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लौह पुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण आज झारखंड राज्यपाल श्री रमेश बैस एवं केन्द्रीय मंत्री श्री प्रहलाद पटेल करेंगे.. इधर श्री पटेल ने गिनाई NDA में विकास की गतिविधिया.. HDL मोदी की डिजिटल एग्रीकल्चर क्रांति से बदल रही है किसानों की हालत

 लौह पुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण आज
दमोह। अखंड भारत के निर्माता भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की प्रतिमा का अनावरण आज 15 दिसंबर गुरुवार को आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल झारखंड श्री रमेश बैस जी मुख्य अतिथि है और कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल रहेंगे। उक्त कार्यक्रम सरदार वल्लभभाई पटेल पार्क सरदार सेतु के पास सागर रोड दमोह में आयोजित किया गया है। 

झारखण्ड के राज्यपाल श्री रमेश बैस आज आयेंगे

झारखण्ड के राज्यपाल श्री रमेश बैस आज 15 दिसम्बर को दमोह आयेंगे। आप प्रातर 11.35 बजे जबलपुर से चलकर दोपहर 01.35 बजे सर्किट हाऊस दमोह पहुंचेंगे और अल्प विश्राम करेंगे। आप दोपहर 01.45 बजे सर्किट हाऊस दमोह से चलकर 01.55 बजे सरदार पटेल उद्यान सागर नाका पहुंचकर स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके उपंरात आप अपरान्हृ 03 बजे सागर नाका दमोह से जबलपुर प्रस्थान करेंगे।

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल आज आएंगे
दमोह। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल आज 15 दिसंबर को प्रातः 11.35 बजे जबलपुर से चलकर 12.30 बजे दमोह जिले की तहसील तेंदूखेड़ा पहुंचेंगे। यहां पर आप झारखंड के महामहिम राज्यपाल महोदय का स्वागत करेंगे। तेंदूखेड़ा से आप रवाना होकर दोपहर 1 बजे अभाना पहुंचेंगेए यहां पर भी राज्यपाल महोदय का स्वागत के उपरांत 1.05 बजे रवाना होकर 1रू35 बजे सर्किट हाउस दमोह पहुंचेंगे। यहां से दोपहर 1.45 बजे रवाना होकर दोपहर 1.55 बजे सरदार वल्लभभाई पटेल पार्क सागर रोड पहुंचकर पूर्व उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में झारखंड के राज्यपाल महोदय के साथ कार्यक्रम में शामिल होंगे।

श्री सिंह ने बताई एनडीए में होने वाले विकास गतिविधिया
जबलपुर। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने कहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों के हाथों में आधुनिक डिजीटल तकनीक देकर उन्हें ताकतवर और क्षमतावान बनाया है। इस तकनीक के जरिए किसानों को कई तरह की परेशानियों से बचाया गया। उन्होंने कहा लूट.भ्रष्टाचार और बिचौलियों से किसान मुक्त हुए। सरकार की सहायता राशि सीधे किसानों तक पहुंचने लगी। किसान को सरकार ने कारोबार करने के नए नए मौके मुहैया कराए। बीज से बाजार तक किसान के लिए नई अवधारणा बनाई गई। मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया डिजिटल एग्रीकल्चरल मिशन चमत्कार साबित हुआ है। इस मिशन ने किसान की परिस्थितयों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

ई.नाम मंडी के जरिए 1.74 करोड़ से अधिक किसानों को जोड़ा गया। 2.36 लाख ट्रेड पंजीकृत ई.नाम के जरिए किए गए। और 2.22 लाख करोड़ का व्यापार दर्ज किया गया। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 11.37 करोड़ किसान लाभांवित हुए। इन किसानों के खाते में 2.16 लाख करोड़ रूपए जमा कराए गए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना.डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को इस योजना में भी काफी लाभ मिला। सैटेलाइट के जरिए किसानों की फसल की देखभाल की गई। कोई विवाद हुआ तो सुलझा लिया गया। 2021.22 में 16 हजार करोड़ रूपए आवंटित हुए। 2016 से 2022 तक 38 करोड़ किसान इस योजना में पंजीकृत किए गए और एक लाख 28 हजार 522 करोड़ रूपए से अधिक क्लेम का भुगतान किया गया। जबकि 25 हजार 185 करोड़ रूपए किसानों द्वारा बीमा प्रीमियम के रूप में दिए गए। किसान उत्पादक संघ के तहत 3855 से भी ज्यादा एफपीओ रजिस्टर्ड किए गए। सॉयल हेल्थ कार्ड के अंतर्गत 22.71 करोड़ कार्ड बनाए गए। 11 हजार 531 टेस्टिंग प्रयोगशालाएँ मंजूर की गई।
उन्होंने बताया प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत यूपीए के समय में 6057 करोड़ थी। इस योजना में करीब 136 फीसदी 15,511इजाफा किया गया। माइक्रो इरीगेशन फंड के तहत 17.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 4710.96 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। पांच हजार करोड़ रूपए की प्रारंभिक राशि से नाबार्ड में एक सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया गया है। कार्पस फंड 10 हजार करोड़ रूपए का रखा गया है। इसके अलावा कृषि ऋण प्रवाह यूपीए के समय में 7.3 लाख करोड़ रूपए था जो बढ़कर 18.5 लाख करोड़ रूपए ;2022.23 में किया गया। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत यूपीए के समय में 6.46 करोड़ किसान थे लेकिन अब 9.28 करोड़ किसान इसका लाभ ले रहे हैं। यूपीए के समय 5 लाख करोड़ बजट था जो अब बढ़कर 16.57 लाख करोड़ है।
 

खाद सब्सिडी (फर्टिलाइजरयूपीए के समय में 41,853 करोड़ थी। मोदी सरकार द्वारा 62,151 करोड़(cumulative),यूरिया पर और 40,073 करोड़ (cumulative) नॉन यूरिया पर दी गई। नीम कोटेड यूरिया में नीम कोट से करीब 15 से 20 फीसदी यूरिया की क्षमता बढ़ जाती है। किसान रेल की अवधारणा मोदी सरकार ने शुरू की। इस योजना में 167 रूट्स पर 2359 रेलों के फेरे लगे। और 7.88 लाख टन से ज्यादा किसानों का कृषि उत्पाद ढोया गया। किसान उड़ानके तहत 33 कार्गो टर्मिनल्स से 12 से ज्यादा कृषि उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया। डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को बैंको के चक्कर लगाना बंद हो गए। एक ही जगह से उनके खातों की जांच हो सकती है। अब हर बैंक से जाकर एनओसी लाने का काम बंद हुआ। एक समय हम सभी को याद है कि जब हमारी यह हालत थी कि अनाज बचाने के लिए देश को एक दिन का उपवास रखने की बात कही गई थी। लेकिन अब हालत बदल गए हैं। अब हम निर्यात कर रहें है। मोटा अनाज हो या फिर, चांवल, चीनी, दूध हम निर्यात में नए रिकार्ड बना रहे हैं। मोदी सरकार की अगुआई में एग्री स्टार्ट अप एक नया इतिहास रच रहा है। पहले कृषि क्षेत्र में केवल 100 स्टार्ट-अप काम कर रहे थे। लेकिन पिछले सात आठ सालों में यह आकड़ा बढ़कर चार हजार से ज्यादा हो गया है। पहले केवल दो बड़े फूड पार्क थे. लेकिन अब इनकी संख्या 23 हो गई है।

एथेनॉल से कारें चल सकें और अपशिष्ट और गोबर से बायो-सीएनजी और बायोगैस तैयार हो, इसके लिए काम चल रहा है। वर्ष 2021-22 तक भारत ने समय सीमा से काफी पहले 10% इथेनॉल ब्लेंडिंग टारगेट को हासिल कर लिया है। इसके परिणामस्वरुप किसानों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक का समय पर भुगतान किया गया है।

निर्यात में रिकार्ड- विभिन्न संस्थानों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट्स में साफ जाहिर होता है कि किसानों की कुल मुद्रास्फीति-समायोजित आय में दो गुना इजाफा हुआ है। या कई राज्यों में यह लगभग दो गुना हुई है। आज भारत विश्व में सर्वाधिक कृषि उपज के उत्पादन के मामले में पहले या दूसरे स्थान पर रहता है। जबकि 3.75 लाख करोड़ मूल्य की कृषि उपज का रिकॉर्ड निर्यात किया गया। किसान मान धन योजना से 23 लाख किसानों को फायदा हुआ। कृषि इंफ्रा फंड से एक लाख करोड़ का आवंटन हुआ है। ड्रोन तकनीक में SOP जारी की गई है। इसका लाभ भी हमारे किसानों को मिलेगा।

यूपीए और एनडीए की नीतियों में कृषि क्षेत्र का तुलनात्मक विवरण

यूपीए में कृषि बजट 1,48,162.16 करोड़ (वर्ष 2006 से 2014) जबकि एनडीए में (वर्ष 2014 से 2022) 6,21,940.92 करोड़ रहा। यूपीए में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि राशि     शुन्य थी जबकि      एनडीए में 2.16 लाख करोड़ थी। इसी प्रकार यूपीए में लाभार्थी किसान (किसान सम्मान निधि)            शुन्य जबकि एनडीए में 11.37 करोड़ किसान थी। यूपीए में ईनाम मंडी नगण्य जबकि एनडीए में 1260 -नाम मंडी, अक्टूबर 2022 तक 1.74 करोड़ से अधिक किसान, 2.36 लाख ट्रेड पंजीकृत, 2.22 लाख करोड़ का व्यापार दर्ज किया गया।

इसी प्रकार यूपीए में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नगण्य जबकि एनडीए में 2021-22 में 16,000 करोड़ रुपए आवंटित, (1,24,223 करोड़ से अधिक क्लेम का भुगतान) (जबकि 25,185 करोड़ रुपए किसानों द्वारा बीमा प्रीमियम के रुप में दिए गए। इसी प्रकार यूपीए में किसान उत्पादक संघ नगण्य जबकि एनडीए में 10,000 किसान अक्टुबर 2022 तक 3855 एफपीओ रजिस्टर्ड रहा। यूपीए में सॉयल हेल्थ कार्ड नगण्य जबकि एनडीए में 22.71 करोड़ रहा।

इसी प्रकार यूपीए में टेस्टिंग 171 जबकि एनडीए में 11,531 प्रयोगशालाएं मंजूर हुये।  यूपीए में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना       6057 जबकि एनडीए में 15,511 करोड़ (136% वृद्धि) दर्ज की गई। एनडीए में माईक्रो ईरिगेशन फंड 17.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 4710.96 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी मिली। यूपीए में कृषि ऋण प्रवाह 7.3 लाख करोड़ रुपए जबकि एनडीए में 18.5 लाख करोड़ रुपए (2022-23) रहा। यूपीए में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) 6.46 करोड़ किसान तथा एनडीए में 9.50 करोड़ किसान रहा। इसी प्रकार एनडीए में किसान रेल कुल रुट्स 2359, 167 तथा किसान उड़ान कार्गो टर्मिनल कृषि उत्पाद 33 एवं 12 रहा।

 

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