रत्नेश खटीक की बहन संयोगिता बनी सिविल जज
दमोह।
शिक्षा प्रज्ज्वलित होकर कैसे अपना रूप कैसे निखारती है, इसका सबसे अच्छा
उदाहरण इस परिवार से प्रदर्शित होता है। जी हाँ उपकाशी नगर हटा के एक
सामान्य से परिवार में जन्मे श्री विनोद खटीक जो कि वर्तमान में जिला
आबकारी अधिकारी के पद पर है। अब उनकी पुत्री संयोगिता ने सिविल जज के रूप
में चयनित होकर नगर हटा एवं जिले का नाम रोशन किया है।
ज्ञात हो कि
संयोगिता के बड़े पापा श्री प्रकाश चंद खटीक शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई
स्कूल हटा में प्रधानाध्यापक के रूप में पदस्थ है। वही संयोगिता के भाई
भाजपा युवा नेता रत्नेश खटीक, डॉ अवधेश प्रताप एवं समस्त परिवार में बेटी
की सफलता पर खुशी व्याप्त है। हटा नगर का नाम रोशन करने पर बुंदेली मेला
में भी हर्ष मनाया गया, जहाँ मेला संरक्षक एवं संयोगिता के भाई प्रदीप खटीक
ने बताया कि आज बड़ा ही हर्ष हो रहा है कि मेरी प्रिय एवं लाड़ली बहन ने
सिविल जज के रूप में चयनित होकर न सिर्फ परिवार का नाम रोशन किया है बल्कि
क्षेत्र का मान भी बढ़ाया है। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र
खटीक, उपाध्यक्ष नीलू पाठक, संजय जैन, अरुण सोनी, सुरेंद्र अग्रवाल, सुनील
बजाज, घनश्याम यादव, हरिशंकर साहू, राजेन्द्र सोनी, लखन कोरी, गुड्डा
भाटिया, विनोद नेमा एवं समस्त मित्र जनों ने एक दूसरे की मिठाई खिलाकर
बधाइयां दी।
आशुतोष राणा का अभिवादन बुन्देली परम्परा से हुआ
दमोह। भगवान
शिव का परिवार समाज के लिए शिक्षाप्रद परिवार है, शिव के गले में नाग तो
पुत्र कार्तिकेय की सवारी मोर, श्रीगणेश चूहा पर विराजे, मां पर्वती सिंह
पर तो नंदी समाने ये सभी एक दुसरे के विरोधी है, जान के दुश्मन है, इसके
बाबजूद भी एक ही परिवार में एक साथ है, शिव सदैव कल्याणकारी है, उनकी
भक्ति से ही भक्त सडक से संसद तक पहुंच जाते है यह बात फिल्म अभिनेता
आशुतोष राणा में महाशिवरात पर उपकाशी हटा में चल रहे बुन्देली मेला में
अपने प्ररेणादयाक उद्बोधन में कहा, श्री राणा ने कहा कि समाज में जो विक्रत
मानसिकता के लोग रहते है उन्हे सुधारने के लिए सीधी भाषा का प्रयोग नहीं
करना चाहिए, व्यंग के माध्यम से उन्हे सुधारने का प्रयास करें, उन्होने
बताया कि जो दो हाथों से देता है वह अनेक हाथ से वापिस लेने की क्षमता भी
रखता है, अपने कार्य सदैव ऐसे रखे ताकि समाज में जो नीति प्रीति चली आ रही
है उसे कायम रखा जा सके। आशुतोष
राणा की अगवानी मेला परिसर में बुन्देली परम्परानुसार हुई, रमतूला, दलदल
घोडी के साथ मंच तक लाया गया, स्वति वाचन के साथ मचासीन हुए, मंत्रोपचार
के साथ शिव आराधना एवं जगत जननी का पूजन अतिथियों के द्वारा किया गया,
कार्यक्रम की अध्यक्ता कर रहे नगर गौरव पूर्व कालेज प्राचार्य
साहित्यकार डा. श्याम सुन्दर दुबे ने आशुतोष राणा का परिचय फिल्मी
दुनिया से हटकर एक शिव भक्त एवं साहित्य के प्रति उनके लगाव से कराया,
मुम्बई से आई विधि जैन भी उपस्थित रही। राणा
का स्वागत अभिवादन नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र खटीक, उपाध्यक्ष
प्रशांत पाठक एवं मेला संयोजक प्रदीप खटीक के द्वारा किया गया, कोरोना काल
में जिस चिकित्सा टीम ने हटा में अपनी अनवरत सेवाएं दी उनका सम्मान मेला
आयोजन समिति के द्वारा किया गया, इस अवसर पर नगर पालिका स्टाफ, प्रदीप
खटीक मित्र मण्डल, पार्षद उपस्थित रहे, गौरीशंकर वार्ड की महिला मंडल
द्वारा शिव पार्वती विवाह के अवसर पर बधाव भी गाजे बाजे के साथ लाया गया,
जिसमें बालिकाओं के द्वारा मंच पर बधाई नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।
बुन्देली मेला मंच पर हुआ कवि सम्मेलन.. महाशिवरात
पर मेला का मंच साहित्य और कवियों को समर्पित रहा, झांसी से आये अर्जुन
सिंह चांद ने तंत्र पर प्रहार करते हुए कहा कि लश्कर भी तुम्हारा है,
सरदार तुम्हारा है, तुम झूठ को सच लिख दो अखबार तुम्हारा है, ममता वाणी
आगरा, अभिराम पाठक छतरपुर, राजसागरी जबलपुर, रमेश तिवारी दमोह, सोनाली सेन
सागर, रामकिशन दिवेदी रीवा, प्रदीप डहेलिया चरखारी, राजा खान साहिल, भारती
नेमा, राजू पलया, पलक जैन, मनीषा दुबे ने भी अपनी अपनी कविता और व्यंगो के
माध्यम से जनता का बहुत मनोरंजन किया,
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