फांसी के फंदे पर झूलता मिला युवा आरक्षक का शव
दमोह। मानसिक तनाव, पारिवारिक परेशानी, प्रेम प्रसंग और आर्थिक तंगी जैसे हालातों के चलते आए दिन फांसी लगाकर या जहरीले पदार्थ का सेवन करके जीवन लीला समाप्त किए जाने के घटनाक्रम सामने आते रहते हैं। इसी कड़ी में ताजा मामला पुलिस के सिपाही का फांसी लगाकर खुदकुशी कर देने का सामने आया है।
दमोह के एसपीएम नगर स्थित पुलिस लाइन में निवासरत आरक्षक पुष्पेंद्र ठाकुर के द्वारा फांसी लगा लिए जाने की जानकारी मंगलवार शाम सामने आने पर सनसनी के हालात बनते देर नही लगी। पुलिस लाइन में अटैच नव आरक्षक 526 पुष्पेंद्र पिता प्रभु दयाल ठाकुर की उम्र 27 वर्ष बताई गई है। उसने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया यह फिलहाल पुलिस जांच का विषय है। घटना की सूचना मिलने पर नव आरक्षक के आवास पर सीएसपी अभिषेक तिवारी, एफएसएल अधिकारी डॉ किरण सिंह, फिंगरप्रिंट अधिकारी विनय मिश्रा, उप निरीक्षक एमके पांडे पुलिस टीम के साथ पहुंचे तथा मौके पर ही पंचनामा कार्रवाई करते हुए शव को जिला अस्पताल भेजा गया।
बताया जा रहा है कि साल भर पहले अनुकंपा नियुक्ति पाने वाला आरक्षक अविवाहित होने की वजह से अपने कमरे में अकेला ही रहता था। पथरिया क्षेत्र का निवासी होने पिछले दिनों दादी का निधन हो जाने के बाद एक दो दिन पहले ही वह दमोह आया था। ऐसे में आज संदिग्ध हालात में पुलिस लाइन के छोटे से कमरे में उसका शव फांसी पर लटकता मिलने से परिजन आश्चर्यचकित है। तथा किसी की भी समझ में उसकी खुदकुशी की वजह नहीं आ रही है।
आरक्षक के कमरे के हालात देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आर्थिक तंगी भरे हालात के साथ अस्त व्यस्त जीवन यापन करने को मजबूर था। जांच के दौरान उसके मोबाइल फोन को भी जप्त किया गया है उम्मीद की जा रही है कि उसकी खुदकुशी के तार मोबाइल के कॉल डिटेल व्हाट्सएप चैट आदि से जुड़े हो सकते हैं। आरक्षक की खुदकुशी के मामले ने सभी को झकझोर कर रख दिया है तथा यह सोचने को भी मजबूर कर दिया है लाईन में अटैच रहने वाले कर्मचारी किस तरह से आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव भरे हालात में अपना जीवन यापन करने को मजबूर रहते होंगे। मामले में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।
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