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जिला पंचायत में मनमाने प्रस्तावों की मंजूरी कराने शासन के दिशा निर्देशों की अनदेखी.. ! कल सामान्य सभा की बैठक के बाद आज पुरानी कार्य योजना में संशोधन हेतु कार्यशाला का आयोजन चर्चाओं में.. अनेक सदस्य जनपद अध्यक्ष सरपंच तक नहीं पहुंची सूचना..

 जिला पंचायत में कल बैठक और आज कार्यशाला.. 

दमोह। जिला पंचायत के नए सदस्यों निर्वाचन पश्चात अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव तथा विभिन्न समितियों के सभापति गठन के साथ पावर में आए जनप्रतिनिधि और अधिकारी शासन के पुराने दिशानिर्देशों की अनदेखी करके अब अपनी सुविधा के अनुसार कार्य योजना मैं संशोधन करने की रणनीति तैयार कर चुके हैं उन्हें इस बात का भी कदाचित भय नहीं है कि आगामी दिनों में जब इस फर्जीवाड़े की पोल खुलेगी और मामला भोपाल में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आएगा तब वह इसके लिए किस पर दोषारोपण करेंगे।

हम बात कर रहे हैं 3 नवंबर 2022 को दोपहर 3:30 बजे से जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित होने वाली 15 वित्त आयोग की राशि से वर्ष 2022-23 के लिए डीपी डीपी अर्थात डिस्टिक पंचायत डेवलपमेंट प्लान मैं पूर्व में तैयार कार्य योजना में संशोधन करने हेतु कार्यशाला के आयोजन की। 3 नवंबर को आयोजित होने वाली इस कार्यशाला की सूचना जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजय श्रीवास्तव द्वारा 2 नवंबर को हुई सामान्य सभा की बैठक के परिपालन में जारी किया गया है। लेकिन इस दौरान इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया है कि किसी भी बैठक की सूचना सदस्यों तक पहुंचाने के पहले कम से कम 1 सप्ताह की समय अभी का ध्यान रखा जाना चाहिए था। वही इसको लेकर आ रहा है कि पूर्व में जब कार्य योजना तैयार कर ली गई थी तो फिर इसमें संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ गई। 

क्या नए सदस्यों सभापति अध्यक्ष उपाध्यक्ष के निर्वाचन के बाद इसमें संशोधन किया जा सकता है इसको लेकर जिम्मेदार कोई भी जानकारी देने से बचते नजर आ रहे हैं।
इस संदर्भ में अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 11325 दिनांक 1 अक्टूबर 2020 की कंडिका क्रमांक सी के अनुसार 3 नवंबर को कार्यशाला आयोजित किए जाने का हवाला दिया गया है।  जब कि इस कंडिका सी के अनुसार इस कार्यशाला में जिला पंचायत का प्लान तैयार करके जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष सदस्य समस्त जनपद पंचायत अध्यक्ष ग्राम पंचायत सरपंच एवं जिला स्तरीय सभी लाइन डिपार्टमेंट के प्रमुख अधिकारी को शामिल किया जाना आवश्यक है। 
लेकिन सवाल यही उठता है कि 2 नवंबर को शाम को जारी हुए इस कार्यशाला आयोजन का सूचना पत्र कुछ ही घंटों में जिले के समस्त सरपंच सभी जनपदों के अध्यक्ष सभी जिला पंचायत सदस्य तक कैसे पहुंच सकता है ?
इस संदर्भ में जिला पंचायत सदस्य जमुना बाई देशराज सिंह का कहना है कि इस कार्यशाला के संदर्भ में कोई भी अधिकृत पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। जिस वजह से वह इस बैठक में नहीं जा रही है। कुछ अन्य सदस्यों का कहना था कि जिला पंचायत सदस्य अधिकारियों के ग्रुप में कार्यशाला का पत्र देखा था लेकिन उनके पास लिखत मैं कोई सूचना नहीं पहुंची है।

 इधर जल्दबाजी में कार्यशाला आयोजित किए जाने के संदर्भ में सूत्रों का कहना है कि 28 अक्टूबर 2022 को पंचायत राज संचालन मध्य प्रदेश द्वारा संचालक अमरपाल सिंह के हस्ताक्षर से जारी किए गए पत्र क्रमांक 15606 में जिला पंचायत के समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी से 15 वे वित्त की शेष रही कार्य योजना 22-23 को 4 नवंबर 2022 तक ई ग्राम स्वराज पोर्टल एवं जीपीडीपी पोर्टल पर फ्रीज कराने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन यह आदेश मध्य प्रदेश के जिन 44 जिलों के संदर्भ में जारी किया गया है उसमें दमोह सहित वह 7 जिले शामिल नहीं है जो नीति आयोग के तहत शामिल हैं। ऐसे में फिर सवाल उठता है कि कार्यशाला के जरिए संशोधन कराने की ऐसी क्या जल्दी पड़ी है कि सदस्य तक सूचना तक पहुंचाना जरूरी नहीं समझा गया।

ऐसे में यहां बताना फिर आवश्यक होगा कि दमोह जिले की कार्य योजना को पूर्व में ही 9 मई 2022 को डीपीसी के अनुमोदन उपरांत भारत सरकार के ग्राम स्वराज पोर्टल में फीड डाउनलोड किया जा चुका है। ऐसे में फिर सवाल उठता है कि कार्यशाला के जरिए संशोधन प्रस्ताव को पास कराने की जल्दी से किन को अपना अपना लाभ दिख रहा है इसके अपडेट के साथ जल्द मिलते हैं।

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