सीआरपीएफ जवान जीवनलाल की देह को अंतिम विदाई
दमोह
जिले के कुंडलपुर निवासी सीआरपीएफ के जवान का ड्यूटी के दौरान पुणे
महाराष्ट्र में 6 जून को निधन हो गया था। जिनकी मौत की खबर लगते ही समूचे
कुंडलपुर क्षेत्र सहित जिले भर में शोक की लहर व्याप्त हो गई थी। फ्लाइट
और सीआरपीएफ के विशेष वाहन से 8 जून को पार्थिव देह ग्रह ग्राम कुंडलपुर
पहुंचा।
जहां पुणे महाराष्ट्र में आर्मी ऑफिसर रेपिड एक्शन फोर्स में एस आई
के पद पर पदस्थ शहीद जवान जीवनलाल चौधरी को राजकीय सम्मान गार्ड ऑफ ऑनर के
साथ अंतिम विदाई दी गई।
उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे हजारो
लोगों ने उन्हे नम आंखों से अंतिम विदाई दी। बेटे नवीन चौधरी ने उन्हे
मुखाग्नि दी। वहीं सीआरपीएफ के जवानों ने भी अपने साथी की असमय मृत्यु पर
गहन शोक व्यक्त करते हुए संवेदनाएं व्यक्त की।
सात में से सिर्फ तीन जनपदों में सहायक मानचित्र कार
दमोह। जिला पंचायत के अंतर्गत आने वाली जिले की सातों जनपद पंचायतों में से पटेरा जबेरा बटियागढ़ में ही सहायक मानचित्र कार पदस्थ हैं जबकि शासन के दिशा निर्देश अनुसार 70 ग्रामपंचायत या अधिक ग्राम पंचायत वाली जनपद पंचायत में एक से अधिक सहायक यंत्री तथा इस हेतु सहायक मानचित्रकार कार पदस्थ होना चाहिए। लेकिन जिले में इस बात की लंबे समय से अनदेखी की जा रही है।
जिले के जिन तीन जनपदों में मानचित्र कार पदस्थ है वह उनके बारे न्यारे जैसे हालात देखने को मिलते हैं। पटेरा जनपद पंचायत में पदस्थ सहायक मानचित्र कार प्रशांत विश्वकर्मा अपनी नियम विरुद्ध कार्यप्रणाली के लिए ख्याति प्राप्त करने के साथ गजब ढा रहे हैं। पटेरा जनपद में पदस्थ होने के बावजूद दमोह में निवासरत प्रशांत विश्वकर्मा के पटेरा आने जाने का का कोई समय फिक्स नहीं होता। लंबे समय से अप डाउन करना श्री विश्वकर्मा की कार्यप्रणाली पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं लेकिन स्थानीय नेताओं का वरदहस्त और एक चर्चित उपयंत्री का संरक्षण हासिल होने की वजह से इनकी मनमानी कार्यप्रणाली बेरोकटोक चल रही है। इनके खिलाफ शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई, एक महिला सरपंच द्वारा पिछले दिनों की गई शिकायत में इनकी कार्यप्रणाली से परेशान होकर सरपंच पद से इस्तीफा तक देने की चेतावनी दी गई थी इसके बाद भी सहायक मानचित्र कार पर ना कोई कार्यवाही की गई और ना ही इनकी कार्यप्रणाली में कोई सुधार आया।
उल्लेखनीय है कि पटेरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायतों में सबसे अधिक भ्रष्टाचार और कागजों में आधे अधूरे कार्य कराकर राशि आहरण कर लेने की सबसे अधिक शिकायत सामने आती रही है। इसके बावजूद इनकी मनमानी कार्यप्रणाली पर ग्राम लगता नहीं दिख रहा है। जबकि वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक प्रिंट मीडिया में भी इनके क्रियाकलापों के किस्से वायरल होते रहे हैं। पिछले महीने सागर लोकायुक्त की टीम द्वारा जनपद पंचायत पटेरा कार्यालय में पदस्थ एक एपीओ को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि इनके क्रियाकलाप में सुधार होगा लेकिन इसके बाद भी इनके हौसले बुलंद है।
उल्लेखनीय की दमोह जनपद पंचायत में 89 पंचायत है और लेकिन यहां पर मानचित्र कार के रूप में इनकी पदस्थापना करने के बजाए पटेरा जनपद पंचायत मैं नियुक्ति दिनांक से आज तक लगभग १५ वर्ष से एक ही जगह पर पदस्थ रहकर या नियम विरुद्ध कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उनके क्रियाकलापों को ध्यान में रखकर पटेरा से हटाकर और दमोह जनपद जल्दी बड़ी जनपद पंचायत में पदस्थ किए जाने और उनके कार्यकाल में हुए कार्य का भुगतान की जांच कराए जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है।
दमोह। जिला पंचायत के अंतर्गत आने वाली जिले की सातों जनपद पंचायतों में से पटेरा जबेरा बटियागढ़ में ही सहायक मानचित्र कार पदस्थ हैं जबकि शासन के दिशा निर्देश अनुसार 70 ग्रामपंचायत या अधिक ग्राम पंचायत वाली जनपद पंचायत में एक से अधिक सहायक यंत्री तथा इस हेतु सहायक मानचित्रकार कार पदस्थ होना चाहिए। लेकिन जिले में इस बात की लंबे समय से अनदेखी की जा रही है।
जिले के जिन तीन जनपदों में मानचित्र कार पदस्थ है वह उनके बारे न्यारे जैसे हालात देखने को मिलते हैं। पटेरा जनपद पंचायत में पदस्थ सहायक मानचित्र कार प्रशांत विश्वकर्मा अपनी नियम विरुद्ध कार्यप्रणाली के लिए ख्याति प्राप्त करने के साथ गजब ढा रहे हैं। पटेरा जनपद में पदस्थ होने के बावजूद दमोह में निवासरत प्रशांत विश्वकर्मा के पटेरा आने जाने का का कोई समय फिक्स नहीं होता। लंबे समय से अप डाउन करना श्री विश्वकर्मा की कार्यप्रणाली पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं लेकिन स्थानीय नेताओं का वरदहस्त और एक चर्चित उपयंत्री का संरक्षण हासिल होने की वजह से इनकी मनमानी कार्यप्रणाली बेरोकटोक चल रही है। इनके खिलाफ शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई, एक महिला सरपंच द्वारा पिछले दिनों की गई शिकायत में इनकी कार्यप्रणाली से परेशान होकर सरपंच पद से इस्तीफा तक देने की चेतावनी दी गई थी इसके बाद भी सहायक मानचित्र कार पर ना कोई कार्यवाही की गई और ना ही इनकी कार्यप्रणाली में कोई सुधार आया।
उल्लेखनीय है कि पटेरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायतों में सबसे अधिक भ्रष्टाचार और कागजों में आधे अधूरे कार्य कराकर राशि आहरण कर लेने की सबसे अधिक शिकायत सामने आती रही है। इसके बावजूद इनकी मनमानी कार्यप्रणाली पर ग्राम लगता नहीं दिख रहा है। जबकि वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक प्रिंट मीडिया में भी इनके क्रियाकलापों के किस्से वायरल होते रहे हैं। पिछले महीने सागर लोकायुक्त की टीम द्वारा जनपद पंचायत पटेरा कार्यालय में पदस्थ एक एपीओ को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि इनके क्रियाकलाप में सुधार होगा लेकिन इसके बाद भी इनके हौसले बुलंद है।
उल्लेखनीय की दमोह जनपद पंचायत में 89 पंचायत है और लेकिन यहां पर मानचित्र कार के रूप में इनकी पदस्थापना करने के बजाए पटेरा जनपद पंचायत मैं नियुक्ति दिनांक से आज तक लगभग १५ वर्ष से एक ही जगह पर पदस्थ रहकर या नियम विरुद्ध कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उनके क्रियाकलापों को ध्यान में रखकर पटेरा से हटाकर और दमोह जनपद जल्दी बड़ी जनपद पंचायत में पदस्थ किए जाने और उनके कार्यकाल में हुए कार्य का भुगतान की जांच कराए जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है।
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