हैं
दमोह जनपद पंचायत के दो उपयंत्रीयो की। जिनमें एक के साथ अधिकारियों का
सौतेला व्यवहार जबकि दूसरे पर मेहर बानी बरसती देखी जा सकती है। सबसे पहले 26 जून 2023 को एक उपयंत्री को जनपद अटैैैच कर उनका प्रभार दूसरे को सौंप दिया जाता है।
11 दिन बाद फिर बदला उपयंत्री का प्रभार..
इस
आदेश के 11 दिन बाद 7 जुलाई 2023 को जिला पंचायत के सीईओ द्वारा पत्र क्रमांक 1576 के जरिए विभिन्न जनपद पंचायत में पदस्थ 13
उपयंत्री के कार्य क्षेत्र में फेरबदल करने के आदेश जारी कर दिए जाते है।
कलेक्टर की अनुमति से जारी इस आदेश में उस उपयंत्री को एक बार फिर से दमोह जनपद से सेक्टर का पदभार सौंप दिया जाता है ।
7 दिन बाद उपयंत्री से छीन ली गई तीन पंचायत.. प्रभार मिलने के 7 दिन बाद ही
एक बार फिर उनसे तीन पंचायत का प्रभाार छीन लिए जाने का आदेश जारी कर दिया जाता
है और इस बार भी उनका तीन पंचायतो का प्रभार उन्ही उपयंत्री को
सौंपा गया है जिनके पास पहले से एक और सेक्टर का प्रभार था। पूर्व
के दो आदेश जिला पंचायत के सीईओ द्वारा जारी किए जाने वही यह आदेश ग्रामीण
यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन यंत्री के पत्र क्रमांक 1667 /18 जुलाई
2023 के द्वारा जारी किया गया। जबकि वास्तव में ऑन लाइन रिकॉर्ड यह आदेश
करीब एक बार 16 अगस्त 2023 को अपडेट नजर आ रहा है।
एक पर मेहरबानी दूसरे से सौतेला व्यवहार..26
जून से 18 जुलाई 2023 के बीच 18 दिनों में जारी हुए उपरोक्त तीनो
आदेश से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से बड़े अधिकारियों की एक
उपयंत्री पर कृपा बरसती हुई देखी जा सकती है। एक सेक्टर का प्रभार रहते हुए
दूसरे सेक्टर का अतिरिक्त प्रभार बार-बार सौंपा गया है। दूसरी ओर महिला
उपयंत्री के साथ उपेक्षात्मक सौतेला व्यवहार करते हुए बार-बार किया जाता रहा है।
फर्जी मूल्यांकन नहीं करने पर होना पड़ा अटैच..! उपरोक्त
हालात को लेकर सूत्रों का कहना है कि फर्जी मूल्यांकन नहीं करने की वजह से महिला उपयंत्री बार-बार यहा वहा किये जाने के आदेश
जनपद पंचायत सीई ओ विनोद जैन की अनुशंसा पर अधिकारियों द्वारा जारी किए जाते रहे उल्लेखनीय है जिले में 15 सालों से पदस्थ विनोद जैन का स्थानांतरण आदेश शासन द्वारा 31 जुलाई 2023 को जारी किया गया था। लेकिन
उनके द्वारा 16 अगस्त 2023 तक लगातार कार्य संपादन किया जाता रहा। फर्जी
मूल्यांकन व फर्जी बिलों के भुगतान से लेकर अपने अपनों के कार्यों को
निपटाया जाता रहा। वही 17 अगस्त को उनके द्वारा दूसरे सीईओ को अपना प्रभार
सौंप दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि फर्जी कार्यों का मूल्यांकन करने
से इंकार कर दिए जाने से एक यंत्री को बैक डेट में पदस्थ दिखाकर उनसे फर्जी मूल्यांकन कराते हुए उस क्षेत्र की
फाइलों को निपटाया गया है। इसी तरह अन्य सेक्टरों में भी हालात रहने की बात
सामने आई है। जनपद दमोह के सीईओ विनोद जैन के द्वारा तबादले के बाद
निपटाए गए कार्यों की फाइले, भुगतान मंजूरी आदि की जांच करने से स्पष्ट होते देर में ही लगेगी कि पिछले 16 दिनों में कितना कुछ गड़बड़ झाला दमोह
जनपद अंतर्गत हुआ है। जिले की अन्य जनपदों की पिक्चर अभी बाकी है.
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