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नौरादेही अभयारण्य में चौथा पक्षी एवं प्रथम जैव विविधता सर्वेक्षण.. देश के 06 राज्यों से वानिकी छात्रों और प्रकृति विशेषज्ञों सहित 22 बर्ड वाचर्स की टीम शामिल हुई.. सर्वेक्षण एकत्र डेटा से वन विभाग को बेहतर वन नीतियों के निर्माण में मदद मिलेगी..

 नौरादेही अभयारण्य में पक्षी एवं जैव विविधता सर्वेक्षण

दमोह। नौरादेही वन्य जीव प्रभाग वन विभाग मध्य प्रदेश ने ओरिएंटल ट्रेल्स के सहयोग से चौथा पक्षी एवं प्रथम जैव विविधता सर्वेक्षण आयोजित किया गया। चार दिनों के सर्वेक्षण के लिए विभाग ने जंगल के भीतर 11 कैंप स्थानों का चयन किया था जिसमें प्रत्येक स्थान पर चार ट्रेल्स थे जिसमें प्रत्येक स्थान पर 2 प्रतिभागी शामिल थे।

इस सर्वेक्षण में शामिल होने के लिए भारत के 06 विभिन्न राज्यों से वानिकी छात्रों और प्रकृति विशेषज्ञों सहित 22 बर्ड वाचर्स की टीम आई थी। प्रतिभागियों ने पगडंडियों पर न केवल एवियन प्रजातियों को कवर किया बल्कि उन्होंने जंगल के वनस्पतियों और जीवों का अवलोकन और दस्तावेजीकरण भी किया। गहन सर्वेक्षण एसडीओ सेवाराम मलिक और जगत जीत फ्लोरा से प्राप्त मार्गदर्शन और सलाह और वन कर्मचारियों के बिना शर्त समर्थन के कारण संभव हो सका।

ओरिएंटल ट्रेल्स के संस्थापक अमित शांकल्या एक उत्साही पक्षी द्रष्टा और स्वयं एक संरक्षणवादी हैं वे किसी भी क्षेत्र की जैव विविधता को संतुलित करने में पक्षियों के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। वह आगे इस क्षेत्र को एक समृद्ध जंगल के रूप में परिभाषित करता है जो पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियों को शरण देता है

सर्वेक्षण के दौरान प्रमुख प्रजातियों के निष्कर्ष.. Rusty tailed flycatcher, Scarlett Minivet, Eurasian wryneck, Rudy Shelduck, Red-creasted pochard, Mottled Wood-Owl,White-bellied Minivet, Lesser Adjutant, Red headed vulture, Tawny Pipit, Northern Pintail, Eurasian Kestrel, Clamorous Reed Warbler, Blue Rock Thrush, Black Stork 

इस तरह के सर्वेक्षण स्थानीय जैव विविधता की बहाली और संरक्षण के भविष्य के विषयों पर ध्यान देंगे। सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किए गए डेटा से वन विभाग को बेहतर वन नीतियों के निर्माण में मदद मिलेगी जिसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करते हुए स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करना है।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि नौरादेही अभयारण्य डेफो डीएस डोडवे थे। उन्होंने वनों के संरक्षण और प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे जीवन में सब कुछ एक दूसरे पर निर्भर है और आज के समय में वनों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।

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