सावधान.. लगातार बारिश से नदी नाले उफान पर, तला तलैया ओवरफ्लो, अनेक सड़क मार्ग बंद.. सिंगौरगढ़ किला नही पहुंच पाए सैकड़ो पर्यटक.. नया गांव में तालाब फुटने से घरों में भरा पानी.. तेंदूखेड़ा पठाघाट पुल डूबने से 18 गांव का संपर्क टुटा ..
दमोह।
मप्र के अनेक जिलों में पिछले 24 घंटे से झमाझम बारिश का दौर जारी रहने से
लगभग सभी नदी नाले उफान पर है वही ताला तलैया ओवरफ्लो हो चुके हैं वही
निचली बस्तियों मैं पानी निकासी की व्यवस्था सही नहीं होने तथा नाले
नालियों के चोक होने से जिले में जगह-जगह जलभराव के हालात निर्मित हो गए
हैं। हटा में सुनार, पटेरा में ब्यारमा बटियागढ़ में जूड़ी, तेजगढ़ में गौरईया, पथरिया रोड पर कोपरा नदी खतरे के निशान के उपर बह रही है।
दमोह जिले से बहने वाली सुनार, कोपरा, ब्यारमा,
जूड़ी, गौरैया, बेबस आदि नदियों इन की सहायक नदियों तथा नालों के पूरी तरह
से उफान पर रहने की वजह से नदी नालों के किनारे स्थित बस्ती जलमग्न होने की
आशंका जताई जाने लगी है ऐसे में अनेक लोग अपने ठिकानों को छोड़कर सुरक्षित
स्थानों पर पहुंचने लगे हैं वहीं मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को भी झमाझम
बारिश की संभावना बनी हुई है दूसरी ओर जिले में इस वर्ष की बारिश का
आंकड़ा 26 डिग्री को पार कर चुका है।
सिंगौरगढ़ के नाले में बाढ़, किला नही पहुंच पाए पर्यटक
दमोह।
लगातार हो रही तेज बारिश का असर रानी दुर्गावती अभ्यारण के पर्यटन स्थलों
पर पड़ने लगा है आज सिंगौरगढ किला से आगे पढ़ने वाले बरसाती नाले में तेज
बाढ़ वजह से सैकड़ों पर्यटक नाले की बाढ़ की बजह से आगे नही पहुंच पाए और
ऐतिहासिक पर्यटन सिंगौरगढ किले के दीदार करने से वंचित रह गए बता दें रानी
दुर्गावती अभ्यारण के ऐतिहासिक वीरांगना रानी दुर्गावती किला बारिश के इन
दिनों चारो ओर हरियाली के बीच अपने प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटकों को खूब
लोहा रहा है जिसके चलते दमोह जिले सहित आसपास जिले के पर्यटक बड़ी संख्या
में अवकाश के दिन रविवार को सिंगौरगढ किला और सिंगौरगढ जलाशय के सौंदर्य को
देखने के लिए पहुंच रहे थे
लेकिन तेज बारिश के चलते सिंगौरगढ किला पहुंच
मार्ग पर पढ़ने वाले नाले में अचानक बाढ़ आ जाने की वजह से पर्यटक सिंगौरगढ
किले तक नही पहुंच पाए है और सैकड़ों की संख्या में पर्यटकों को नाले की
बाढ़ ने रोक रखा है लेकिन रानी दुर्गावती अभ्यारण अपने नैसर्गिक सुंदरता के
लिए जाना जाता है और पर्यटकों को भले ही सिगौरगढ़ किले के पास से दीदार
नहीं हुए हैं लेकिन सुरम्य वादियों मे पहाड़ियों से घिरे इस किले प्राकृतिक
सौंदर्य को देखकर ही पर्यटकों का मन आनंद से भर गया।
और पर्यटकों को
सिंगौरगढ किले के दर्शन जरूर नही हुए लेकिन हरियाली से परिपूर्ण रानी
दुर्गावती अभ्यारण अद्भुत नजारे का आनंद लेते हुए पर्यटक वापिस अपने घरों
को रवाना हो गए हैं और पर्यटकों का कहना है कि रानी दुर्गावती अभ्यारण का
प्राकृतिक सौंदर्य बारिश के दिनों में और भी ज्यादा खिल जाता है अभ्यारण
क्षेत्र अपने आप में प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर नजर आ रहा है.. सिग्ररामपुर से निवेश जैन की रिपोर्ट
नया गांव में तालाब फुटने से घरों में भरा बारिश का पानी
हटा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत नयागांव के हरदुवानी मे कृषि विभाग से
बनाया गया तालाब जो एक बर्ष पहले ही क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके बाद पिछले
बर्ष ग्राम पंचायत के निवासियों ने जन भागीदारी से सुधार कार्य किया था
लेकिन हटा ब्लॉक में पिछले 24 घंटों में तेज बारिश से तालाब फूट जाने से
गांव मे पानी भर गया।
जिससे पूरा गाव तालाब मे बदल
गया और कई घरों मे 3 फुट से भी ज़्यादा पानी आ गया। चतुर पिता दुर्गा
अहिरवार पानी घर के अंदर आ जाने से करीब 50/60 हजार का नुकसान हुआ है।
ग्रामीण हरबंस अहिरवार ने बताया कि 2 ट्रालि रेत 10 बोरा गेहू 3 मोबाइल फोन
पानी मे डूब गए अचानक पानी आने से प्रधान मंत्री आवास निकला था जिसके लिए
रेत रखी थी वो भी बह गयी। खाने पीने का समान सहित गेहू भी खराब हो गए।
स्थिति यह है कि रात मे गांव बालो की मदत से पड़ोसियों के यहां जाना पढ़
रहा है इस आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान इसी घर का हुआ है पतरिया हार मे बने
इस तालाब के टूटने से और भी घरों मे पानी भरा है। हटा से जगदीश विश्वकर्मा की रिपोर्ट
पठाघाट पुल डूबने से 18 गांव का संपर्क टुटा..
तेंदूखेड़ा में बीती रात से हो रही झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है चारों ओर
बारिश का पानी भर गया है जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है
लगातार हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए हैं रविवार को जामुनखेड़ा
मार्ग पर पड़ने वाला पठाघाट सहित दर्जनों पुल पर पानी आ जाने से आवागमन बंद
हो गया और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है सबसे ज्यादा समस्या
पठाघाट के पुल के डूबने से हो रही है
तेन्दूखेडा से जामुनखेड़ा मार्ग पर
बने पठाघाट का पुल बारिश के दौरान हमेशा आ जाता है इस पुल के डूबने से 18
गांव का जनसंपर्क टुट जाता है जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को
परेशानियों का सामना करना पड़ता है और जान जोखिम में डालकर बांढग्रस्त पुल
से आवागमन करते हैं 24 घंटे से लगातार हो रही तेज बारिश के बाद पठाघाट का
पुल दोपहर में ही डूब गया जिसके कारण दोनों और आवागमन पूरी तरह बंद हो गया
पुल के पास कोई भी सुरक्षित व्यवस्था नहीं की गई है यहां पर ना तो
पुलिकर्मियों मौजूद थे ना ही कोई इंतजाम किए गए लगातार हो रही बारिश के
ब्लॉक भर के दर्जन भर पुलों में पानी आ जाने से आवागमन बंद हो गया
पठाघाट पुल पर पानी न बन जाए हादसे का कारण..
पठाघाट
पुल पर रविवार को बारिश से पुल के ऊपर से 5से 7 फीट तक पानी आ जाने के
बावजूद लोग पुल पार करते रहे वैसे तो क्षेत्र के अधिकांश पुल जो पूर्व में
बनाए गए थे उनकी जगह नए पुलों के निर्माण हो गया है लेकिन फिर भी पठाघाट का
पुल की ऊंचाई कम होने के चलते इस पुल पर बारिश में भी ग्रामीण जनों को इसी
पुल से होकर बरसात में निकलना होगा।
कई बार पुल के ऊपर पानी आ जाने से 18
गांव के आवागमन अवरुद्ध होता है साथ ही पुल पर पानी होने के बाद भी लोग जान
जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं हर बार की तरह लोगों की यही मांग है कि
शासन प्रशासन ध्यान दे और जल्द से जल्द इस पुल की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कार्य
करे रविवार को इस पुल पर पानी होने से पूरे दिनभर आवागमन बंद हो गया फिर
भी कुछ लोग यहां से निकलते हुए देखे गए हैं यहां पर कोई भी पुलिसकर्मी
मौजूद नहीं था ना ही पुलिस प्रशासन का अधिकार कर्मचारियों दिखाई दे है.. तेंदूखेड़ा से विशाल रजक की रिपोर्ट
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