विद्याविज्ञान कार्यक्रम में सारिका ने कराया शुक्रदर्शन
आज शाम पूर्वी आकाश में स्ट्राबेरी मून के साथ ही पश्चिमी आकाश में चमकता और आम लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाला वीनस आज अपनी परिक्रमा पथ के खास मुकाम पर था । आंखों से पूरा चमकदार दिखने वाले इस प्लेनेट को जब टेलिस्कोप से देखा तो वो आधा चमक रहा था । इस घटना का खगोल विज्ञान बताने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने विद्याविज्ञान कार्यक्रम का आयोजन किया।
सारिका ने बताया कि सूर्य से दूसरा ग्रह शुक्र अपनी परिक्रमा करते हुये आज उस स्थिति में था जब इसकी सूर्य से कोणीय दूरी 2023 के लिये सबसे अधिक थी । इसे वीनस एट ग्रेटेस्ट इलोंगेशन ईस्ट कहते हैं । आज इस कारण वीनस का पूरा 50 प्रतिशत भाग सूर्य के प्रकाश से चमकता हुआ पृथ्वी से दिख रहा था । खगोलविज्ञान में इये वीनस एट डायकोटॉमी कहते हैं । ये दोनो घटनायें एक साथ घटित हुई । वीनस क्षितिज से 42 डिग्री एल्टीट्यूड पर रहते हुये माईनस 4.3 के मैग्नीट्यूड से चमचमा रहा था ।
सारिका ने बताया कि आमतौर पर शुक्र को देखने पर चमकता तो दिखता है लेकिन इसका 50 प्रतिशत से कम भाग ही चमकता दिखता है । सामान्य आंखों से देखने पर ऐसा लगता है मानो पूरी डिस्क चमक रही हो । अब इसकी चमक और बढ़ेगी और 9 जुलाई को यह सबसे चमकदार दिखेगा । सारिका ने बताया कि शाम के समय वीनस एट डायकोटॉमी की अगली घटना 12 जनवरी 2025 को देख पायेंगे । सारिका घारू @GharuSarika
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