पत्नी नही आई तो पति ने को ट्रेन से कटकरजान दे दी
दमोह। क्या गरीबी तंगहाली इसी कों कहते है कि पहले पत्नि छोड़कर मायके चली जाए उसे लेने जाए तो साले मारपीट करके भगा देवे। घर लौटकर आए तो भूखे सोने को मजबूर होना पड़े। अंत में इन हालातों से तंग आकर जीवन लीला समाप्त करने पर शव वाहन भी नसीब न हो तथा परिजनों को खाट पर शव लाने को मजबूर होना पड़े। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि दबंग विधायक के क्षेत्र पथरिया में एक गरीबं दलित परिवार के हालात बयान करते वह हालात है जो सिस्टम की पोल खोलने के लिए काफी कहें जा सकते है।
दमोह
जिले के पथरिया निवासी एक युवक के द्वारा अपनी पत्नी के वियोग में ट्रेन
से टकराकर लीला समाप्त कर लेने का दुखद दर्दनाक घटनाक्रम सामने आया है। वही
मौत के बाद शव वाहन नहीं मिलने से परिजनों को चारपाई पर रखकर लाश लाने को
मजबूर होने जैसे शर्मनाक हालात भी सामने आए हैं। प्राप्त
जानकारी के अनुसार पथरिया के वार्ड 14 निवासी राजेश अहिरवार की पत्नी 4
दिन पहले किसी को बिना बताए अपने मायके चली गई थी। जिसे लेने के लिए राजेश
दो अन्य लोगों के साथ ससुराल कर्रापुर गया था। लेकिन पत्नी ने सांप आने से
मना कर दिया और साले ने मारपीट कर दी। इसके बाद पथरिया वापस लौटे राजेश ने
उपरोक्त घटनाक्रम की जानकारी अपने मंगलवार रात अपने पिता को दी। उसके बाद
रात में बिना खाना खाए सो गए राजेश का शव बुधवार को रेलवे ट्रैक पर पड़ा
मिला।
परिजनों के अनुसार ससुराल में हुए व्यवहार से दुखी होकर उसने गिलानी
बस अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इधर पोस्टमार्टम के बाद शव को घर लाने के
लिए किसी भी वाहन का इंतजाम नहीं होने पर परिजन मजबूरी में चारपाई पर शव
रखकर पैदल चलकर घर पहुंचे। बताया जा रहा है कि गरीब परिस्थिति के राजेश के
परिजनों के पास प्राइवेट शव वाहन करने के लिए रुपए नहीं थे वही पार्षद हर
प्रसाद द्वारा भी नगर पालिका में शव को घर तक पहुंचाने के लिए वाहन की मांग
की गई थी। लेकिन कोई वाहन उपलब्ध नही हो पाने से अंततः शव को चारपाई के
सहारे घर लाया गया इसके बाद जैसे तैसे अंतिम संस्कार की क्रियाओं को संपन्न
कराया गया।
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