जिले में घटिया धान खरीदी की खुलने लगी पोल
दमोह। जिले में बारिश की दस्तक के पूर्व सरकारी धान की सुरक्षा को लेकर
लापरवाही की हदों को पार कर देने वाले हालात सामने आए हैं। इसी के साथ
पूर्व में की गई घटिया धान खरीदी की भी पोल खुलती नजर आ रही है। मंडी
केंपस भर रखी सैकड़ों बोरा धान को धूप बारिश पानी से बचाने के लिए सुरक्षा
के इंतजाम नजर नहीं आ रहे जिससे जरा सी बारिश में बोरों के नीचे धान के
अंकुर जैसे हालात बनते नजर आने लगे हैं।
मामला जिले के तेन्दूखेड़ा मंडी परिसर का है जहा पर धान खरीद केंद्रों पर एकत्रित हुए धान को गोदामों की जगह कैपो में रखा गया था। तुली हुई धान को यहां पर बनाए गए शेड के अदर सुरक्षित रखे होने का दावा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा था लेकिन अब इस दावे की कलई खुलती नजर आ रही है। देखरेख के अभाव में हजारों क्विंटल धान बारिश के पानी में खराब हो रही है। कई धान की बोरी खुल जाने से खुले आसमान के पानी में खराब होने को पड़ी हुई है।
समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई धान को यहा सेट के अंदर रखा गया था लेकिन ओपन कैप का कवर छतिग्रस्त होकर हवा में अलग हो जाने के कारण कुछ स्थानों पर बोरे के नीचे पड़ी धान पानी के संपर्क में आने के बाद अंकुरित होने लगी है। कई धान की बोरिया सड़ रही है और खराब हो रही है। यहां पर 10 से 15 बोरी धान खराब होने के बाद बदवू मार रही है।
बोरियों में भरी है खराब व गुणवत्ताहीन धान
मंडी परिसर में खराब होने के लिए छोड़ दी गई स्थान के बारे में जानकार सूत्रों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर पूर्वजों घटिया क्वालिटी की धान खरीदी गई थी उसे अब खराब होने के लिए जानबूझकर लापरवाही बढ़ती जा रही है जिससे गुणवत्ताहीन धान खरीदी करने वाले तात्कालीन खरीद केंद्र प्रभारियों एवं सर्वेयर की मिलीभगत की पोल नहीं खुल सके। खुले में पड़ी धान को मवेशी जहां अपना हार बना रहे हैं वही हालात के लिए जिम्मेदार अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते चुप्पी साधे नजर आ रहे हैं। मामले की जानकारी कलेक्टर से लेकर तेंदूखेड़ा एसडीएम तक को स्थानीय पत्रकारों द्वारा दिए जाने के बाद अब देखो आने की बात कही जा रही है । विशाल रजक की रिपोर्ट
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