तारादेही में झोलाझाप डा पीके राय के यहां छापा..
दमोह।
जिले के तारादेही थाना अंतर्गत पुलिस राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम
द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए एक झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक पर
छापा मार कर जांच की गई। इस दौरान विभिन्न में गड़बड़ियां पाए जाने पर
उपयोग में लाई जा रही दवाई सहित अन्य सामग्री को जप्त कर के झोलाछाप को
पुलिस थाना लाकर आयुर्वेद अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण
पंजीबद्ध करके कार्यवाही की गई है।
प्राप्त जानकारी
के अनुसार बंगाली क्लीनिक के संचालक कथित डॉ पीके राय पीके की क्लिनिक पर
छापामार कार्रवाई के दौरान वह अपनी योग्यता के विपरीत उपचार करते पाए गए।
जिसके बाद यह कार्यवाही की गई। बताया जा रहा है कि विसनाखेड़ी ग्राम के निवासी
राजाराम यादव द्वारा की गई शिकायत के बाद तेंदूखेड़ा बीएमओ आरआर बागरी,
नायब तहसीलदार विजय साहू, तारादेवी थाना प्रभारी श्याम बेन के साथ पुलिस
टीम झोलाछाप बंगाली डॉ प्रतिश राय के यहां छापा मारने पहुची थी।
जांच
के दौरान बंगाली डॉक्टर महोदय बीएमएस आदि की डिग्री नहीं दिखा पाए वही
क्लिनिक से भारी मात्रा में अंग्रेजी दवाइयां मिली है, जिसे जब्त किया गया
है। सीज की गई दवाईयों में विभिन्न सिरिंज, निडल, सिरप, कैप्सूल, इंजेक्शन,
टेबलेट आदि है। मामले में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।
ASI को 4 साल की सजा और 20 हजार का जुर्माना
दमोह।
करीब 7 साल पहले Rs 6000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए एक सहायक
उपनिरीक्षक को विशेष कोर्ट में भ्रष्टाचार मामले में 4 साल की सजा के साथ Rs 20000 का जुर्माना किया है। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की
कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत आरोपी बृजमोहन पांडे
तत्कालीन एएसआई थाना बटियागढ़ को यह सजा सुनाई है।
अभियोजन
की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक हेमंत कुमार पाण्डेय ने बताया
कि 16 दिसम्बर 2015 को आवेदक काशीराम अहिरवार ने आरोपी बृजमोहन पांडे
तत्कालीन एएसआई थाना बटियागढ़ के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के
समक्ष आरोपी द्वारा रिश्वत मांगने का शिकायती आवेदन पत्र दिया था। दरअसल 8
दिसंबर 15 को आवेदक का लड़का प्रीतम एवं भतीजा राजा, किशोरी, नन्हे भाई का
विवाद गुलाब, कस्सी तथा धिन्नू अहिरवार से हो गया था। जिस पर प्रीतम ने 100
डायल पुलिस को सूचना दी थी। तब एएसआई बी.एम. पाण्डेय तथा आरक्षकगण घटना
स्थल पर गये थे. इसके बाद टीआई भी आ गये थे, तब उन्होंने सबको समझाकर चले
गये थे।
इसके बाद दिनांक 09 दिसम्बर 2015 को गुलाब
पिता घिन्नु द्वारा थाने में जाकर आवेदक का लड़का प्रीतम तथा भतीजा राजा,
किशोरी, नन्हें भाई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी थी. जिसकी जांच एएसआई.
बी.एम. पाण्डेय के द्वारा की जा रही थी। 15 दिसम्बर 15 को रात्री करीब 9
बजे एएसआई पाण्डेय आवेदक के घर पर गये और आवेदक से बोले कि तुम्हारा लडका
तथा भतीजा सब जेल जा रहे हैं. तब आवेदक ने कहा कि साहब उस दिन तो सबको समझा
बुझा दिये थे, फिर किस बात की रिपोर्ट किये हैं. तब पाण्डेय बोले कि लडकों
के ऊपर मारपीट की रिपोर्ट दर्ज है. अगर 10,000 रुपये दोगे तो तुम्हारा
केस हल्का कर देंगे और जल्दी चालान पेश कर जमानत करवा देंगे।अगर दस हजार
रुपये नहीं दिये तो लड़कों को गिरफ्तार कर जेल भेज देंगे।
आवेदक
अनावेदक को रिश्वत नहीं देना चाहता था और उन्हें रिश्वत लेते हुये रंगे
हाथों पकड़वाना चाहता था, जिसके कारण आवेदक काशीराम अहिरवार ने दिनांक 16
दिसंबर 2015 को लोकायुक्त कार्यालय सागर में पुलिस अधीक्षक के समक्ष
उपस्थित होकर लिखित आवेदन प्रस्तुत किया। उक्त शिकायत का सत्यापन लोकायुक्त
पुलिस सागर द्वारा किया गया और दिनांक 17 दिसम्बर 2015 को आरोपी और आवेदक
के मध्य रिश्वत का लेनदेन होना तय हुआ था, जिस पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा
ट्रैप दल का गठन किया गया और आरोपी को आवेदक से 500- 500 के 12 नोट कुल
6000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और समस्त कार्यवाही एवं विवेचना
उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम
1988) दमोह के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के
विचारण उपरांत अभियोजन द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक
साक्ष्य व प्रस्तुत न्याय दृष्टांत एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए
न्यायालय द्वारा आज दिनाँक 15 नवंबर 2022 को पारित निर्णय में आरोपी
बृजमोहन पांडेय,तत्कालीन एएसआई थाना बटियागढ़ जिला दमोह को दोषसिद्ध पाते
हुए धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास
एवं 20,000 रूपये अर्थदंड से दंडित किया गया।
गुनगुनी धूप का आनंद लेते मगरमच्छ का वीडियो वायरल
दमोह
जिले के गैसाबाद क्षेत्र में व्यारमा नदी के तट पर एक विशालकाय मगरमच्छ के
नदी किनारे धूप स्नान करने की वीडियो सामने आई है। मंगलवार को सुबह से नदी
के बाहर आंखे बन्द करके आराम फरमा रहे मगरमच्छ पर जैसे ही नदी में नहाने
आए बच्चों की नजर पड़ी तो उन्होंने मगरमच्छ के पास में पहुंचने में देर
नहीं की।
इस दौरान उन्होंने मगरमच्छ में किसी प्रकार की हलचल नहीं होते
देखकर उसके ऊपर नदी से डिब्बे में लाकर पानी डालना भी शुरू कर दिया। लेकिन
तब भी मगरमच्छ में यहां से हटना जरूरी नहीं समझा। सिर्फ पूछ हिलाकर यह
संकेत देने की कोशिश की टाइगर अभी जिंदा है.. फिलहाल इस मगरमच्छ के नदी से
निकलकर किनारे पर पड़े होने की सूचना वन विभाग को दी गई है..
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