मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश का ज्ञापन सौंपा गया
दमोह।
ग्राम रोजगार सहायक/सहायक सचिव के द्वारा जिला दमोह के समस्त जनपद
पंचायतों में एक साथ ज्ञापन दिया. जिसमें शासन प्रशासन के द्वारा की जा रही
अनदेखी को लेकर प्रदेश के साथ जिले के सभी साथी 16 से लेकर 20 मार्च तक
अवकाश पर रहेगे। अगर उपरांत मध्य प्रदेश सरकार के
द्वारा हमारी बातों को मान लिया जाता है. तो आप अवकाश खत्म कर कर कार्य पर
वापस लौट आएंगे और अगर ग्राम रोजगार सहायक/ सहायक सचिव की मांगे नहीं मानी
जाती तो 21मार्च 2023 से कलम बंद हड़ताल के साथ भूख हड़ताल पर बैठ जाएगा, इसकी संपूर्ण शासन-प्रशासन के रहेगी। ज्ञापन
देने वालो में जिलाध्यक्ष वीर सिंह लोधी जिला उपाध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर
ब्लॉक उपाध्यक्ष हेमंत पटेल कमलेश पटेल अर्जुन पटेल नीरज पटेलनरेंद्र पटेल
ईश्वर पटेल अमजद खान झाम सिंह राजेश यादव कमलेश ठाकुर भागीरथ पटेल दिनेश
पटेल कमलेश पटेल दशरथ अहिरवार सतीश चौबे सतीश जैन आदि शामिल रहे।
ज्ञापन में बताया गया कि आज ग्राम रोजगार
सहायक/सहायक सचिव परेशानियों से गुजर रहा है. उससे मध्य प्रदेश सरकार पूरी
जानकारी है, परंतु हमारी अनदेखी कर रही और हमारा भविष्य अंधकार में डाल दी
जा रही है. आज हमारा परिवार हम सुचारू रूप से नहीं चला पाएगा ना ही हमारे
बच्चे अच्छी शिक्षा अच्छे कपड़े और ना ही व्यवस्थाओं को देख पा रहे हैं. आज
9000 के अल्प वेतनमान में कार्य करना बहुत ही देनी है क्योंकि आज इतनी
महंगाई है कि हम अपने परिवार का भरण पोषण सही रूप से नहीं कर पा रहे। संगठन
की मांगों में जिला संवर्ग सहायक सचिव पद पर संविलियन कर नियमितीकरण अथवा
वेतन पंचायत सचिवों के समकक्ष कर 90% सहायक सचिव पद पर Rs 30000 प्रति माह
किया जावे। ग्राम रोजगार सहायक /सहायक सचिव स्थानांतरण नीति लागू की जावे
जो मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा ने सरपंच महापंचायत में
मंच से घोषणा की थी आदेश दिनांक 06/07/2013 बिंदु क्रमांक 6 के अनुसार
निलंबन की अवधि में गुजारा भत्ता भी दिया जावे। ग्राम रोजगार सहायक /सहायक
सचिव की आकस्मिक दुर्घटना मृत्यु होने पर अनुग्रह सहायता राशि Rs 500000 एवं
अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जावे। ग्राम रोजगार सहायक/ सहायक सचिव को भी
पी.एफ. का प्रावधान किया जाए ताकि भविष्य सुरक्षित हो सके।
जिला मजिस्ट्रेट ने की प्रतिबंधात्मक कार्यवाही..
दमोह। जिला मजिस्ट्रेट एस कृष्ण चैतन्य ने आपराधिक गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से नियंत्रण करने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह के प्रतिवेदन पर मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक अपराधी पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की है। उन्होंने थाना पटेरा के ग्राम तिरगढ़ निवासी अनावेदक विजय ऊर्फ विज्जू पिता नारायण कुर्मी को आगामी 09 माह अर्थात 270 दिवस की कालावधि तक के लिये दिये गये निर्देशों का पालन करने हेतु पाबंद किया है।
जारी प्रतिबंधात्मक आदेशानुसार अनावेदक इस अवधि में अनुविभागीय मजिस्ट्रेट ;एसडीएम हटा के न्यायालय में प्रत्येक सोमवार को अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगा। सोमवार को शासकीय अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्य दिवस में उपस्थिति दर्ज करायेगा तथा सामान्य नागरिक की भांति नेक चाल चलन बनाकर रखेगा। इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश जिला मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर एवं न्यायालय मुद्रा से जारी किया गया है।
दमोह। जिला मजिस्ट्रेट एस कृष्ण चैतन्य ने आपराधिक गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से नियंत्रण करने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह के प्रतिवेदन पर मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक अपराधी पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की है। उन्होंने थाना पटेरा के ग्राम तिरगढ़ निवासी अनावेदक विजय ऊर्फ विज्जू पिता नारायण कुर्मी को आगामी 09 माह अर्थात 270 दिवस की कालावधि तक के लिये दिये गये निर्देशों का पालन करने हेतु पाबंद किया है।
जारी प्रतिबंधात्मक आदेशानुसार अनावेदक इस अवधि में अनुविभागीय मजिस्ट्रेट ;एसडीएम हटा के न्यायालय में प्रत्येक सोमवार को अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगा। सोमवार को शासकीय अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्य दिवस में उपस्थिति दर्ज करायेगा तथा सामान्य नागरिक की भांति नेक चाल चलन बनाकर रखेगा। इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश जिला मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर एवं न्यायालय मुद्रा से जारी किया गया है।
जिला अस्पताल में अब शराब पीकर पहुचने वालों की अब नो एंट्री, दोपहर से 1 से 4 तक ही मरीज से मिल पाएगे परिजन
दमोह। जिला चिकित्सालय दमोह में 14 एवं 15 मार्च की दरमियानी रात में डॉ राजीव अग्रवाल एवं नर्सिंग ऑफीसर कु सिया भौजिया के साथ मरीज के परिजनों द्वारा अभ्रदता गाली.गलौज किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अगुवाई में सिविल सर्जन आरएमओ एवं वरिष्ठ चिकित्सकों के दल द्वारा कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष एस कृष्ण चैतन्य से मुलाकात कर चर्चा की गई।
चर्चा के दौरान मरीजों की सुविधा एवं मप्र चिकित्सक तथा चिकित्सा सेवा से संबंद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम 2008 के तहत जरूरी व्यवस्थाएं निष्पादित करने के संबंध में निर्णय लिया गया कि मरीज के साथ आये मदिरा सेवन करने वाले परिजनों का अस्पताल में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। मरीज के साथ आये परिजन जिनके मदिरा सेवन का अंदेशा है उनकी एन्ट्री गेट पर ही ब्रेथ एनालाईजर से जांच करके संबंधित के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया जायेगा। दोपहर 01 से 04 बजे के दौरान मरीजों से परिजन मिल सकेंगे। इसके पश्चात अस्पताल का मुख्य द्वार बंद रहेगा। नियत समय पश्चात केवल अधिकृत पास धारक को ही अस्पताल में प्रवेश की अनुमति होगी। सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा तैनात सुरक्षा कर्मी पूरे समय गणवेश में डंडे के साथ मुस्तैद रहेंगे। जीरो टालरेंस की नीति अपनाते हुए अभ्रद व्यवहार के तहत किसी भी प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। अस्पताल में विडियोग्राफी एवं फोटाग्राफी प्रतिबंधित होगी।
रात्रि में अस्पताल की कैज्युलटी का ही मुख्य द्वार खोला जायेगा। सुरक्षा की दृष्टि से अन्य द्वार बंद रहेंगे। अस्पताल के दूसरे मुख्य द्वार के बाजू से छोटे गेट के स्थान पर दीवार बनाई जायेगी। जिला चिकित्सालय परिसर में कम से कम 3 गार्ड मुख्य द्वार पर लगाये जायेंगें। लायसेंसी बंदूकधारी गार्ड मुख्य द्वार पर 24 घंटे तैनात रहेगा। 300 बिस्तरीय अस्पताल में लगभग 500 मरीजों का ईलाज वर्तमान में हो रहा है। सीमित मानव संसाधन पर वर्कलोड अधिक है। इस हेतु जिला चिकित्सालय दमोह की बिस्तर संख्या 300 से बढ़ाकर 500 बिस्तरीय अस्पताल अनुसार चिकित्सक नर्सिंग ऑफीसर एवं अन्य सहयोगी स्टॉफ बढ़ाये जाने के संबंध में भी पत्राचार किया जायेगा। अस्पताल के सामने देशी मदिरा की दुकान को बंद कराने के लिए प्रशासनिक पत्राचार किया जायेगा।
ज्ञातव्य हो कि मप्र चिकित्सा तथा चिकित्सा सेवा से संबंद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम 2008 के तहत किसी भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा में संबंद्ध व्यक्ति पर चिकित्सा व स्वास्थ्य संस्थाओं के भीतर या किसी मोबाईल क्लीनिक अथवा एम्बूलेंस में चिकित्सा व स्वास्थ्य देखभाल करने से संबंधित किसी कार्य के दौरान हमला आपराधिक बल अभित्रास और धमकी संबंधी कोई भी कार्य प्रतिबंधित रहेगा। इस अधिनियम की धारा 4 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि इस तरह का कृत्य करेगा तो उसे 3 माह का कारवास तथा 10 हजार रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जायेगा। इस तरह के अपराधों को गैर जमानती माना गया है।
दमोह। जिला चिकित्सालय दमोह में 14 एवं 15 मार्च की दरमियानी रात में डॉ राजीव अग्रवाल एवं नर्सिंग ऑफीसर कु सिया भौजिया के साथ मरीज के परिजनों द्वारा अभ्रदता गाली.गलौज किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अगुवाई में सिविल सर्जन आरएमओ एवं वरिष्ठ चिकित्सकों के दल द्वारा कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष एस कृष्ण चैतन्य से मुलाकात कर चर्चा की गई।
चर्चा के दौरान मरीजों की सुविधा एवं मप्र चिकित्सक तथा चिकित्सा सेवा से संबंद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम 2008 के तहत जरूरी व्यवस्थाएं निष्पादित करने के संबंध में निर्णय लिया गया कि मरीज के साथ आये मदिरा सेवन करने वाले परिजनों का अस्पताल में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। मरीज के साथ आये परिजन जिनके मदिरा सेवन का अंदेशा है उनकी एन्ट्री गेट पर ही ब्रेथ एनालाईजर से जांच करके संबंधित के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया जायेगा। दोपहर 01 से 04 बजे के दौरान मरीजों से परिजन मिल सकेंगे। इसके पश्चात अस्पताल का मुख्य द्वार बंद रहेगा। नियत समय पश्चात केवल अधिकृत पास धारक को ही अस्पताल में प्रवेश की अनुमति होगी। सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा तैनात सुरक्षा कर्मी पूरे समय गणवेश में डंडे के साथ मुस्तैद रहेंगे। जीरो टालरेंस की नीति अपनाते हुए अभ्रद व्यवहार के तहत किसी भी प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। अस्पताल में विडियोग्राफी एवं फोटाग्राफी प्रतिबंधित होगी।
रात्रि में अस्पताल की कैज्युलटी का ही मुख्य द्वार खोला जायेगा। सुरक्षा की दृष्टि से अन्य द्वार बंद रहेंगे। अस्पताल के दूसरे मुख्य द्वार के बाजू से छोटे गेट के स्थान पर दीवार बनाई जायेगी। जिला चिकित्सालय परिसर में कम से कम 3 गार्ड मुख्य द्वार पर लगाये जायेंगें। लायसेंसी बंदूकधारी गार्ड मुख्य द्वार पर 24 घंटे तैनात रहेगा। 300 बिस्तरीय अस्पताल में लगभग 500 मरीजों का ईलाज वर्तमान में हो रहा है। सीमित मानव संसाधन पर वर्कलोड अधिक है। इस हेतु जिला चिकित्सालय दमोह की बिस्तर संख्या 300 से बढ़ाकर 500 बिस्तरीय अस्पताल अनुसार चिकित्सक नर्सिंग ऑफीसर एवं अन्य सहयोगी स्टॉफ बढ़ाये जाने के संबंध में भी पत्राचार किया जायेगा। अस्पताल के सामने देशी मदिरा की दुकान को बंद कराने के लिए प्रशासनिक पत्राचार किया जायेगा।
ज्ञातव्य हो कि मप्र चिकित्सा तथा चिकित्सा सेवा से संबंद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम 2008 के तहत किसी भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा में संबंद्ध व्यक्ति पर चिकित्सा व स्वास्थ्य संस्थाओं के भीतर या किसी मोबाईल क्लीनिक अथवा एम्बूलेंस में चिकित्सा व स्वास्थ्य देखभाल करने से संबंधित किसी कार्य के दौरान हमला आपराधिक बल अभित्रास और धमकी संबंधी कोई भी कार्य प्रतिबंधित रहेगा। इस अधिनियम की धारा 4 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि इस तरह का कृत्य करेगा तो उसे 3 माह का कारवास तथा 10 हजार रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जायेगा। इस तरह के अपराधों को गैर जमानती माना गया है।
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