रिश्वत लेते पकड़े गए थाना प्रभारी व सिपाही हुए फरार
मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी का दंश थमने का नाम नहीं ले रहा है साल के पहले ही दिन सागर लोकायुक्त की टीम ने पन्ना जिले के देवेंद्र नगर पहुंचकर वहां की थाना प्रभारी और एक आरक्षक को ₹50000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था दोनों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही चल रही थी इसी दौरान पहले आरक्षक लोकायुक्त दल को चकमा देकर फरार हो गया। बाद में थाने में चल रही कार्यवाही के दौरान टीआई मैडम भी थाने के स्टाफ की मदद से भागने में सफल रहे देर। इस दौरान छीना झपटी मारपीट और विभाग की खबरें भी सामने आई है।
फिल्मी स्टाइल में हुए इस पूरे घटनाक्रम की खबर देर रात सामने आने के बाद मीडिया कर्मी पुष्टि करने के लिए परेशान होते रहे और उनको थाना से बाहर करने की कोशिश भी की जाती रही। वही लोकायुक्त की टीम देर रात तक दोनों के पकड़े जाने का इंतजार करती रही। वहीं इनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के अलावा विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने की खबर आई। वही लोकायुक्त से मिली जानकारी के अनुसार थाने के स्टाफ ने टीआई मैडम का सपोर्ट करते हुए उनके भागने में मदद करने की। फिलहाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को इस मामले में बयान सामने नहीं आया है लेकिन जो जानकारी सामने आई है और आपको बताते हैं।
लोकायुक्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पन्ना जिले के देवेंद्रनगर थाना प्रभारी ज्योति सिकरवार ने विनोद यादव निवासी दाउनटोला से मारपीट के मामले में विपक्ष पर धाराएं बढ़ाने और नाम हटाने के एवज में 60 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसमे से 10 हजार रुपए की राशि आरक्षक अमर सिंह के माध्यम से पहले दे दी गई थी। वही आरक्षक के माध्यम थाना प्रभारी मैडम 50 की मांग कर रही थी। जिसके बाद विनोद यादव ने इसकी शिकायत सागर लोकायुक्त एसपी रामेश्वर सिंह यादव के कार्यालय में जाकर की थी। शिकायत की पुष्टि किए जाने के बाद सागर लोकायुक्त ने अपना जाल बिछाया और नए साल के पहले दिन शाम के समय लोकायुक्त टीम डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में देवेंद्र नगर पहुंच गई।
लोकायुक्त की योजना के अनुसार फरियादी विनोद यादव 50 हजार की रकम रिश्वत में देने के लिए देवेंद्रनगर थाना पहुचा। उसके द्वारा रुपए लेकर आने की सूचना दिए जाने पर सिपाही अमर सिंह रिश्वत के ₹50000 लेकर जैसे ही थाना प्रभारी ज्योति सिकरवार के थाना परिसर में स्थित आवास में लेकर पहुंचा तो इसी दौरान लोकायुक्त की टीम को देखकर वह रुपए लेकर भाग गया। जैसे तैसे टीआई मैडम ने अपने बचाव के चक्कर मे आरक्षक को बुलाया।और फिर लोकायुक्त की टीम ने दोनो के हाथ रंगवाएँ तो रंग गुलाबी आया।
इधर कार्रवाई की खबर लगते हैं थाने का स्टॉफ़ भी आ गया और इसी दौरान धक्का-मुक्की करके अंधेरे का फायदा उठाकर आरक्षक अमर सिंह भाग खड़ा हुआ। बाद में कार्रवाई के लिए टीआई ज्योति सिकरवार को देवेंद्र नगर थाने में ले जाया गया। जहा वह लोकायुक्त की कार्यवाही लिखा पढ़ी के दौरान वह बार-बार विवाद करती रही और थाने का स्टॉप भी उनका सपोर्ट करता रहा। इस दौरान का बाथरूम जाने के बाहर निकली इसी दौरान थाने के स्टाफ ने बाहर से दरवाजा लगा दिया। दूसरे लोकायुक्त टीम हाथ मलती रह गई और थाना प्रभारी रात के अंधेरे में उठाने से भागने में सफल हो गई।
मामले की जानकारी लगने पर पन्ना से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एडिशनल एसपी और एसडीओपी भी देर रात देवेंद्र नगर थाना पहुंच गए थे। उनके द्वारा घटना की जानकारी लेकर थाना प्रभारी ज्योति सिकरवार और आरक्षक अमर सिंह का पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं इधर लोकायुक्त डीएसपी राजेश खेड़े की शिकायत पर देवेंद्र नगर थाना उपरोक्त टीआई और आरक्षक पर क्या कार्रवाई की गई है इसका पता नहीं लग सका लेकिन लोकायुक्त द्वारा इनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही किए जाने की पुष्टि हुई है। यह पहला मौका है जब लोकायुक्त की कस्टडी मैं विवाद जुम्मा जाट की करके कोई थाना प्रभारी और सिपाही भागने में सफल रहा हो। फिलहाल मामले में विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
0 Comments