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सागर नाका ओवरब्रिज के समीप हो रहे अवैध निर्माण का मामला.. पार्क के लिए आरक्षित जमीन पर व्यवसायिक निर्माण के खिलाफ.. 4 सप्ताह के अंदर कार्रवाई करें दमोह कलेक्टर.. हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के बाद अहम निर्देश..

सागर नाका ओवरब्रिज के पास अवैध निर्माण का मामला
 
जबलपुर। दमोह के सागर नाका क्षेत्र हिरदेपुर में पार्क के लिए आरक्षित जमीन पर हो रहे व्यवसायिक निर्माण के मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री रवि मलिमठ एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच के समक्ष शासकीय अधिवक्ता ने यह वचन दिया है कि याचिकाकर्ता द्वारा की गई शिकायत पर 4 सप्ताह के अंदर समुचित कार्यवाही की जावेगी यह याचिका दमोह के वरिष्ठ पत्रकार अनुराग हजारी ने दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था की दमोह के ग्राम हिरदेपुर की जमीन जो कि राजस्व विभाग के नाम दर्ज थी भूमि के 0.80 हेक्टेयर भूमि पर एक बड़ा पार्क एवं वल्लभभाई पटेल की मूर्ति स्थापना हेतु ग्राम पंचायत ने मांग की थी। 
जिस पर कलेक्टर ने विधिवत सुनवाई करते हुए 0.80 हेक्टेयर भूमि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय को पार्क हेतु आवंटित की गई थी ग्राम हिरदेपुर  तहसील दमयंती नगर दमोह में स्थित भूमि खसरा नंबर 21/3 22/5 रकबा 1. 80 हेक्टेयर रकबा जो नवीन तहसील कार्यालय हेतु आवंटित की गई थी उसमें से 2 एकड़ भूमि राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 4 क्रमांक 2 की कंडिका के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के नाम बृहद पार्क हेतु हस्तांतरण की है किंतु आवंटित जमीन पर डेढ़ वर्ष बाद भी पार्क का निर्माण भले नहीं हुआ है पर उपरोक्त जमीन ग्राम पंचायत हिरदेपुर ने नियम विरुद्ध ढंग से प्रस्ताव पारित कर प्रगतिशील कुर्मी समाज सेवा संस्थान लोक न्यास दमोह को पार्क के रखरखाव के नाम पर आवंटित कर दी है व इससे सटी शासकीय जमीन पर प्रगतिशील कुर्मी समाज सेवा संस्थान लोक न्यास दमोह के कर्ताधर्ता द्वारा अतिक्रमण कर बड़े पैमाने पर व्यवसायिक दुकानों का निर्माण शुरू कर दिया है साथ ही आवंटित जमीन से सटे  ओवर ब्रिज के नीचे भी निर्माण कार्य कराया जा रहा है जबकि उक्त निर्माण कार्यों को कोई वैध अनुमति किसी भी विभाग ने जारी नहीं की है।
याचिका प्रशासनिक अफसरों को भी पार्क की जमीन व इससे सटे दमोह सागर मार्ग की भूमि पर हो रहे निर्माण के कर्ताधर्ताओं के नाम की जानकारी है उक्त निर्माण की आड़ में शासकीय नाले की जमीन पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है इस नाले से कई जल स्रोतों में वर्षा का जल पहुंचता है शासकीय अभिलेख अनुसार पार्क हेतु भूमि ओवरब्रिज से कुछ दूरी पर आवंटित है किंतु का निर्माण कर्ताओं द्वारा ओवर ब्रिज के नीचे तक का हिस्सा कवर कर लिया गया है।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क प्रस्तुत किए की उक्त भूमि पंचायत बिभाग को  पार्क निर्माण हेतु दी थी किन्तु ग्राम पंचायत हिरदेपुर ने आवैधानिक रूप से एक निजी ट्रस्ट जो एक समाज विशेष का ट्रस्ट है के नाम से पंजीकृत ट्रस्ट है को बगेर प्रकिया के पालन के  पार्क निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी जिसकी आड़ में उपरोक्त जगह पर व्यवसायिक निर्माण एवं दुकानों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया।। जिस पर ना तो किसी विभाग से अनुमति ली गई नाही निर्माण के लिए टेंडर एवं निविदाएं आमंत्रित की गई। अवैध रूप से पार्क की जगह पर दुकानों का निर्माण किया जाने लगा याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री दिनेश उपाध्याय न्यायालय के समक्ष कलेक्टर के आदेश के साथ-साथ दैनिक समाचार पत्रों में छपी खबरों का हवाला देते हुए बताया कि उक्त निर्माण पूर्णता अवैधानिक है तथा समाज विशेष द्वारा पार्क की जगह पर अवैध निर्माण किया जा रहा है, जिसे राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है।
 याचिकाकर्ता के उठाए गए मुद्दों पर माननीय न्यायालय ने गंभीर रुख अपनाते हुए सरकारी वकील से प्रश्न किए जिस पर शासकीय अधिवक्ता न्यायालय में यह वचन दिया कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर 4 सप्ताह के अंदर समुचित कार्रवाई करते हुए आदेश पारित किए जाएंगे। उक्त कथन को अभिलेख पर लेते हुए माननीय न्यायालय ने याचिका का निराकरण कर दिया है तथा निर्धारित अवधि में कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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