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रीवा लोकायुक्त टीम की जनपद पंचायत कार्यालय में दस्तक.. दस हजार रुपए की रिश्वत लेते मुख्य कार्यपालन अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा.. अपने ही विभाग के कर्मचारी से क्रमोन्नति जीपीएफ़ मामले में ले रहा था रिश्वत..

गुरु पूर्णिमा के दिन रिश्वतखोरी का दंश सामने आया

रीवा। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा रिश्वतखोरी के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी रहने के बावजूद भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों के चेहरे पर शिकन तक नजर नहीं आ रही है। शायद यही वजह है कि लगातार कार्रवाई के बाद भी रिश्वतखोरी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है ताजा मामला गुरु पूर्णिमा के दिन उमरिया जिले में सामने आया है रीवा लोकायुक्त टीम ने एक जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अपने ही विभाग के पंचायत समन्वयक से 10000 रु की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।

रीवा लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम ने जनपद पंचायत करकेली के सीईओ दिवाकर नारायण पटेल को सोमवार गुरु पूर्णिमा के दिन 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़कर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्यवाही की है। फरियादी रामलखन साकेत पंचायत समन्वयक से भविष्य निधि,व क्रमोन्नति के लिए रिश्वत की यह रकम ली जा रही थी। दरअसल पंचायत समन्वयक (PCO) से उनके क्रमोन्नति व भविष्य निधि के फंड को लेकर 10 हजार की रिश्वत मांगी गई थी, जिसकी शिकायत रीवा लोकायुक्त एसपी से 27 जून की गई थी। जिसके सत्यापन के बाद रीवा लोकायुक्त की 15 सदस्यीय टीम ने कार्यवाही करते हुए जनपद पंचायत करकेली के सीईओ दिवाकर नारायण पटेल को उसके कार्यालय में 10 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी CEO के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। 

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