धान उपार्जन खरीदी केंद्र प्रक्रिया में शुरुआत से गड़बड़ी
दमोह।
धान उपार्जन केंद्र की खरीदी प्रक्रिया मैं शुरुआती दौर में ही भ्रष्टाचार
और प्रशासनिक हठधर्मिता नजर आ रही है जिसमें पहले पत्र जारी कर उपार्जन
केंद्र निर्धारण हेतु लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से आवंटन की बात कहीं गई
परंतु निर्धारित दिनांक को आवंटन हेतु लॉटरी प्रक्रिया का ना कर सीधे ही
विभिन्न उपार्जन केंद्रों को आवंटित कर दिया गया।
सीधे अर्थों में कहा जाए
तो ऐसा लग रहा है कि जिला प्रशासन द्वारा नेताओं के चाहेतों और धनवान लोगों
की की ओर से सरकारी निर्णय लिए जा रहे हैं। इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट के साथ जल्द मिलते है।
हटा जनपद सदस्य पर दर्ज हुआ हिट एंड रन का मामला
दमोह।
जिले हटा जनपद के भैंसा विकासखण्ड से जनपद सदस्य खेमचंद पटेल के विरुद्ध
थाना कोतवाली में हिट एंड रन का मामला पंजीबद्ध हुआ है दरसल जनपद सदस्य
खेमचंद के मारुति वाहन mp34ca0998 ने कल शाम एक युवती को तेजी से टक्कर मार
दी और वाहन लेके फ़रार हो गया। युवती ने वाहन नम्बर से पहचान करते हुए बताया
के घटना के समय वाहन स्वयं जनपद सदस्य खेमचंद ही चला रहे थे जिन्हें वह
सामने आने पे पहचान लेगी। हटा के स्थानीय लोगों के अनुसार खेमचंद पूर्व
जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के साडू भाई बताये जाते हैं। घटना के
तत्काल बाद ही सड़क के आसपास मौजूद जनता ने युवती को जिला अस्पताल पहुँचाया
वहाँ इलाज के बाद युवती निजी अस्पताल में उपचाररत है युवति के पैर में
गम्भीर चोटें हैं व डॉक्टर ने उसे पैर की नसें फट जाना बताया है वहीं युवती
का मानना है के वास्तव में यह घटना मात्र एक्सीडेंट नहीं है बल्कि उस पर
जानलेवा हमला हुआ है।
इस पूरे मामले को लेकर दमोह के
मुकेश नायक कॉलोनी निवासी युवती ने बताया के वह एक रेप के मामले में गवाह
है। जिसके न्यायालय में अभी गवाह होना है मामले का आरोपी जो अभी दमोह जेल
से जमानत पर छूटा है। उसने जेल में रहते हुए खेमचंद पटेल के जेल के ही
रिश्तेदार जो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष से तलूक रखते हैं से मिलकर उसे जान
से खत्म करने का प्रयास किया है। दरसल युवती इस सारे वाकये के पहले पुलिस
अधीक्षक एवम मुख्यमंत्री स्तर तक शिकायत दर्ज करा चुकी है के उसकी जान को
खतरा है। फिलहाल कोतवाली पुलिस मामले की सभी ऐंगल्स से जांच में जुटी है।
रिश्वत मामले में तत्कालीन SDOP को 3 साल की सजा
दमोह।
न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट ने गुरुवार को
अहम निर्णय देते हुए सात साल पुराने रिश्वत के मामले में आरोपी तत्कालीन
तेंदूखेड़ा एसडीओपी जीपी शर्मा को 3 साल की सजा के साथ 20 हजार रुपए के
अर्थदंड से दंडित किया है।वही इसी मामले में आरोपी बनाए गए वाहन चालक एएसआई
विजय चढ़ार को दोषमुक्त किया गया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले
विशेष लोक अभियोजक हेमंत कुमार पाण्डेय एवं अनंत सिंह ठाकुर ने बताया कि 27
सितंबर 2015 को आवेदक ब्रजपाल पटेल ने जीपी. शर्मा एस.डी.ओ.पी.
तेन्दुखेड़ा के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के समक्ष आवेदन पत्र
दिया था। जिसमे आवेदक के पुत्र अजय पटेल पर थाना जबेरा में लड़की को भगाकर
ले जाने का एस.सी./एस.टी. एक्ट के अंतर्गत अपराध मामले की विवेचना जी.पी.
शर्मा, एस.डी.ओ.पी. तेन्दूखेड़ा कर रहा था। उक्त अपराध में अपने पुत्र की
अग्रिम जमानत दमोह न्यायालय से मंजूर कराई थी,जिसका आदेश लेकर आवेदक एवं
उसका पुत्र अजय पटेल अपने अधिवक्ता के साथ उनके कार्यालय गया था। जहा
जी.पी. शर्मा ने जमानत तस्दीक के लिये 10,000 रुपये रिश्वत की मांग की थी।
जिसकी शिकायत पर लोकायुक्त सागर की टीम ने 29 सितंबर 2015 को एसडीओपी को
तेंदूखेड़ा के शासकीय आवास में 5000 रु की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों
पकड़ा था।
समस्त कार्यवाही एवं विवेचना उपरांत
अभियोग पत्र न्यायालय विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988)
दमोह के समक्ष प्रस्तुत किया गया. न्यायालय द्वारा प्रकरण के विचारण
उपरांत अभियोजन द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य व
प्रस्तुत न्याय दृष्टांत एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय
द्वारा 24 नम्बवर 2022 को पारित निर्णय में आरोपी जी.पी. शर्मा तत्कालीन
एसडीओपी तेंदूखेडा को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम
1988 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 20,000 रूपये अर्थदंड से दंडित
किया गया. न्यायालय द्वारा अभियुक्त विजय कुमार चढ़ार के संदर्भ में
अभियोजन मामला प्रमाणित नहीं पाया है, फलतः दोषमुक्त किया गया।
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