दर्जन घायलों में इलाज के दौरान बुजुर्ग की सांसे थमी..
मप्र के जबलपुर में एक मेट्रो बस के चालक की अटैक आने की वजह से अचानक सांसद थम गई लेकिन चलती हुई बस की पहिए नहीं रुके। इधर इन सब हालातों से बेफिक्र लोग दमोह नाका के चौराहे पर रेड सिगनल ग्रीन होने का इंतजार कर रहे थे। किसी को सपने में भी गुमान नहीं था कि दबे पांव पीछे से मौत दबोचने को आ रही है। अचानक पीछे से आ रही बस ने ऑटो स्कूटी तथा बाइक को टक्कर मारते हुए अपनी चपेट में ले लिया। गनीमत रही कि इसके बाद बस रुक गई। इसी के साथ अफरा-तफरी भरी हालात बनते देर नहीं लगी और लोगों ने बस की चपेट में आए बच्चों सहित अन्य लोगों को बाहर निकालने और अस्पताल भिजवाने में देर नहीं की।
इधर इस घटनाक्रम से घबराए बस में सवार लोगों ने भी बस के रुकने से जहा राहत की सांस ली वही इस दौरान इनकी नजर जब ड्राइविंग सीट पर गई तो चालक को बेसुध पड़ा देखकर उन्हें यह समझते देर नहीं लगी कि चालक के प्राण पखेरू चुके हैं। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि जबलपुर के दमोह नाका क्षेत्र में शुक्रवार 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे हुई वह सनसनीखेज घटनक्रम है जो आसपास के सीसीटीवी कैमरा में भी रिकॉर्ड हुई है। सीसीटीवी के वीडियो को देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि किस तरह से अनियंत्रित बस ने पहले आटो वाले को चपेट में लिया, फिर स्कूटी व स्कूली बच्चे तथा एक बाइक सवार चपेट में आ गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जबलपुर मेट्रो की सिटी बस क्रमांक एमपी 20 पीए 0762 अधारताल से रानीताल के लिए शहर के यात्रियों को लेकर निकली थी। अचानक बस चालक हरदेव पाल को सीने में दर्द के साथ ऐसा अटैक आया कि वह चाह कर भी बस को नहीं रोक सका। यह भी गनीमत रही कि आखरी समय चालक का पैर एक्सीलेटर पर नहीं गया नहीं तो तेज रफ्तार का कहर अनियंत्रित बस को कितने लोगों की जान का दुश्मन बना देता अंदाजा लगा पाना मुश्किल है।
बस की चपेट में आए बाइक सवार ट्रांसपोर्टर एलपी गोर इलाज के दौरान शाम को अस्पताल में सांस थम गई जबकि बच्चों सहित अन्य घायलों का इलाज जारी है जबलपुर कोतवाली पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच में जुटी हुई है। सीसीटीवी में दर्ज हुए इस पूरे घटनाक्रम को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से मौत कब दबे पांव पीछे आकर किसी को भी दबोच लेती है इसका अंदाजा पल भर पहले तक किसी को नहीं होता।
0 Comments