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सम्मेद शिखर जी पर्वत को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने से.. देश भर में जैन समाज में आक्रोष का महौल दिनों दिन बढ़ता जा रहा.. केंद्र सरकार द्वारा मामले में अनदेखी के चलते.. कांग्रेस अध्यक्ष खडगे को पवित्र तीर्थ पर संज्ञान हेतु पत्र प्रेशित..

 देश भर में जैन समाज में आक्रोष बढ़ता ही जा रहा है

नई दिल्ली। झारखंड में स्थित जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी पर्वत को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने से जैन समाज में देश भर में आक्रोष का महौल दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इधर दिल्ली में कड़ाके की ठंड में पिछले आठ दिनों से आमरण अनशन का दौर जारी है। नए वर्ष पर दिल्ली, मुंबई, अहमदावाद में जैन समाज द्वारा बड़े प्रदर्शनों के जरिए अपनी भावनाओं को प्रगट किया जा चुका है। इसके बाद झारखंड तथा केंद्र सरकार एक दूसरे के पाले में गेंद डालने की कोशिश कर रही है। इसी के साथ विभिन्न दलों के नेताओं द्वारा जैन समाज के समर्थन में बयान भी सामने आ रहे है। जबकि मूलरूप में देश भर में भाजपा समर्थक माने जाने वाले जैन समाज को केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बाद भी सम्मेद शिखरजी के मामले में कोई सपोट मिलता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में अब कांग्रेस के अनेक नेता भी जैन समाज के समर्थन में खुलकर आ रहे है।

यहां उल्लेखनीय है कि शाश्वत तीर्थराजश्री सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्र (पारसनाथ पहाड़ी) जैन धर्म के 20 तीर्थकरों की मोक्ष स्थली है, आजादी के पूर्व महाराज श्री बहादुर सिंह जी पालगंज के राजा द्धारा अधिकार पट्टा-पत्र आधारित श्री आनन्द कल्याण जी पेढ़ो को अधिकार दिया गया, पूर्व बिहार राज्य वर्तमान में झारखण्ड राज्य में गिरिडिह जिले मे मधुवन श्री शिखरजी विस्तारित पार्श्वनाथ पर्वत हैं, दिगम्बर एवं शेताम्बर के मध्य कुछ मनमुटाव के बीच भारत शासन ने 1.04.64 से इसे बिहार राज्य शासन द्वारा (रिजर्व फारेस्ट) संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया गया। मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव द्धारा 21.08.84 से इसे वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित किया गया। जहाँ राज्य शासन की प्रस्तावना पर केन्द्रिय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 21.02.18 से इसे वन्य जीव अभ्यारण्य (WLS) एवं (इको सेंसेटिव झोन ESZ) पर्यावरण संवेदी क्षेत्र) घोषित करने की प्रारम्भिक अधिसूचना जारी की गई। राज्य सरकार द्धारा 20 फरवरी 2019 मे झारखंड राज्य भर के अन्तर्गत 27 स्थलों को उनके शीर्ष पर अंकित श्रेणी का पर्यटक स्थल / प्रक्षेत्र घोषित मे उक्तअधिसूचना संख्या पर्य. यो. 40/201701 - जिस सूची मे क्रमांक 10 पर अकित गिरिडीह जिले के मधुवन पारसनाथ को भी पर्यटक स्थल घोषित किया हैवही भारत सरकार ने 2 *अगस्त* 2019 को केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक 2795 (ई)  पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य एवं तोपचांची वन्यजीव अभयारण्य को पर्यटक स्थल घोषित किया है

  गोरतलब कि भारत सरकार अधिसूचना के खिलाफ लगातार दि.11 दिसम्बर 2022 से जैन समाज अब आन्दोलन एवं 26/12/2022 से अमरण अनशन कर रहा है सम्पूर्ण जैन अल्पसंख्यक कि मुख्यतय मांग है पारसनाथ अभयारण्य समृद्ध वन संसाधनों के साथ शीतल नाला, गंधर्व नाला, कैरा-झरना एवं पुरीनाला प्राकृतिक, सम्पूर्ण क्षेत्र को वाइल्डलाइफ सेन्चुरी में शामिल कर मधुवन "पवित्रतम 20 तीर्थंकर मोक्षतीर्थ स्थली"को "पवित्रतम तीथ स्थल क्षेत्र "भारत के राजपत्र मे अधिसूचना घोषित किया जाए।

 मा.मल्लिकार्जुन खडगे जी अध्यक्ष एआइसीसी को जैन अल्पसंख्यक वर्ग के पवित्र तीर्थ पर संज्ञान हेतु पत्र प्रेसित

भारत के राजपत्र मे अधिसूचना क्र. 2795 (अ)  2 अगस्त 2019 पारसनाथ को पर्यटक स्थल अधिसूचना रद्द निरस्तीकरण के सन्दर्भ मे लगातार आनदोलित देश भर की जैन समाज की भावनाओं से अवगत कराते हुए पवनघुवारा ने प्रधानमंत्री जी के पास भी ईमेल से शीघ निर्णय हेतु अनुरोध किया है। जिसमें संपूर्ण भारत में जैन अलपसंख्यक वर्ग द्धारा प्रदर्शन एवं आमरण अनशन को देखते हुए भी अतिशीघ्र मा. श्री मल्लिकार्जुन खडगे अध्यक्ष अखिल भारतीय काग्रेंस कमेटी, श्रीमति सोनिया गांधी पूर्व अध्यक्ष, श्री राहुल गांधी पूर्व अध्यक्ष के पास भूमिपुत्र पवन घुवारा प्रदेश प्रतिनिधि म.प्र.काग्रेंस कमेटी द्धारा ईमेल से पत्र भेजा तुरंत कार्यवाही संज्ञान हेतु निवेदन किया। चूंकि जैन समाज आमरण अनशन का सातवा दिन हो गया है अतः परिस्थितियों पर सविनय निवेदन किया  है ताकि भारत सरकार द्धारा संज्ञानात्मक हो उक्त अधिसूचना वापसी हो सके।

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