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पथरिया हत्या मामले को लेकर दमोह कलेक्ट्रेट के बाहर धरना अनशन.. हत्यारोपियों के अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की मांग.. इधर हटा में हत्या का अपराध पंजीबद्ध कराने चक्का जाम प्रदर्शन.. दमोह पन्ना रोड पर घंटो लगा रहा जाम..

 कलेक्ट्रेट के बाहर धरना अनशन, हटा में चक्का जाम प्रदर्शन 

दमोह। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस व्यवस्था के साथ पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाही पर पीड़ित पक्ष के लोग उंगलियां उठाने से लेकर धरना प्रदर्शन चक्का जाम अनशन आदि का सहारा लेने से नहीं चूक रहे हैं। साथ ही हत्या जैसे मामलों में प्रशासन द्वारा आरोपियों के अवैध कब्जों तथा पीड़ितों को दी जाने वाली सहायता मामले में दोहरा रवैया अपनाने के आरोप लगाने से भी नहीं चूक रहे। दमोह जिले में गुरुवार को इस तरह की 2 तस्वीरें देखने को मिली। जिला मुख्यालय पर पथरिया के विश्वकर्मा परिवार के लोग कलेक्ट्रेट गेट के बाहर न्याय की मांग को लेकर जहां धरना अनशन करते हुए नजर आए वही हटा मुख्यालय पर अस्पताल के सामने शव रखकर हत्या अपराध पंजीबद्ध किए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन चक्का जाम करते नजर आए।
 न्याय तथा सुरक्षा की मांग, कलेक्ट्रेट गेट पर अनशन..
दमोह। जिले के पथरिया थाना में 15 अक्टूबर की रात झगड़े की रिपोर्ट दर्ज करा कर लौट रहे किन्द्रोह गांव निवासी विश्वकर्मा परिवार के लोगों के ऊपर रास्ते में जानलेवा हमला किया गया था। जिसमें गंभीर रूप से घायल दो गोकल विश्वकर्मा की जिला अस्पताल में मृत्यु हो गई थी अन्य सदस्य भी गंभीर रूप से घायल हुए थे। जमीन पर कब्जे को लेकर हुए इस नृशंस हत्याकांड में पथरिया थाना पुलिस ने बमुश्किल 8 आरोपियों के नाम पर अपराध पंजीबद्ध किया था जिनमें से अभी तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि तीन आरोपी फरार रहने के बावजूद पीड़ित परिजनों को धमका रहे हैं। उनको उनकी निजी जमीन पर खेती नहीं करने दे रहे हैं। इधर शासन प्रशासन द्वारा आरोपियों के सरकारी जमीन पर कब्जे को हटाने के लिए भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है दूसरी तरफ पीड़ित परिवार को अंत्येष्टि सहायता से लेकर अन्य कोई मदद आर्थिक मदद सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है।
इन सब हालातों से हलकान होकर मृतक गोकुल विश्वकर्मा परिवार की पत्नी क्रांति के साथ उसके मासूम बच्चे, भाई तथा परिजनों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट गेट के बाहर हाथों में तख्तियां लेकर धरना देते हुए न्याय की गुहार लगाई तथा शेष आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने एवं सरकारी जमीन से कब्जा नहीं हटाया जाने तक अनशन की चेतावनी दी है। सुबह 10 बजे से शाम तक विश्वकर्मा परिवार के मासूम बच्चे महिलाएं तथा अन्य सदस्य रो-रो कर अपना दुखड़ा सुना रहे थे। साथ ही हत्या मामले में पीड़ित परिवारों के प्रति शासन के दोहरे रवैया को बयान करने से भी नहीं चूक रहे थे। नेताओं द्वारा भी किसी प्रकार की सहानुभूति सहायता के लिए आगे नहीं आने की भी उनको शिकायत है।

धरना दे रहे परिजनों का कहना है कि फरार आरोपियों द्वारा 15 अक्टूबर की रात हत्या के मामले में राजीनामा करने का दबाव बनाया जा रहा है। जान से मारने की धमकियां भिजवाई जा रही है हवाई पुलिस आने की कोई कार्यवाही नहीं कर रही है यहां तक कि वारदात में प्रयुक्त ट्रैक्टर आदि को भी पकड़ने के बाद पुलिस द्वारा छोड़ दिए जाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। देखना होगा कलेक्ट्रेट के बाहर अनशन पर बैठे उसका परिवार के लोगों कि कब तक पुलिस प्रशासन सुनवाई करता है।
 
हत्या का मामला दर्ज कराने धरना प्रदर्शन के साथ जाम 

दमोह। जिले के हटा थाना अंतर्गत निवरमुंडा गांव में बीती रात एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत हो जाने के बाद परिजनों ने उसकी बेरहमी से हत्या के आरोप लगाए थे वही आज दोपहर पोस्टमार्टम के बाद सब परिजनों के सुपुर्द किए जाने पर उसे ट्रैक्टर ट्राली में रखकर गांव ले जाने के बजाय दमोह पन्ना स्टेट हाईवे पर खड़ा कर दिया गया। जिससे जाम के हालात बनते देर नहीं लगी।
 दरअसल निवरमुंडा निवासी प्रतिपाल सिंह 45 वर्ष गंभीर हालत में हटा स्वास्थ्य केंद्र लाए जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया था। परिजनों का कहना था उसके साथ गांव के आधा दर्जन से अधिक लोगों ने बेरहमी से मारपीट करने के बाद में गले में रस्सी बांधकर घसीटा था जिस वजह से उसकी मौत हो गई। इधर हाटा थाना टीआई एचआर पांडे द्वारा इस मामले में मर्ग कायम करके पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद में अपराध पंजीबद्ध किए जाने की बात कही जा रही थी। यही वजह रही कि मृतक के परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम के बाद हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग को लेकर स्टेट हाईवे पर शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया गया।
 जानकारी लगने पर हटा एसडीएम अभिषेक सिंह भी मौके पर पहुंचे जहां परिजनों ने रोते हुए चीख चीख कर प्रतिपाल सिंह की हत्या की बात कही साथ ही आरोपियों के नाम भी गिनाए। इस दौरान हटा थाना पुलिस दर्शक बनी खड़ी रही और सड़क के दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग जाने से नागरिक यात्री परेशान होते रहे।

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