एंबुलेंस में गाय को वध हेतु ले जाना महंगा पड़ गया..
दमोह। मरीजों की जान बचाने के लिए काम आने वाली एंबुलेंस का उपयोग क्या गाय की तस्करी और क्रूरता पूर्वक बंधक बनाकर वध हेतु कसाई मंडी ले जाने के लिए भी किया जा सकता है ? यह सवाल सुनकर भले ही आश्चर्य में पड़ जाए लेकिन दमोह जिला मुख्यालय पर 6 साल पहले सामने आये ऐसे ही एक मामले के कोर्ट में सही साबित होने पर चार आरोपियों को सजा के साथ जुर्माने से दंडित किया गया है।
न्यायालय माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दमोह ने मप्र गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम की धारा 6/9 एवं पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 के तहत 17 मई को निर्णय देते हुए अभियुक्तगण आमिर पिता अनवर खान 24 वर्ष, साजिद पिता सकील कुरैशी 21 वर्ष, अरमान पिता उस्मान खान उम्र 21 वर्ष तथा गोलू उर्फ साहिद पिता बबलू खान 20 वर्ष को एक एक वर्ष के सश्रम कारावास और पांच पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी विपिन राजपूत ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि कोतवाली में उपनिरीक्षक अमित गौतम दिनांक 28 जनवरी 2017 को हमराह स्टाफ के साथ रात्रि गस्त चैक करते हुये सवालाख मानस पाठ चौराहे के पहले मुर्गी फार्म हाउस के सामने पहुंचे थे। जहां रोड पर एक सफेद रंग की एंबूलेंस टबेरा कंपनी की जिसका रजिस्टर्ड नंबर एम.पी.20 डी.ए.1290 लिखा था एबूलेंस संदिग्ध अवस्था में खड़ी दिखी। हमराह की मदद से एबूलेंस को चेक किया तो एबूलेंस के अंदर एक सफेद रंग की गाय रस्सियों से क्रूरतापूर्वक बंधी हुई मिली। एंबूलेंस के अंदर गाय का ताजा गोबर भी पड़ा हुआ था।
उक्त एबूलेंस में चार लड़के बैठे थे जिनसे पूछताछ करने पर उन्होंने अपना नाम एवं निवास बताया। एबूलेंस चालक से पूछताछ करने पर एंबूलेंस शुभांशु दुबे की होना बताया गया और वह इस एबूलेंस में ड्राईवरी का काम करता है। अभियुक्तगणों से पूछताछ किये जाने पर उन्होंने एबूलेंस के पीछे पड़ी हुयी गाय को राजनगर और एरोरा के बीच रोड से उठाया जाना फिर रस्सियों से बांधकर एबुलेंस में रखा था और इस गाय को वध करने के लिये कसाई मंडी दमोह ले जा रहे थे|
उक्त गाय को हमराही स्टाफ की मदद से रस्सियां खोलकर सावधानीपूर्वक नीचे गया। एंबूलेंस चालक अभियुक्त आमिर खान से एंबूलेंस के कागजात के संबंध में पूछने पर संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किये। अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध धारा 6/9 गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम धारा 10 म.प्र. कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम धारा 11 पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय पाये जाने से अभियुक्तगण के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया
संपूर्ण विवेचना कार्यवाही उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अभिलेख पर आई साक्ष्य एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपीगण को दोषी पाते हुए मध्य प्रदेश गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 की धारा 09 के तहत 01-01 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000-5000 रुपये के दंड से दंडित किया गया ।
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