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भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज की स्टूडेंट ग्वालियर निवासी जूनियर डॉ आकांक्षा माहेश्वरी ने.. नींद के इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर अपनी जीवन लीला समाप्त की.. हॉस्टल में मिले सुसाइड नोट से भी जान देने की बजह स्पष्ट नहीं, पुलिस जांच में जुटी..

नींद के इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर दे दी अपनी जान

भोपाल। राजधानी में संचालित मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज से चौंकाने वाली खबर निकल कर सामने आई है। यहां पर अध्ययनरत ग्वालियर निवासी पीजी स्टूडेंट आकांक्षा माहेश्वरी ने कॉलेज हॉस्टल के रूम में नींद के इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। अपनी जान देने के पहले आकांक्षा ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है जिसे पुलिस ने बरामद करते हुए जांच शुरू कर दी है इधर घटना की जानकारी लगने पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग गांधी मेडिकल कॉलेज पहुंचे जहां उन्होंने हालात की जानकारी लेते हुए स्टूडेंट से चर्चा भी की।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्वालियर निवासी 24 वर्षीय आकांक्षा माहेश्वरी एमबीबीएस कंपलट करने के बाद भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में पीजी फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी। वह मेडिकल कॉलेज के ही हॉस्टल में रहती थी आज सुबह से जब उसका रूम का दरवाजा नहीं खुला तथा वह बाहर नहीं निकली तो छत्राओं ने गार्ड को जानकारी दें गार्ड ने हॉस्टल प्रबंधन को बताया और फिर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब रूम का दरवाजा खुलवाया तो आकांक्षा पलंग पर बेसुध पड़ी थी। डॉक्टर द्वारा उसकी नब्ज चेक किए जाने पर पता लगा कि उसकी सांसे घंटों पहले थम चुकी थी।

पुलिस जांच के दौरान रूम से नींद के इंजेक्शन और खाली सीरिंज बरामद हुई है। आकांक्षा ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए 4 इंजेक्शन का ओवरडोज लेने के साथ एक डोज पेन किलर का भी लिया था। यही वजह रही कि जिस हालात में वह पलंग पर लेटी थी वैसे मैं ही उसकी जान निकल गई पुलिस ने कमरे एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। जिसमें आकांक्षा ने लिखा कि मैं इतनी मजबूत नहीं हूं...इतना स्ट्रेस नहीं झेल पा रही हूं.. मम्मी-पापा सॉरी, दोस्तों को भी सॉरी...प्यार देने के लिए धन्यवाद...मैं स्ट्रॉन्ग नही हूं..मैं व्यक्तिगत कारणों से यह कदम उठा रही हूं..

 मेडिकल कॉलेज ग्वालियर से इसी साल एमबीबीएस कंपलीट करने के बाद आकांक्षा ने गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में पीजी में प्रवेश लिया था। पिछले महीने ही भोपाल शिफ्ट होने के बाद जीएमसी के गर्ल्स हॉस्टल के एच ब्लॉक में रह रही थी। कोहेफिजा टीआई विजय सिसोदिया ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 7 बजे आकांक्षा ने अपने डिपार्टमेंट में फोन कर बताया कि तबीयत खराब है ड्यूटी पर नहीं आऊंगी। 

इसके बाद वह दिन भर किसी को नहीं दिखी शाम को उसका रूम नहीं खुलने की सूचना आई और पुलिस जब मौके पर पहुंची तो यह हालात उजागर हुए। पुलिस के अनुसार सुसाइड नोट में उसने ऐसा कुछ जिक्र नहीं किया है जिससे कि उसकी आत्महत्या की वजह स्पष्ट हो सके। परिजन तथा दोस्तों से भी इसको लेकर फिलहाल कुछ भी साफ नहीं हो सका है। ऐसे में पुलिस के सामने उसकी खुदकुशी की वजह तलाशना फिलहाल चुनौती बना हुआ है।

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