पत्रकार पर हमले तथा पंचायतों के घटिया कार्यो की उच्च स्तरीय जांच को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा..
दमोह। पंचायती राज के तहत जिले भर में आधे अधूरे निर्माण कार्यों की हालात किसी से छिपी नहीं है सबसे खराब स्थिति हटा जनपद पंचायत क्षेत्र में है जहां की पर्दे के पीछे से जनपद पंचायत का संचालन पूर्व जिला पंचायत के अध्यक्ष द्वारा किए जाने के आरोप सामने आते रहे हैं। प्रमुख समाचार पत्रों के साथ सोशल मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया डिजिटल मीडिया के जरिए पंचायत के घटिया निर्माण के कारनामे लगातार प्रकाशित प्रसारित किया जाता रहा है। जिसके चलते शासन स्तर पर उच्च स्तरीय जांच कार्रवाई के निर्देश के बाद पंचायत माफिया बौखलाया हुआ है।
उपरोक्त हालात के दो उदाहरण पिछले दो दिनों में देखने को मिले हैं। हटा अनु विभाग के मगरोन क्षेत्र में सोमवार रात पत्रकार जितेंद्र गौतम पर पहले धारदार हथियार से हमला किया जाता है बाद में मंगलवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के निर्देशन में जनपद क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा मीडियाकर्मियों पर अवैध वसूली के आरोपों का ज्ञापन कलेक्टर एसपी के नाम पर सौंपते हुए प्रकाशित खबरों का कार्रवाई नहीं किए जाने की मांग की जाती है। जिसके बाद आज पत्रकारों द्वारा भी मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर ऐसे पंचायत माफियाओं पर कार्यवाही की मांग की गई है।
चोरी की चोरी ऊपर से सीना जोरी जैसे हालातों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत तथा सूचना अधिकार तहत जानकारी मांगने वालों के रेट हजार दो हजार रुपए बताकर इसे तथा कथित मीडिया कर्मियों को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश उन लोगों द्वारा की जाती है जो ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार घटिया निर्माण के आरोपों से घिरे हुए है। लेकिन तिकड़म बाजी के चलते सत्तारूढ़ दल के बड़े नेताओं का राजनीतिक संरक्षण हासिल करके बरसों से काला पीला करके भी बचते रहे है।
उपरोक्त सभी हालात को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रेस क्लब तथा हटा प्रेस क्लब के बैनर तले दमोह तथा हटा के पत्रकारों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर तथा एसपी को सौंपा गया। जिसमे पत्रकार जितेन्द्र गौतम पर हमला करने वालो को गिरप्तार कर उनके अतिक्रमण पर बुल्डोजर कार्रवाई की मांग की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में पत्रकारों की मौजूदगी रही।
इसी तरह हटा जनपद पंचायत क्षेत्र में मनरेगा सहित शासन की अन्य योजनाओ 15 वे वित्त, विधायक निधि आदि से ग्रामीण क्षेत्रों में कराए गए निर्माण कार्यों की जांच करा कर रिकवरी दंडात्मक कार्रवाई किए जाने तथा पूर्व में जिन पंचायत प्रतिनिधियों पर जांच उपरांत रिकवरी कार्रवाई प्रस्तावित किए जाने की मांग की गई है। इसके पूर्व हटा में भी पत्रकारों द्वारा ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया। पिक्चर अभी बाकी है
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