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शेर की मौसी बनी मासूम की जान की दुश्मन.. घर में सो रही ढाई माह की मासूम जुड़वा बहिनों पर बिल्ली की बक्र दृष्टि.. पलक झपकते केट के अटैक से एक मासूम की सांसे थमी दूसरी बची.. सागर नाका पुलिस जांच में जुटी..

बिल्ली के हमले से मासूम शिवांशी की सांसें थमी..

दमोह में शेर की मौसी यानी बिल्ली के हमले से एक-दो माह की मासूम बच्ची की मौत हो जाने की दुखद दर्दनाक घटना सामने आई है। पलक झपकते हुए इस घटनाक्रम के बाद परिजन मासूम को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे जहां इलाज के दौरान उसकी जान को नहीं बचाया जा सका।
दमोह के सुरेखा कॉलोनी में रहने वाले नीलेश खरे के परिवार पर रविवार को उस समय बज्रघात जैसे हालात निर्मित हो गए जब घर में सो रही 2 माह की मासूम बिटिया शिवांशी पर अचानक आई एक बिल्ली ने हमला कर दिया। मासूम के चीखने और रोने की आवाज सुनकर जैसे ही उसकी बात कमरे में पहुंची तो बिटिया लहूलुहान दिखी वही एक बिल्ली भागती हुई नजर आई। 
बिल्ली द्वारा अटैक किए जाने का मामला समझ में आते ही आनन-फानन में परिवार जन पहले बेटी को एक निजी अस्पताल में ले गए। लेकिन वहां पर डॉक्टर के नहीं मिलने पर वह जिला अस्पताल लेकर पहुचे। जहां प्राथमिक उपचार के दौरान ही मासूम की सांसे थम गई। जिसके बाद पोस्टमार्टम कार्यवाही करके सब परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है वही गमगीन माहौल में शिवांगी को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया।
 पूरे घटनाक्रम के संदर्भ में पिता निलेश खरे ने बताया कि अपने ही घर में थे और घटना के दौरान उनकी पत्नी टॉयलेट में थी। दो ढाई माह पूर्व ही उनकी पत्नी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। जिनमें से एक बच्ची कमरे में सो रही थी जो अचानक बिल्ली के हमले का शिकार ही गई। मामले में सागर नाका चौकी पुलिस ने मर्ग कायम करके जांच शुरू कर दी है। उक्त घटनाक्रम ने सावधानी हटी और दुर्घटना घटी की बात को एक बार फिर सच साबित कर दिया है जिन भी घरों में छोटे बच्चे हैं उन परिजनों को घटनाक्रम के बाद विशेष सावधानी की आवश्यकता कहीं जा सकती है।

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