नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा
दमोह।
विशेष न्यायाधीश ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012
पास्को एक्ट के मामले में आरोपी अरविंद पिता गजराज लोधी, उम्र 23 वर्ष
निवासी ग्राम वादीपुरा थाना तेंदूखेड़ा जिला दमोह को 20 साल की सजा सुनाई
है।
विशेष लोक अभियोजक श्रीमती अंशुल मिश्रा ने
बताया कि बालिका के पिता ने आरक्षी केंद्र तेंदूखेड़ा जिला दमोह में
उपस्थित होकर रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि दिनांक 08.05.2020 को रात करीब
11:00 बजे उसकी मंझली लड़की उम्र 16 साल, उसकी छोटी लड़की उम्र 8 साल के
साथ लोटा लेकर बाहर घूमने गई थी, जो छोटी लड़की घर वापस आकर बताई कि दीदी
बिना बताये कहीं चली गई है जो वह, बालिका की तलाश आसपास किया उसका कहीं
पता नहीं चला, अज्ञात व्यक्ति उसकी लड़की को बहला फुसला कर कहीं भगा कर ले
गया है। उक्त आशय की रिपोर्ट पर से संदिग्ध के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर
विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण में बालिका को दस्तयाब
किया गया था। आरोपी ने बालिका के साथ दुष्कर्म किया गया था।
न्यायालय
में आए विचारण के दौरान उपलब्ध साक्ष्य एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत
होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी अरविंद लोधी को पोक्सो एक्ट की धारा
5(L), 06 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास Rs500 अर्थदंड, धारा 366(क) में 05
वर्ष का सश्रम कारावास एवं Rs500 अर्थदंड तथा एससीएसटी एक्ट की धारा
3(2)(Va) में 05 वर्ष का कठोर कारावास से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर
से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमति अंशुल मिश्रा द्वारा की गई।
उपपंजीयक कमला सैनी एवं सहायक ग्रेेड 02 सीताराम साहू को भ्रष्टाचार के मामले में हुई सजा
दमोह। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, श्रीमती डॉ; आरती शुक्ला पाण्डेय ने आरोपीगण.
तत्कालीन उपपंजीयक जिला दमोह कमला सैनी w/0 श्री संतोष कुमार सैनी उम्र
59 साल निवासी सिविल वार्ड नंबर 8 दमोह एवं तत्कालीन सहायक गेड दो उपपंजीयक
कार्यालय दमोह सीताराम साहू पिता स्व.श्री रामप्रसाद साहू उम्र 54 साल
निवासी जबलपुर नाका,पावर हाउस जिला दमोह को भ्रष्टाचार अधिनियम धारा 7 के
तहत सजा सुनाई है।
अभियोजन की घटना संक्षेप में इस
प्रकार है कि 23.09.16 को प्रार्थी श्री पंकज जायसवाल पिता श्री विष्णु
नारायण जायसवाल निवासी वैशाली नगर एस.एच.-14ए जिला दमोह द्वारा लोकायुक्त
कार्यालय सागर में उपस्थित होकर एक लिखित शिकायत इस आशय की प्रस्तुत की गई
कि, इसके द्वारा प्रशांत जायसवाल निवासी दमोह से एक भूखंड नाबालिक पुत्र
प्रणय के नाम से क्रय किया है जिसकी रजिस्ट्री उप पंजीयक कार्यालय दमोह से
हुई है एवं रजिस्ट्री की मूल प्रति उप पंजीयक कमला सैनी ने अपने पास रख ली
है जिसे देने के एवज मे उप पंजीयक कमला सेनी के द्वारा 8000/- रू. रिश्वत
की मांग की जा रही है। आवेदक रिश्वत नही देना चाहता था, बल्कि उसे रिश्वत
लेते हुये रंगे हाथो पकड़वाना चाहता था। प्रार्थी के उक्त लिखित आवेदन पत्र
प्राप्त होने पर विधिवत तस्दीक की प्रक्रियांतर्गत प्रार्थी को रिश्वत की
वार्तालाप टेप करने हेतु दिनांक 23.09.16 को ही एक वाईस रिकार्डर दिया गया,
जिसमें प्रार्थी द्वारा दिनांक 23.09.16 को ही अनावेदिका से संपर्क कर
रिश्वत मांग संबंधी बातचीत को रिकार्ड किया गया । जिसमे अनावेदिका 8000रू.
रिश्वत राशि लेने सहमत हुई।
जिस पर
लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रैप दल का गठन किया जाकर ट्रैप दल के द्वारा
ट्रैप कार्यवाही के दौरान दिनांक 24/09/2016 को तत्कालीन उपपंजीयक कमला
सैनी एवं सीताराम साहू सहायक ग्रेड 02 को आवेदक से 1000- 1000Rs के 08 नोट
कुल Rs 8000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और लोकायुक्त पुलिस के
द्वारा रिश्वत राशि बरामद की गई। समस्त कार्यवाही एवं विवेचना उपरांत
अभियोग पत्र माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम
1988) दमोह के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण के
विचारण उपरांत अभियोजन द्वारा दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य व तर्क
माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये गये एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत
होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आज दिनाँक 31/01/2023 को पारित निर्णय
में आरोपी कमला सैनी तत्कालीन उपपंजीयक जिला दमोह एवं सहायक ग्रेड 02
सीताराम साहू को दोषसिद्ध पाते 04-04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं Rs 5,000
अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी *विशेष लोक अभियोजक
श्री अनंत सिंह ठाकुर द्वारा की गई।
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