हम प्राण दे सकते हैं पर शिखरजी नहीं..-मुनि श्री,
दमोह। सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में विराजमान आचार्यश्री विद्यासागर जी महा मुनिराज जी के शिष्य पूज्य मुनि श्री निरंजन सागर जी महाराज ने कहा जैन समाज वस्तुतः अहिंसा का उपासक है, अहिंसा में विश्व की स्थापना हो प्राणी मात्र सुखी रहे यही भावना प्रत्येक जैनी भाई के मन में प्रतिपल रहती है। दुनिया में जितने भी महान विचारक हुए हैं उन सभी ने भी जैन दर्शन को महान बताते हुए यही भावना भाई है, कि मुझे जब भी इस दुनिया में दोबारा आना हो तो मेरा जन्म भारत में हो और जैन कुल में ही हो ।परन्तु खेद का विषय तो यह है, कि भरत महाराज के इस भारत में ही उनके जैन धर्म को लोग समझ नहीं पा रहे हैं ।जैन धर्म अहिंसा का उपासक है ना कि अन्याय का।
जब जब भारत भूमि पर अन्याय हुआ तब तब जैनों ने तन मन धन से इस देश की सेवा की है। दानवीर भामाशाह इनके जीवंत उदाहरण हैं ।भामाशाह ने मात्र धन ही नहीं दिया बल्कि सेनापति जैसी महत्वपूर्ण भूमिका भी बड़ी बहादुरी के साथ निभा कर अपने राष्ट्र धर्म का पालन भी किया है। वीर भामाशाह ने उनके भाई ताराचंद को साथ लेकर महाराणा प्रताप के साथ हल्दीघाटी युद्ध में भाग लिया था। उदयपुर में घोड़े पर सवार वीर भामाशाह की प्रतिमा है जो उस समय के गौरवशाली इतिहास को प्रतिबिंबित करती है। यह जैनों की वीरता का इतिहास है। इतिहास को देखो और जानो कि जैनों ने क्या नहीं दिया ।अब हम प्राण दे सकते हैं,पर शिखरजी नहीं।
*प्रण लिया है प्राण भी देंगे ना पीछे कदम हटाएंगे।* *बच्चा-बच्चा ले गुरुदेव की सौगंध , शिखरजी हम ही बचाएंगे*
कुंडलपुर में नव वर्ष पर की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा
कुंडलपुर ।पूज्य बड़े बाबा और छोटे बाबा के मंगल आशीर्वाद से कुंडलपुर क्षेत्र में नववर्ष पर दो बड़े कार्यक्रम संपन्न हुए। एक भजन संध्या दूसरा बड़े बाबा जी का विधान ,अभिषेक, शांतिधारा, पूजन प्रतिवर्ष अनुसार हजारों भक्तों के द्वारा किया गया ।दोनों कार्यक्रमों में क्षेत्र की सुव्यवस्था पाकर पधारे हुए सैकड़ों यात्रियों ने मुक्त कंठ से कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी की भूरी भूरी प्रशंसा की है। इस हेतु कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी अध्यक्ष श्री चंद्र कुमार सराफ ने आभार व्यक्त करते हुए कहा संपूर्ण कार्यकारिणी समिति ,क्षेत्र के समस्त कर्मचारी, भोजन शाला प्रभारी, सेवादल दमोह, सुरक्षा प्रभारी, यातायात प्रभारी ,आवास प्रभारी ,धार्मिक आयोजन प्रभारी, मंच प्रभारी व अन्य सभी व्यवस्थाओं के प्रभारी आदि ने अपनी संपूर्ण क्षमता से कार्य को तन मन धन से अंजाम दिया। जिससे क्षेत्र के कोने-कोने से आए धर्म प्रेमी यात्रीगण प्रसन्न होकर गए ।सभी की सेवा भावना ,लगन, मेहनत के कारण संभव हो सका ।आप सभी पर बड़े बाबा और छोटे बाबा का आशीर्वाद सदैव बना रहे तथा आप हमें इसी प्रकार अपना सहयोग, मार्गदर्शन क्षेत्र हित में प्रदान करते रहे।
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