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प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बिना कलेक्टर को अंधेरे में रखकर अनुमोदित करा ली गई संविदा उपयंत्रियों की तबादला सूची..! जिला पंचायत द्वारा शासन के दिशा निर्देशों नियमों को ताक पर रख.. 13 उपयंत्रीयों की स्थान परिवर्तन सूची चर्चाओं में..

जनपद के संविदा उपयंत्रीयों की तबादला सूची चर्चाओं में

दमोह। जिला पंचायत द्वारा जिले की विभिन्न जनपद पंचायतो में संविदा पर पदस्थ उपयंत्रीयों के तबादला किए जाने का मामला इस सूची के वायरल होने के साथ चर्चाओं में आ गया है। शासन के दिशा निर्देशों और नियमों को ताक पर रखकर जारी की गई इस सूची में खास बात यह है कि प्रभारी मंत्री द्वारा इसकी अनुशंसा नहीं की गई है। वही इसे कलेक्टर महोदय द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद जारी किए जाने का हवाला जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा दिया गया है। वही इस तबादला सूची को स्थान परिवर्तन नाम दिया गया है क्योंकि शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार संविदा कर्मियों के तबादले नहीं किए जा सकते..

 जिला पंचायत दमोह द्वारा जारी आदेश क्रमांक 1576/ स्था./ ग्रा.या.से./2023 दमोह दिनांक 7 जुलाई 2023 सामने आने के साथ चर्चाओं में आ गया है। दरअसल कार्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए जनपद पंचायतों मैं कार्यरत उपयंत्रीयों को नवीन सेक्टर/ जनपद पंचायत में कार्य किए जाने हेतु स्थान परिवर्तन किए जाने के नाम पर यह आदेश जारी किया गया है। जिसमें 13 उपयंत्री के वर्तमान कार्य स्थल को नवीन कार्यस्थल मैं बदलने की सूची जारी की गई है। 

जारी सूची में उपयंत्री विनय तिवारी को जनपद पंचायत हटा के गैसाबाद सेक्टर से जनपद पंचायत बटियागढ़ के बटियागढ़ सेक्टर में पदस्थ किया गया है। राहुल पटेल को हटा जनपद पंचायत के  देवडोंगरा सेक्टर से हटा जनपद के गैसाबाद सेक्टर मैं पदस्थ किया गया है। आरके गोस्वामी को पटेरा जनपद के लोहारी सेक्टर से दमोह जनपद के इमलिया घाट सेक्टर में पदस्थ किया गया है। केएल पटेल को पटेरा जनपद के बर्र्ट सेक्टर से तेंदूखेड़ा जनपद के सहजपुर सेक्टर में पदस्थ किया गया है। मोहसिन खान को दमोह जनपद के इमलिया घाट सेक्टर से हटा जनपद के मडियादो सेक्टर भेजा गया है। सीताराम कोरी को तेंदूखेड़ा के सहजपुर सेक्टर से बटियागढ़ के मगरोन सेक्टर में पदस्थ किया गया है। श्रीमती रानी चौरसिया को तेंदूखेड़ा जनपद की तारादेही से तेंदूखेड़ा जनपद के ही तेजगढ़ में पदस्थ किया गया है।

दिलीप कुमार सूत्रकार को तेंदूखेड़ा के तेजगढ़ सेक्टर से तेंदूखेड़ा के ही बम्होरी पाजी सेक्टर में पदस्थ किया गया है। जमीन खान को तेंदूखेड़ा के बम्होरी पाजी से तेंदूखेड़ा के तारादेही मैं पदस्थ किया गया है। अमित अहिरवार को दमोह जनपद के अतिरिक्त प्रभार सेक्टर अभाना से बांदकपुर का प्रभार दिया गया है। श्रीमती रचना चौरसिया को बटियागढ़ जनपद पंचायत के मगरोंन सेक्टर से दमोह जनपद के बांसा तारखेडा सेक्टर मैं पदस्थ किया गया है। मो हुसैन खान को बटियागढ़ जनपद के सेक्टर खड़ेरी से पटेरा जनपद के लोहारी सेक्टर में तथा सुश्री प्रियंका मोहे सलंग दमोह जनपद को अभाना सेक्टर में भेजे जाने के आदेश जारी किए गए हैं। 14 जुलाई 2023 को सामने आए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी आदेश में 7 जुलाई 2023 की तिथि अंकित है तथा कोष्टक में कलेक्टर महोदय द्वारा अनुमोदित होना दर्शाया गया है। स्पष्ट तौर पर उपयंत्रीयो के एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजे जाने की तबादला सूची को स्थान परिवर्तन नाम दिया गया है।

संविदा कर्मियों के स्थानांतरण आदेश अनुचित..
मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 7221 भोपाल दिनांक 30 मई 2012 की कंडिका एक के अनुसार संविदा हमले की नियुक्ति कार्य विशेष एवं स्थान विशेष के लिए होने के कारण स्थानांतरण योग्य नहीं है इनके स्थानांतरण परस्पर सहमति/ स्वेच्छा के आधार पर किए जा सकते हैं। उक्त आदेश के चलते 9 सितंबर 2021 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दमोह के द्वारा आदेश क्रमांक 5442 के जरिए उपयंत्रीओ के तबादला आदेश को निरस्त करना पड़ा था।
 दरअसल अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 6-1/2021/एक /9 दिनांक 24 जून 2021 द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के परिपालन में कार्यपालन आदेश क्रमांक 5096 दिनांक 31 अगस्त 2021 द्वारा संविदा कर्मियों उपयंत्री एवं कंप्यूटर ऑपरेटर के स्थानांतरण जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा किए गए थे। जिनको बाद में संविदा अमली की नियुक्ति स्थान तथा कार्य विशेष के लिए होने के शासन के आदेश को ध्यान में रखकर तथा प्रभारी मंत्री द्वारा जिएगा अनुमोदन के आधार पर कार्यालय आदेश क्रमांक 5096 को 21 अगस्त 2021 को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा मूल्य निरस्त कर दिया गया था।
स्थान परिवर्तन के नाम पर नियम दरकिनार..संविदा कर्मियों की नियुक्ति कार्य तथा स्थान विशेष के लिए होने के शासन के स्पष्ट आदेश दिशा निर्देश परिपत्र के बावजूद दमोह जिले में संविदा उपयंत्रीयो के तबादले को स्थान परिवर्तन के नाम पर लगातार जारी रखा जा रहा है। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग की सिफारिश पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा इस तरह के आदेश लगातार जारी किए जाते रहे हैं। वही स्थान परिवर्तन के मामले में राजनैतिक सिफारिश नहीं होने की वजह से वरिष्ठता सूची से लेकर ऑफिस में अटैच उपयंत्रीयो की अनदेखी लगातार की जाती रही है।
 खबर शिकायत, जांच के बावजूद नए आदेश जारी.. जनपद पंचायतों में मनरेगा के तहत पदस्थ उपयंत्री यों को कुछ जनप्रतिनिधियों तथा राजनेताओं की अनुशंसा पर एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर में पदस्थ किए जाने की शिकायत है दमोह से लेकर भोपाल सागर तक होने तथा अपर सचिव से लेकर कमिश्नर तक जांच के आदेश दिए जाने के बावजूद तबादलों के नए आदेश जारी होना चर्चाओं में है।
उपरोक्त हालात को लेकर 2 फरवरी 2023 को विभिन्न समाचार पत्रों में खबर प्रकाशन के बाद उपयंत्री ओके नियम विरुद्ध तबादले की शिकायतें प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा कलेक्टर एवं जिला सतर्कता अधिकारी को की गई थी। जिस पर विकास आयुक्त कार्यालय भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 1849 दिनांक  23 फरवरी 2023 के जरिए अवर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास को उक्त शिकायत जांच कार्यवाही हेतु अग्रेषित की थी।
श्री सुरेश आर्य अतिरिक्त संचालक शिकायत/ सतर्कता/ ई ओ डब्ल्यू/ लोकायुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय द्वारा पत्र क्रमांक 6/1/4/002/A.S. दिनांक 28 मार्च 2023 को आयुक्त सागर संभाग को तद संदर्भ में पत्र जारी करके शिकायत की जांच करके प्रतिवेदन अपने अभिमत सहित तत्काल विभाग को उपलब्ध कराने हेतु लिखा था। 3 माह बाद भी उपरोक्त मामले में क्या जांच कार्यवाही हुई इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को आज तक प्राप्त नहीं हो सकी है।
 दूसरी ओर संविदा पर कार्यरत 13 उपयंत्री यों की तबादला नवीन पदस्थापना सूची को स्थान परिवर्तन के नाम पर जारी कर दिया गया। उपरोक्त सूची में अनेक ऐसे उपयंत्री हैं जिनके सेक्टर में कागजों में निर्माण घटिया कार्य जैसे मामलों की शिकायत व जांच लंबित हैं। बरसों से आरईएस कार्यालय में अटैच सहायक यंत्री अशोक शर्मा को किसी भी सेक्टर में पदस्थ नहीं किया जाना और आरके गोस्वामी जैसे चर्चित उपयंत्री को सहायक यंत्री बनाकर जिले भर में टीएस पावर देकर कार्य कराए जाने जैसे हालात सामने आते रहे हैं। इसके बावजूद 3 जिलों का प्रभार संभालने वाले ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के कार्यपालन यंत्री के वरदहस्त तथा कुछ नेताओं के संरक्षण के चलते मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना को पलीता लगाने वाले तथाकथित उपयंत्री यों को नए क्षेत्रों में भेजे जाने के पीछे कुछ नेताओं जनप्रतिनिधियों के निजी कार्य संचालन होना बताया जा रहा है। इसी तरह पिछले दिनों ग्राम पंचायतों के सचिवों के तबादलों के पीछे भी नेताओं की मंशा साफ झलकती नजर आई थी। जिसको लेकर पंचायत सचिव संघ द्वारा आपत्ति जताते हुए शिकायतें भी की गई थी।

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