रंजीता गौरव पटेल बनी जिला पंचायत अध्यक्ष..
दमोह। जिला पंचायत के प्रतिष्ठा पूर्व चुनाव में आखिरकार कांग्रेस की प्रत्याशी रंजीता गौरव पटेल ने 5 वोट के अंतर से शानदार जीत दर्ज करके जनपद पंचायत चुनाव में हुई कांग्रेस की करारी हार का बदला बीजेपी से ले लिया है।
दमोह जिला पंचायत के अध्यक्ष पद को लेकर कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर एसके चेतन्य की अध्यक्षता में निर्धारित समय पर जिला पंचायत अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ करने जिला पंचायत सदस्य को प्रथम सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें सभी 15 सदस्य शामिल हुए। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव हेतु शुरू की गई नामांकन प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य रंजीता गौरव पटेल एवं कांग्रेस से बगावत करके चुनाव मैदान में उतरे पुराने भाजपाई व मलैया समर्थक ऋषि लोधी की मम्मी जमुना देशराज लोधी द्वारा अपना नामांकन पत्र दाखिल किया गया। वही भाजपा से प्रत्याशी घोषित किए गए पूर्व सांसद चंद्रभान सिंह की पत्नी जानकी सिंह का नामांकन त्रुटियों के चलते रिजेक्ट कर दिया गया।
उसके बाद अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस समर्थित रंजीता गौरव पटेल ने 10 सदस्यों की वोट हासिल करके शानदार जीत दर्ज की। जबकि कांग्रेस के बागी व मलैया समर्थक कहे जाने वाले ऋषि लोधी की माता जी जमुना देशराज सिंह को सिर्फ 5 वोट से संतोष करना पड़ा। रंजीता गौरव पटेल की जीत की खबर से कांग्रेस खेमे में जहां जश्न का माहौल है वही भाजपाई खेमे में सन्नाटा छाया हुआ है।
माना जा रहा है कि जातिगत आधार पर लड़े गए चुनाव के नतीजे भी वैसे ही रहे जैसी उम्मीद की जा रही थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि जमुना देशराज सिंह को जहां लोधी समाज के सदस्यों के 5 वोट मिले वही रंजीता गौरव पटेल को अन्य सभी समाजों के 10 वोट हासिल हुए।
उपाध्यक्ष पद पर निर्दलीय मंजू धर्मेंद्र कटारे निर्वाचित
जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद उपाध्यक्ष पद के लिए हुई वोटिंग में मगरोन क्षेत्र से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य निर्दलीय मंजू धर्मेंद्र कटारे ने शानदार जीत हासिल की है।
जिला पंचायत के उपाध्यक्ष पद के लिए तीन नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे जिनमें निर्दलीय मंजू धर्मेंद्र कटारे एवं दृग पाल सिंह के अलावा भाजपा समर्थित रीना धर्मेंद्र लोधी ने दावेदारी की थी। मंजू देवरिया ने 8 वोट लेकर शानदार जीत दर्ज की है। भाजपा समर्थित रीना रानी पटेल को पांच और दृगपाल सिंह को सिर्फ 2 वोट मिली है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि द्रुगपाल को उनके समर्थक प्रस्तावक में से भी किसी एक ने वोट नहीं दी।
0 Comments