15 वे वित्त प्रस्ताव संशोधन को लेकर हुआ टकराव..
दमोह। जिला पंचायत के नवनिर्वाचित पदाधिकारी और सदस्यों द्वारा 15 वे
वित्त के कार्यों को लेकर नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर भोपाल भिजवाने की की
मंशा पर भाजपा के दोनों विधायक और सांसद प्रतिनिधि द्वारा आपत्ति दर्ज कराए
जाने तथा इसकी शिकायत कलेक्टर तो किए जाने के बावजूद शुक्रवार को उपरोक्त
संशोधित प्रस्ताव की फीडिंग कारवाही जिला पंचायत में जारी रहने की खबरें
सामने आई है इधर चालू हुई कार्यशाला के दौरान इस मामले को लेकर भाजपा
विधायकों और जिला पंचायत अध्यक्ष के बीच निर्मित हुए वाक युद्ध के हालात के
बाद माननीयों की अवमानना की शिकायत भी कलेक्टर महोदय तक पहुंची है जिसमें
उन्होंने जांच के आदेश भी दिए हैं।
दरअसल यह पूरा
मामला जिला पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सदस्यों द्वारा लाए
गए 15वें वित्त के वर्ष 2022-23 के डीपीडीपी के संशोधन प्रस्ताव से जुड़ा
हुआ है। 2 नवंबर को ही जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में इसको लेकर
एक प्रस्ताव पास किया गया था इसके बाद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन
अधिकारी अजय श्रीवास्तव द्वारा 3 नवंबर को इस संदर्भ में पंचायत
प्रतिनिधियों की कार्यशाला का आयोजन करने का आदेश जारी किया गया था। जिसमें
जिला पंचायत के अध्यक्ष उपाध्यक्ष सभी सदस्य जिले के सभी सभी जनपद अध्यक्ष
और सभी सरपंचों को शामिल होने के लिए पत्र जारी किया गया था। वहीं एक अन्य
पत्र माननीय सांसद और माननीय विधायकों के लिए भी इस कार्यशाला में शामिल
होने के लिए आमंत्रित किया गया था।
गुरुवार दोपहर बाद
आयोजित कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता गौरव पटेल और उपाध्यक्ष
मंजू धर्मेंद्र कटारे सहायक उपस्थित सदस्य 15 वे वित्त के पूर्व के
प्रस्तावों को संशोधित करा कर अपने अनुसार नए प्रस्ताव जुड़वाना चाहते थे।
जबकि भाजपा विधायक पीएल तंतु बाय एवं धर्मेंद्र लोधी के अलावा सांसद
प्रतिनिधि गोपाल पटेल यह चाहते थे कि पुराने प्रस्तावों को नजरअंदाज नहीं
किया जाए। इसी पर से इनके द्वारा आपत्ति दर्ज कराए जाने पर जिला पंचायत
अध्यक्ष श्रीमती रंजीता पटेल द्वारा माननीय विधायकों की उपस्थिति पर ही
सवाल खड़े कर दिए..
गए वही शासन द्वारा जारी एक पत्र का हवाला भी दिया गया।
जिसके बाद इसे अपने अपमान का मामला मानकर दोनों विधायक एवं सांसद प्रतिनिधि
कार्यशाला का बात आउट करके बाहर आ गए। और रात करीब 7 बजे कलेक्टर को पूरे
मामले से अवगत कराते हुए लिखित में एक शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग
की गई। इधर इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जब जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि
गौरव पटेल से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने मोबाइल रिसीव करने तक
कि जरूरत नहीं समझी। शुक्रवार को जब इस मामले में कलेक्टर श्री एस कृष्ण
चैतन्य का कहना था अभी उनके पास मामले की जांच रिपोर्ट नहीं आई है जांच
रिपोर्ट आने के बाद ही कार्यवाही होगी।
अधिकांश पंचायत प्रतिनिधियों तक नहीं पहुंची सूचना
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नवंबर की शाम जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक के बाद जिला पंचायत के
सीईओ द्वारा 3 नवंबर को दोपहर में आयोजित होने वाली कार्यशाला आयोजन की
सूचना जारी की गई थी। लेकिन इतने कम समय में जिले के सभी सरपंचों तक यह
सूचना पहुंचना संभव नहीं थी। जिला पंचायत के सभाकक्ष में कार्यशाला के
आयोजन की जानकारी दी गई थी वहां पर बैठने की क्षमता 100 लोगों के हिसाब से
भी नहीं है। ऐसे में जिले के सभी सरपंच आ जाते धोनी के लिए कहां
बैठाया जाता यह भी सबसे बड़ा सवाल है।
इस मामले में सूत्रों का कहना है कि
जिला पंचायत सदस्यों के अलावा विधायक सांसद तक ही कार्यशाला का यह संदेशा
भेजा गया था। जिला मुख्यालय की सबसे नजदीकी ग्राम पंचायत आम चोपड़ा के
सरपंच जयपाल यादव और सरपंच संघ के अध्यक्ष प्रतिनिधि सोमेश गुप्ता का कहना
है कि उनको भी इस तरह की बैठक का कोई आमंत्रण नहीं मिला जिस वजह से वह बैठक
में नहीं पहुंचे। इसी तरह कुछ जिला सदस्य प्रतिनिधियों ने भी बैठक की
सूचना नहीं मिलने की बात कहकर इस कार्यशाला के आयोजन की पोल खोल कर रख दी
है।
विधायकों के वाकआउट के बाद भी संशोधन को मंजूरी !
जिला
पंचायत की कार्यशाला का भाजपा विधायको एवं सांसद प्रतिनिधियों द्वारा बात
आउट कर दिए जाने के बाद भी पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष सदस्य द्वारा अपनी
सुविधा के अनुसार संशोधन प्रस्तावों को तैयार कराने और इसकी फीडिंग कराने
के लिए गुरुवार को रात 8 बजे के बाद तक कवायद जारी रहने की जानकारी
सामने आई है इधर शुक्रवार को यह संशोधन प्रस्ताव कलेक्टर साहब के पास भेजे
जाने और उसके बाद इसकी फीडिंग कराने को लेकर भी पंचायत प्रतिनिधि सक्रिय
बने रहे। वही दूसरी और आपत्ति दर्ज कराने वाले कराने वाले दोनो विधायक एवं
सांसद प्रतिनिधि को भी मनाने की कवायद चलती रही। इधर मुख्यमंत्री के लाइव
प्रसारण में दोपहर से शाम तक कलेक्टर एवं जिला पंचायत के सीईओ के शामिल
रहने की वजह से संशोधन प्रस्तावों को कलेक्टर की मंजूरी मिली अथवा नहीं
इसका फिलहाल पता नहीं लग सका है। पिक्चर अभी बाकी है..
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