अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच ने दिया धरना
दमोह। अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच ने अपनी मांगों को लेकर स्थानीय कोआपरेटिव बैंक चौराहे पर 12 बजें से दोपहर 3 बजें तक सांकेतिक धरना दिया। जिसमें अधिवक्ताओं की मुख्य मांग एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने हेतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन के रूप में जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया।पूरे देश में अधिवक्ताओें के उपर हमले हो रहे है एवं जान से मारने की धमकी दी जा रही है जिसके संबंध मे मंच द्वारा अनेक ज्ञापन एवं पत्र प्रेषित किये गये एवं जानकारी मांगी गई जिसमें अपर सचिव विधि विभाग द्वारा बार बार एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट प्रक्रियाधीन होने की बात कही जा रही है परन्तु यह प्रक्रिया कब पूरी होगी और कब एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जायेगा इस संबंध में कोई तथ्यात्मक जानकारी नहीं दी जा रही है। इसी तारतम्य में पूरे प्रदेश भर में जिला तहसील स्तर पर अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच द्वारा अनवरत धरने प्रदर्शन एवं ज्ञापन दिये जा रहे है इसी कड़ी में आज दमोह जिला अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच ने माननीय मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया है।
जिसमें मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र कुमार बलेजा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष माधव मालवीय के अलावा प्रदेश महामंत्री तरूण पटैल, प्रदेश सह प्रवक्ता सुधीर पाण्डे, जिला अध्यक्ष रविकांत ठाकुर, जिला प्रभारी एम.वी. चौरसिया, राष्ट्रीय सचिव युवा प्रकोष्ठ मनोज नागदेव, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष कपिल सिंह हजारी, कमल कुशवाहा, आलोक श्रीवास्तव, प्रमेश सिरोठिया, राजेन्द्र सिंघई, गजाधर पटेल, आशीष नाकड़ा, अतुल देव श्रीवास्तव, के.के. श्रीवास्तव, सीताराम यादव, महिला प्रकोष्ठ दीपा मिश्रा, मंजूषा चौबे, रूकमणी अहिरवार, संध्या खरे, अमित पाण्डे, जहीर कुरैशी, अनिल अहिरवार, रवि लाल, अनुज पाण्डे, सूरज अहिरवार, युनिष मकरानी, किशोरी लाल तामं्रकार, डिम्पल सेन, कमलेश पटैल, धर्मेन्द्र सींग, मुख्तार जाफरी, रामबाबू मिश्रा, अभिषेक सिंघई, अनरथ सींग के अलावा सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ताओं की उपस्थिति रही।
शासन की अपील को खारिज करते हुये माननीय उच्च न्यायालय ने भी आरोपी को किया दोषमुक्त
दमोह जिले ग्राम माननखेड़ा थाना तेजगढ़ में पुलिस द्वारा अपराध क्रमांक 124/2018 के अंतर्गत धारा 302,201 दर्ज कर विवेचना में लिया गया था। उक्त मामले में हत्या के हल्लू उर्फ इमरत लोधी को आरोपी बनाया गया। जिसमें माननीय प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के द्वारा विचारण किया गया। सूक्ष्म विचारण एवं तथ्यो को ध्यान में रखते हुये माननीय न्यायालय के द्वारा आरोपी को दोष मुक्त कर मामले में विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारी बी.पी.दुबे के विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं अन्य उचित कार्यवाही हेतु आदेश पारित किया था। मामले की पैरवी कर्ता अधिवक्ता भरत सेन ने बताया कि मृतक अर्जुन सींग पिता बिन्द्रावन दिनांक 14.05.2018 को अपने साले के लड़के के लिए लड़की देखने एवं नीरज नामक बच्चे की गोद भराई के कार्यक्रम में सम्मिलित होने ससुराल ग्राम करौदी इमलिया पड़रिया गया था। जो कार्यक्रम में सम्मिलित होने उपरांत दिनांक 14 मई 2018 को रात में माननखेड़ा की जाने को कहकर बाइक से रवाना हुआ, परंतु अपने घर नही पहुॅचा। जिसके न मिलने पर मामला थाना तेजगढ़ मे दर्ज हुआ था। इस प्रकार प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने विचारण के दौरान साक्षीयो की साक्ष्य पर निष्कर्ष निकालते हुए धारा 302,201 भा.द.वि. के अन्वेषणकर्ता अधिकारी बी.पी.दुबे पर उपलब्ध महत्वपूर्ण परिस्थितिजन्य साक्ष्य की अनदेखी किये जाने पर अनुशासनात्मक एवं अन्य उचित कार्यवाही हेतु आदेश पारित करते हुये मामले के अभियुक्त को दोषमुक्त किया था।
शासन द्वारा दोषमुक्ति के विरूद्ध अपील माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में की गई तंगी। उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा विचारण न्यायालय के निर्णय की पुष्टि करते हुये शासन की अपील खारिज की तथा अभियुक्त हल्लू उर्फ इमरत को प्रतिकर दिलाए जाने का आदेश करते हुये म.प्र. मानव अधिकार आयोग भोपाल प्रतिकर निर्धारित करने हेतु आदेश की प्रति भेजी। राज्य मानव अधिकार आयोग भोपाल के द्वारा हल्लू उर्फ इमरत को राशि 6 लाख रूपये का प्रतिकर निर्धारित शासन से दिलाए जाने का आदेश पारित किया।
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