जल भराव में बह गए युवक का शव नाले ने फंसा मिला..
दमोह। इस वर्ष मानसून की लेट दशक के बावजूद बरसाती पानी के निकासी के लिए पालिका प्रशासन द्वारा आवश्यक इंतजाम समय रहते नहीं किए जाने का नतीजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। जगह-जगह जलभराव के हालात के साथ निचली बस्ती और घरों में बरसात का पानी भरने के हालात बने हुए हैं। इधर गन्दे नालों का पानी सड़क पर आ जाने से अनेक सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी रही।
लगातार जारी झमाझम बारिश की वजह से बुधवार को दिन में अनेक बार शहर के अनेक क्षेत्रों में सड़के जलमग्न होती रही। वाहन चालको व राहगीरों को यह समझने में परेशानी होती रही कि कहां नाली है, कहा सड़क है और कहा पर गड्ढे है। जिससे अनेक बार राहगीर दो पहिया वाहन चालक हादसों के शिकार होते रहे। ऐसे ही कुछ हालातों के बीच स्टेट बैंक चौराहा किल्लाई नाकै से सेंट्रल स्कूल तरफ जाने वाले मार्ग का बड़ा नाला बरसाती पानी से भरे रहने की वजह से हादसों की वजह बनता रहा।
इस बात का अंदाजा शाम के समय लोगों को उस वक्त हुआ जब बारिश रुकने पर नाले का पानी खाली होने पर सुरेखा कॉलोनी के समीप एक युवक नाले में फसा हुआ नजर आया। युवक के नाले में फंसे होने की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई और पुलिस को सूचना दी गई। सागर नाका चौकी प्रभारी गरिमा मिश्रा के पुलिस के साथ मौके पर पहुंचने के बाद नाले में फंसे युवक को बाहर निकलवाया गया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
युवक की पहचान खजरी मोहल्ला निवासी पप्पू गुप्ता के रूप में की गई। नाले से बाहर निकाले जाने के दौरान यह साफ हो गया था कि युवक की सांसे थम चुकी है। जिससे उसके शव को जिला अस्पताल की मर्चुरी में रखवा दिया गया है। गुरुवार को पोस्टमार्टम के उपरांत शव परिजनों को सौंपा जाएगा। मामले में सागर नाका चौकी प्रभारी गरिमा मिश्रा का कहना था कि प्रथम दृष्टया युवके के शव के नाले में बहकर आने की संभावना जताई जा रही है।
वही पुलिस द्वारा आसपास के लोगों से पूछताछ करके जांच की जा रही है। यह युवक किन हालातों में नाले में बह कर मौत के आगोश में चला गया या फिलहाल जांच का विषय है लेकिन प्रथम दृष्टया यह कहा जा सकता है कि बारिश के पानी के जलभराव की वजह से निर्मित हालातों के कारण इसकी जान चली गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर पप्पू की मौत के कारणों का खुलासा भले ही हो जाएगा लेकिन पप्पू की मौत का जिम्मेदार किसको ठहराया जाएगा ? क्या उसके परिजनों को आर्थिक मदद करने के लिए नगर पालिका प्रशासन आगे आएगा ? या फिर हमेशा की तरह जिम्मेदारी से जिम्मेदार आंख मूंदे रहेंगे।
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