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नगर पालिका अध्यक्ष बनने के लिए सुबह बसपा से कांग्रेस तथा दोपहर में अध्यक्ष बनते ही शाम को भाजपा का दामन थामने वाले.. नेताजी को मारपीट के 8 माह पुराने मामले में नहीं मिली बेल.. बीमार होने की नौटंकी दिखाने के बावजूद कोर्ट ने भेजा जेल..

मारपीट मामले में नहीं मिली कोल्ड से बेल जाना पड़ा जेल

दमोह। जिले के पथरिया नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव के दौरान 1 दिन में तीन बार दलबदल करने का करिश्मा दिखा चुके नेता जी को अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा ज्वाइन कर लेने के बाद भी 8 माह पुराने मामले में जेल की हवा खाने से कोई नहीं बचा पाया है।

हम बात कर रहे हैं पथरिया के नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सुंदरलाल जी विश्वकर्मा की। जिनके खिलाफ 8 माह पहले इनके ही सजातिय बंधु पप्पू विश्वकर्मा के साथ मारपीट के मामले में अन्य आरोपियों के साथ धारा 326 का मामला पंजीबद्ध हुआ था। मारपीट के शिकार पप्पू विश्वकर्मा को जहां 8 जगह फैक्चर हुए थे वह अन्य आरोपी पूर्व में ही पकड़े जा चुके थे। लेकिन नेताजी सुंदरलाल के बहुजन समाज पार्टी में सक्रिय रहने तथा पुलिस से भी अच्छे संबंध होने की वजह से यह गिरफ्तारी से बचते आ रहे थे।
 यहां तक की पुलिस रिकॉर्ड में फरार होने के बावजूद इन्होंने करीब 3 महीने पहले बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर पथरिया नगर पालिका का पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत भी गए। इसके बाद पथरिया में कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह को अध्यक्ष नहीं बनने देने के लिए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के दिल्ली स्थित आवास पहुंचे नवनिर्वाचित बसपा भाजपा पार्षदों के दल में भी यह शामिल रहे थे। इसके बाद ऋषिकेश में गंगा मैया को साक्षी मानकर अपनी पार्टी का अध्यक्ष बनाने की शपथ लेने वाले पार्षदों की टोली में भी यह शामिल रहे थे।

वही नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव के दिन बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर यह कांग्रेस में शामिल हो गए तथा कांग्रेस पार्षदों की मदद से सुंदर लाल विश्वकर्मा नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीतने में सफल भी हो गए। लेकिन अध्यक्ष बनने के कुछ ही देर बाद इन्होंने भाजपा के कथित नेता संतोष दुबे जो कि अपनी पत्नी को इसी तरह से उपाध्यक्ष बनाने में सफल रहे थे इन्ही के साथ भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी थी। इस तरह एक दिन में दो बार दलबदल करके तीसरी पार्टी में शामिल होने का रिकॉर्ड बनाने वाले सुंदरलाल की राजनीतिक बाजी गिरी की चर्चाएं चारों तरफ फैलते देर नही लगी थी।

 इसी के साथ इनकी 6 माह पुराने मामले में फरार रहने और गिरफ्तारी वारंट जारी होने की खबरें भी सुर्खियां बन गई थी। इसके बावजूद ना पुलिस इन पर हाथ डाल रही थी और ना ही यह पुलिस के हाथ आ रहे थे। इधर दमोह जिले की पुलिस को देवरान में हुए तिहरे हत्याकांड मैं उलझा देखकर सुंदर लाल ने दिवाली के दूसरे दिन पथरिया थाने में पेश होने में देर नहीं की। थाना प्रभारी ने भी आनन-फानन में इनको दमोह भेज दिया। 

जहां रात भर पुलिस कस्टडी में रहने के बाद बुधवार को जब कोर्ट में पेश किया गया तो उनका जेल वारंट बनते देर नहीं लगी। इस दौरान पुलिस के हंड्रेड डायल वाहन से नीचे उतरते समय इनकी गिरते पड़ते की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसे देखकर कहा जा सकता है कि नेताजी पुलिस कस्टडी में रहते हुए भी शायद इसलिए नौटंकी दिखा रहे थे ताकि जेल वारंट कटने के बाद उनकी रात जेल की बजाए अस्पताल में कट सके।

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