पत्नी और सालों को फसाने के लिए वकील की साजिश
दमोह। शोषित
पीड़ित तबके को न्याय दिलाने की जंग लड़ने वाला कोई वकील क्या अपनी ही
क्लाइंट के साथ मिलकर अपनी ही पत्नी तथा सालों से बदला लेने के लिए उनको
मारपीट लूट बलात्कार जैसे मामले में फंसाने की साजिश रच सकता है ? इनके
खिलाफ लूट बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है ? ऐसा मामला तो शायद किसी
फिल्मी स्टोरी और टीवी सीरियल में भी सामने नहीं आया होगा.. लेकिन ऐसे ही
एक मामले का चौंकाने वाला खुलासा दमोह एसपी राकेश कुमार सिंह द्वारा जब
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया गया तो एक सप्ताह पहले रजपुरा थाना अंतर्गत हुए
मारपीट लूट बलात्कार मामले की खबर को जोर शोर से प्रसारित प्रसारित करने
वाले मीडिया कर्मी भी आश्चर्य में पढ़ते नजर आए।
दरअसल
एक महिला ने अपने भाई के साथ बाइक से छतरपुर से दमोह जिले के भिलोनी आते
समय जंगल में कुछ लोगों द्वारा मारपीट करके लूट की वारदात को अंजाम देने और
भाई के बेहोश हो जाने पर एक व्यक्ति द्वारा जंगल में ले जाकर बलात्कार किए
जाने की वारदात 3 अप्रैल की रात होने की रिपोर्ट रजपुरा पुलिस थाने में
दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध करके अज्ञात
आरोपियों की पतासाजी का जहां प्रयास किया जा रहा था वही महिला का मेडिकल
कराने के साथ धारा 164 के तहत लिए गए उसके कथनों में तीन आरोपियों के नाम
भी सामने आए थे।
रेखा कुशवाहा नामक महिला द्वारा अपने अधिवक्ता नीरज
कुशवाहा की मौजूदगी में दिए बयानों में बताया गया था कि वह अपने भाई राहुल
के साथ बाइक से गांव भिलोनी जाने के लिए 3 अप्रैल को छतरपुर से रवाना हुई
थी। रास्ते में रजपुरा थाना अंतर्गत गौशाला के पास एक महिला सहित चार पांच
लोगों ने पकड़ कर मारपीट की। मोबाईल गहने आदि की लूटपाट की तथा भाई के
बेहोश हो जाने पर रामेश्वर तथा रामकली ने उसको पकड़ा तथा जगदंबा कुशवाहा ने
जंगल मे उसके साथ बलात्कार किया।
एसपी राकेश कुमार
सिंह के निर्देशन में गठित अलग-अलग पुलिस टीमों के द्वारा जब महिला के बयान
के आधार पर जांच प्रारंभ की गई तो घटना दिनांक के दिन रजपुरा थाने के बाहर
लगे सीसीटीवी में उनके कोई फुटेज नजर नहीं आए। वही छतरपुर जिले में जाकर
जांच करने पर 3 अप्रैल के बजाय 30 मार्च को नीरज कुशवाहा के साथ महिला के
जाने की जानकारी सामने आई। इधर जिस मोबाइल की लूट की
रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जांच के दौरान वह लंबे समय से बंद पाया गया वहीं
महिला का दूसरा मोबाइल की लोकेशन 30 मार्च से 3 अप्रैल के बीच उनके गांव
भिलोनी की पाई गई।
इस तरह महिला द्वारा दिए गए बयान जब जांच के दौरान असत्य
पाए गए तो पुलिस ने फिर अन्य एंगिल से जांच को आगे बढ़ाया चौंकाने वाले
तथ्य निकलकर सामने आए। दरअसल रेखा कुशवाहा का विवाह हिंडोरिया थाना अंतर्गत
हुआ था। जहां पति तथा ससुराल वालों से विवाद के चलते दहेज प्रकरण पंजीबद्ध
करा कर वह अपने मायके भिलोनी आ गई थी। उसके द्वारा ससुराल वालों के खिलाफ
दर्ज कराए गए मामले की पैरवी अधिवक्ता नीरज कुशवाहा कर रहे थे। जिनके
सीनियर यहां पर छतरपुर में रेखा कुशवाहा घरेलू काम करने लगी थी।
इधर
वकील नीरज कुशवाहा का अपनी पत्नी और ससुराल वालों से विवाद के चलते दोनों
पक्षों द्वारा एक दूसरे के खिलाफ छतरपुर जिले मामला भी दर्ज कराया गया था।
नीरज की क्लाइंट रेखा कुशवाहा द्वारा 3 अप्रैल को अपने साथ हुई वारदात जो
रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी उसमें रामकली नाम की महिला वास्तव में नीरज की वही
पत्नी थी जिससे इनका विवाद चल रहा था। इधर रामेश्वर व जगदंबा नीरज के
साले थे जिनमें जगदंबा पर रेखा द्वारा बलात्कार का आरोप लगाया गया था। जबकि
पुलिस द्वारा की गई जांच में घटना के दिन जगदंबा की मोबाइल लोकेशन
जम्मू-कश्मीर की पाई गई थी वहीं दो अन्य की मोबाइल लोकेशन छतरपुर जिले के
गुलगंज की पाई गई थी। जिससे साफ हो गया था कि उपरोक्त लोग घटना के समय
घटनास्थल से काफी दूर थे।
पुलिस जांच के द्वारा उपरोक्त तथ्य सामने आने के
बाद इस साजिश की कड़ियां आपस में जुड़ती चली गई। तथा साफ हो गया कि वकील
नीरज कुशवाहा ने अपनी क्लाइंट रेखा कुशवाहा के साथ मिलकर अपनी पत्नी तथा
सालों के खिलाफ षड्यंत्र रचते हुए झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इस
पूरी साजिश का पर्दाफाश पत्रकार वार्ता में एसपी राकेश कुमार द्वारा किए
जाने के साथ ही जांच से जुड़े विभिन्न तत्वों की जानकारी दी गई। साथ ही
झूठा मामला दर्ज कराने वाली महिला साजिश में शामिल उसके भाई और वकील के
खिलाफ रजपुरा थाने में ही विभिन्न धारा में मामला दर्ज करके कार्यवाही की
जा रही है।
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