हाईकोर्ट ने छिंदवाड़ा एसपी को सस्पेंड करने के आदेश दिए
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने वारंट तामीली में लापरवाही के आरोप में छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा को निलंबित करने के आदेश दिये। पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है कि वे स्वयं 19 अप्रैल तक वारंट की तामीली कराएं।
हाईकोर्ट के अगले आदेश तक विनायक वर्मा निलंबित रहेंगे। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलमथ एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बैंच ने जारी किया है।हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद जबलपुर से भोपाल तक हडकंप मचा हुआ है। भोपाल में बैठकों के दौर चल रहे हैं।
शादी का झांसा दे बलात्संग,20 वर्ष का कठोर कारावास
पन्ना।
कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना के सहा. मीडिया
प्रभारी/सहा.जि.लोक अभि.अधि. रोहित गुप्ता के बताये अनुसार अभियोजन कहानी
संक्षेप में इस प्रकार है कि, अभियोक्त्री अपने नाना के घर रहकर पढ़ाई करती
थी, दिनांक 11.03.2021 को अभियोक्त्री के नाना ने थाना सिमरिया में उपस्थित
होकर इस आशय की मौखिक रिपोर्ट किया कि दिनांक 10.03.2021 को सुबह 8 बजे वह
मजदूरी करने चला गया था, पत्नी बाहर गयी थी, अभियोक्त्री घर पर थी, जब
दोपहर करीब 1 बजे वह खाना खाने घर आया तो घर का ताला लगा था। घर की चाबी
पडा़ेसी के यहां रखी थी, चाबी लेकर ताला खोलकर खाना खाया। उसके बाद नातिन
का गांव में पता किया तो कहीं पता नहीं चला, सभी जगह तलाश किया
रिश्तेदारियों में पता किया कहीं कोई पता नहीं चला। उसे शक है कि उसकी
नातिन को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर कहीं भगाकर ले गया है। उसे
जीतेन्द्र वर्मन के उपर संदेह है। अभियोक्त्री के नाना की उक्त मौखिक
रिपोर्ट के आधार पर थाना सिमरिया में अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध
पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। दौरान विवेचना अभियोक्त्री को
दिनांक 25.05.2021 को आगरा से दस्तयाब कर दस्तयाबी पंचनामा बनाया गया तथा
अभियोक्त्री के कथन लेखबद्ध किये गये, अभियोक्त्री द्वारा अपने कथनों में
बताया गया कि जीतेन्द्र वर्मन उसे शादी का प्रलोभन देकर भगा ले गया था तथा
उसके साथ लगातार गलत काम करता था। अभियुक्त एवं अभियोक्त्री का चिकित्सकीय
परीक्षण कराया गया। अभियुक्त को गिरफ्तारी पत्रक अनुसार गिरफ्तार किया गया।
संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय
के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। माननीय
न्यायालय श्रीमान इन्द्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश(पाक्सो) एक्ट के
न्यायालय मे प्रकरण का विचारण हुआ। शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन
अधिकारी श्री संदीप कुमार पाण्डेय द्वारा की गयी। अभियोजन द्वारा साक्ष्य
को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी जीतेन्द्र
उर्फ जित्तू वर्मन के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा
आरोपी के कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुये कठोर से कठोरतम दंड से
दंडित किया जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को
एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय श्रीमान
इन्द्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश(पाक्सो) एक्ट की न्यायालय द्वारा आरोपी -
जीतेन्द्र उर्फ जित्तू वर्मन को क्रमशः धारा- 363, 366ए एवं 376(3) भादसं.
एवं 3/4(2) पाॅक्सो एक्ट के आरोप में क्रमशः 03 वर्ष, 05 वर्ष, 20 वर्ष
एवं 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500/-रूपए, 500/-रूपए, 2000/-रूपए,
2000/-रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
आरोपी को चैक बाउंस के मामले में किया दोषमुक्त
दमोह। परिवादी
नेकपाल सिंह राजपूत प्रो.प्रा. सांईराम ट्रेक्टर्स ने आरोपी लखन बसंल
निवासी ग्राम विनती तहसील हटा जिला दमोह वालो को एक स्वराज कंपनी का
ट्रेक्टर 5 लाख रूपयो में विक्रय किया था जिसका आरोपी ने महिन्द्रा एण्ड
महिन्द्र कंपनी से फायनेंस कराया था तथा किश्तो की अदायगी आरोपी ने
महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा कंपनी को कर दी थी महिन्द्रा कंपनी ने आरोपी को
जब ट्रेक्टर फायनेंस किया था तब तीन कोरे हस्ताक्षर युक्त चैक ले लिये थे,
आरोपी ने मार्जन मनी जमा करने के लिये कुछ राशि परिवादी नेकपाल सिंह राजपूत
से उधार ले ली थी जिसकी अदायगी भी आरोपी ने नेकपाल सिंह राजपूत को कर दी
थी फिर भी परिवादी ने महिन्द्रा फायनेंस कंपनी से आरोपी के हस्ताक्षर युक्त
एक चेक लेकर आरोपी के विरूद्व धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम के तहत एक
मामला न्या.मजि.प्र.श्रे. दमोह के न्यायालय में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया
था जिसका प्र.क्र. 79/2017 था। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में
स्वयं की साक्ष्य एवं दस्तावेज न्यायालय में सबूत किये थे तदोपरांत आरोपी
ने अपने बताव में स्वयं की साक्ष्य के साथ साथ परिवादी से ली गई ऋण की राशि
की अदायगी किये जाने के संदर्भ में बिल भी प्रकरण में प्रस्तुत किये थे
तदुपरांत विचारण न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश श्री सुशील कुमार अग्रवाल
न्या.मजि.प्र.श्रे. दमोह ने आरोपी के अधिवक्तागण पीआर पटेल, मयंक पटैल,
अनूप कुमार, विनोद पटैल, टीएल प्रजापति एवं श्रीमती अल्का कोष्टी की तर्को
एवं बहस तथा साक्षियो से की गई जिरह से सहमत होकर आरोपी लखन बंसल को
दोषमुक्त कर दिया गया।
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