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मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के दौरान दमोह जिले में रिश्वतखोरी का दंश.. सागर लोकायुक्त की टीम ने पटेरा जनपद कार्यालय में.. सहायक कार्यक्रम अधिकारी को सरपंच से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा..

स. कार्यक्रम अधिकारी 20000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार

दमोह। जिले में एक बार फिर एक रिश्वतखोर अधिकारी लोकायुक्त के शिकंजे में फंसा है। सागर लोकायुक्त की टीम ने 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पटेरा में एक कार्यक्रम अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा है। रिश्वत की यह रकम एक सरपंच से ली जा रही थी। जबकि दस हजार रुपए दो दिन पहले लिए जा चुके थे।  मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्यवाही की है। 
रिश्वतखोरी का यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब पूरे प्रदेश के साथ दमोह जिले में भी मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान जोर शोर से चलाया जा रहा है कलेक्टर सहित वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि 44 डिग्री टेंपरेचर में गांव गांव जाकर अभियान की मानिटरिंग कर रहे हैं ऐसे में एक भ्रष्ट अधिकारी किस तरह से मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेरने में जुटा हुआ था इसका अंदाजा लोकायुक्त द्वारा की गई कार्यवाही से लगाया जा सकता है।

सागर से गुरुवार दोपहर दमोह जिले के पटेरा तहसील मुख्यालय पहुंची लोकायुक्त की टीम ने डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए पटेरा तहसील के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सुदर्शन पटेल को सरपंच आनंद सिंह से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने के बाद कार्यवाही की है। लोकायुक्त कारवाही की खबर से पटेरा जनपद कार्यालय में हड़कंप के हालात बने रहे तथा लोग चटकारे लेकर यहां व्याप्त भ्रष्टाचार की चर्चा करते नजर आए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम शिकारपुर निवासी सरपंच आनंद सिंह सागर लोकायुक्त एसपी को दिए आवेदन में बताया था कि उसके काम की फोटो को पोर्टल पर सत्यापित करने के बदले में ₹30000 की रिश्वत की मांग की जा रही है। जिसमें से ₹10000 वह दो दिन पहले दे चुका है। लोकायुक्त ने शिकायत की पुष्टि की और पटेरा पहुंचकर पंचायती राज में पलीता लगा रहे इस भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ने के बाद इसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्रवाई करने में देर नहीं की।
 उल्लेखनीय है कि दमोह जिले के पटेरा जनपद क्षेत्र में सबसे अधिक पंचायती राज को पलीता लगाते हुए कागजों में कार्य संचालित किये जा रहे हैं। अधिकांश उपयंत्री, सहायक यंत्री, सचिव, सहायक सचिव, सरपंच आदि की मिली भगत से फर्जी मस्टरो के जरिए मनरेगा के कार्य कागजों तक सीमित है। अधिकारियों की मिली भगत से फर्जी कार्यों के नए आयाम स्थापित कियेजा रहे हैं। अनेक मामलों में जनपद के सीईओ से लेकर जिला पंचायत के सीईओ तक शिकायतें पहुचने के बाद भी जांच के नाम पर शिकायत कर्ताओं को भी भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगवाकर 16 दूनी आठ के हालात को निर्मित करने की चर्चा सरगम है।
आज जिस कार्यालय में पहुंच लोकायुक्त द्वारा कार्यवाही की गई है वहां पर कुछ दिन पहले ही कलेक्टर से लेकर जिला पंचायत के सीईओ एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों ने बैठक ली थी और मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के सफल क्रियान्वयन के निर्देश दिए थे लेकिन यहां पर क्रियान्वयन किस तरह से किया जा रहा था आज की इस कार्रवाई से अंदाजा लगाया जा सकता है। कार्रवाई करने वाली लोकायुक्त टीम में डीएसपी राजेश खेड़े एवं प्रफुल्ल श्रीवास्तव, निरीक्षक  बी एम द्विवेदी एवं अभिषेक वर्मा तथा विपुस्था स्टाफ शामिल रहा

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