पांच लाख कमीशन मामले में नपा कार्यालय में हंगामा..
दमोह जिले की पथरिया से विधायक श्रीमती रामबाई सिंह द्वारा सोमवार को पथरिया नगर पालिका परिषद कार्यालय में जमकर हंगामा करने का वीडियो वायरल हुआ। हंगामा की बजह 5 लाख की रिश्वत के आरोप रहे है। नपा अध्यक्ष के भाई को विधायक धमकाते हुए गुस्से में गनमैन के कंधे पर टंगी गन को भी छीनने की कोशिश करते दिख रही हैं। वही जिस सड़क ठेकेदार द्वारा 5 लाख की रिश्वत की बात कही गई वह बाद में आरोपो से मुकर जाता है। इस हंगामे भरे हालात के बीच नगरपालिका की महिला अधिकारी पुलिस को फोन लगाने की कोशिश करती नजर आ रही है।
दमोह जिले के पथरिया से मप्र की इकलौती बसपा विधायक श्रीमती रामबाई सिह आए दिन भ्रष्टाचार दलाली करने वालों को फटकार लगाकर जनता के रुपए वापस कराने के लिए दबंगई दिखाने के मामले में चर्चाओं में रही है लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें विधायक पर ही पांच लाख के कमीशन के आरोप लग गए। जिसके बाद भड़की विधायिका ने आरोप लगाने वाले नगर पालिका अध्यक्ष के भाई को नगर पालिका कार्यालय पहुंच कर ऐसा हड़काया की मामला पुलिस तक पहुंचा और विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध हो गया।
पथरिया नगर पालिका में सोमवार दोपहर सीएमओ ज्योति सुनहरे की मौजदूगी में एक हितग्राही के कुटीर मामले में रिश्वतखोरी को लेकर फटकार लगाने पहुंची विधायक राम बाई सिंह नपाध्यक्ष के भाई जयकुमार विश्वकर्मा को वहां बैठा देखकर भड़क उठी। उन्होंने पांच लाख रुपए कमीशन मामले में आरोप लगाने वाले नपाध्यक्ष के भाई को हड़काते हुए गाली गलौज के साथ आरोप साबित करने को कहा। जिस पर उन्होंने सड़क ठेकेदार शिवराम पटेल द्वारा कमीशन देने की बात कहा जाना बताया। लेकिन सड़क ठेकेदार विधायक के सामने 5 लाख मांगे जाने के अपने आरोप से मुकर गया। ठेकेदार के सफाई देने पर विधायक ने घटिया सड़क के भुगतान नहीं होने देने की धमकी दे डाली।
विवाद बढ़ता देख नगर पालिका अध्यक्ष के भाई ने हनुमान जी की प्रतिमा को छूकर सच साबित करने को कहा लेकिन इसके लिए भी कोई तैयार नही हुआ। इस पूरे मामले का जो वीडियो सामने आया है उसमें विधायक रामबाई सिंह अपने गनमैन के कंधे पर टंगी गन को छीनने की कोशिश कर धमकाते हुई नजर आ रही हैं। उनके साथ में गनमैन भी धमकाता हुआ नजर आ रहा है। कुछ पार्षद भी साथ देते हुए नजर आ रहे हैं। वही इस विवाद की वीडियो को बनाने वाले को भी धमकाते हुए कैमरा बंद करा दिया जाता है।
विवाद में जो सामने नहीं उसकी शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज
सोमवार रात सोशल मीडिया पर इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद विधायक रामबाई एवं बसपा के तीन पार्षदो के खिलाफ धारा 294, 506, 352 के तहत पथरिया थाने में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। मामले में खास बात है कि इस पूरे हंगामे के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष सुंदर विश्वकर्मा कहीं भी नजर नहीं आ रहे लेकिन पथरिया थाने में जो रिपोर्ट दर्ज की गई है वह सुंदर विश्वकर्मा द्वारा दर्ज कराई गई है। शासकीय कागजात आदि फाड़ने की धारावी पुलिस द्वारा लगाई गई है। जिसके बाद विधायक रामबाई सिंह ने इसे षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए एसपी को जानकारी दी है। विधायक महोदय का कहना है कि वह कुटीर रिश्वतखोरी के मामले में एक हितग्राही को लेकर नगर पालिका सीएमओ के पास पहुंची थी। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष के भाई से एक सड़क ठेकेदार को लेकर कुछ बातचीत हुई थी। लेकिन पूरे मामले में कहीं भी नगरपालिका अध्यक्ष नहीं थे जिनके द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
नगर पालिका पथरिया में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा
उल्लेखनीय है कि पथरिया नगर पालिका में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। एक दिन में दो बार दलबदल करने वाले नगर पालिका अध्यक्ष के भाई, भतीजे तथा उपाध्यक्ष के पति एवं पुत्र का भी खुला हस्तक्षेप देखने को मिल रहा है। लेनदेन करने वाले लोगों के तो सभी काम हो रहे हैं लेकिन आम जनता और अधिकांश पार्षद कार्यो को लेकर परेशान है।
कभी कभार ही आती है नगरपालिका की सीएमओ..
नगरपालिका की सीएमओ सप्ताह में कभी कभार ही पथरिया पहुंचती है। कमीशन खोरी के चलते यहां पर जमाने भर के फर्जी भुगतान होने के आरोप लगते रहे है। । लेकिन मीडिया कर्मियों के राष्ट्रीय पर्वों पर प्रकाशित विज्ञापनों के बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। वही इस को लेकर जब कभी मीडिया कर्मी सीएमओ को फोन लगाते हैं तो कभी भी उनका जवाब संतोषजनक नहीं रहता। इसी तरह नगरपालिका को चलाने वाला विक्रम बाबू सागर से लग्जरी गाड़ी से अपनी मर्जी से पथरिया आता जाता है। उसके रहन-सहन को देखकर परिसंपत्तियों की जांच की मांग भी ईओडब्ल्यू से की जाने लगी है।
प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से जन अपेक्षा..
ऐसे में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह जी से अपेक्षा की जाती है कि वह पथरिया में ऐसे सीएमओ की पदस्थापना करें जो यहां पर मुख्यालय बना कर रहे और जनता की समस्याओं को समझे और सुलझाए। अन्यथा इसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को नगर पालिका चुनाव की तरह ही भुगतना पड़ सकता है। पिक्चर अभी बाकी है..
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