प्रदेश भर के अतिथि पॉलिटेक्निक शिक्षकों पर असर
दमोह पॉलिटेक्निक कॉलेज में कार्यरत तकनीकी अतिथि शिक्षक संघ द्वारा एक याचिका उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की थी जिसमे उनके द्वारा यह माँग की गई थी के नवीन शासनादेशो के माध्यम से उनकी अतिथि सेवाएं प्रभावित होंगी उन्हें नवीन सत्र में निकाल दिया जावेगा जिससे उनके सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा होगा साथ ही अतिथि शिक्षक के तौर पर लंबे समय तक उनके द्वारा दी गई सेवाओं का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा ।साथ ही यह भी तर्क था के एआईसीटी के मापदंड लागू होने से प्रदेश भर के हजारों अतिथि शिक्षक सड़क पर आ जाएंगे..दरसल प्रदेश सरकार ने विगत कुछ माहो में ऐसे सर्कुलर जारी किए थे जिनके चलते न केवल दमोह जिले के अपितु प्रदेश भर के हजारों पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वानों की पुनर्नियुक्ति पर संकट खड़ा हो गया था जिसके चलते दमोह जिले के पालीटेक्निक अतिथि शिक्षकों के साथ प्रदेश भर से करीब एक सैकड़ा याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल हुई थी..
नौरादेही अभ्यारण्य में आई बाघों की तीसरी पीढ़ी
दमोह। दमोह, सागर एवं नरसिंहपुर जिले में एक अति मनोरम एवं रमणीय स्थल नौरादेही वनमंडल ;वन्य प्राणी हैं जिसमें अनेक प्रकार के वन्यप्राणी अपने प्राकृतिक आवास में स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं। वर्ष 2018 में बाघ पुर्नस्थापना योजना अंतर्गत एक नर बाघ ;किशन व एक मादा बाघिन ;राधा को इस अभ्यारण्य में कान्हा टाइगर रिजर्व तथा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाकर छोड़ा गया था। अभ्यारण्य प्रबंधन द्वारा लगातार बाघों के रहवास विकासए वन तथा वन्यप्राणी संरक्षण के कार्य किये गयेए जिससे पुर्नस्थापित बाघों को उत्तम रहवास प्रदान किया गया ताकि योजना को सफल बनाया जा सके।
नौरादेही वनमंडल ;वन्य प्राणी सागर वनमंडल अधिकारी सुधाशुं यादव ने बताया मादा बाघिन राधा ने मई 2019 में 03 शावकों तथा नवम्बर 2021 में 02 शावकों को जन्म दिया। चूंकि नौरादेही अभ्यारण्य पन्ना टाइगर रिजर्व तथा रातापानी अभ्यारण्य के मध्य कोरिडोर निर्मित करता है इस कारण किसी अन्य संरक्षित क्षेत्र से एक अन्य बाघ एन.3 द्वारा इस अभ्यारण्य क्षेत्र को अपना आवास बनाया गया हैं तथा विगत 01 वर्ष से इस क्षेत्र में विचरण कर रहा हैं।
प्रथम बार में जन्में बाघ.बाघिन वर्तमान में वयस्क हो चुके हैं जिसमें से बाघिन एन.112 को 02 शावकों के साथ आज गश्ती दल द्वारा कैमरे में लिया गया। यह नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की तीसरी पीढ़ी हैं। अभ्यारण्य में बाघों के साथ.साथ पर्यटन का भी लगातार विकास हो रहा हैं। जिसके लिए अभ्यारण्य प्रबंधन द्वारा नए पर्यटन मार्ग तथा अन्य सुविधाएं विकसित की गई है। अभ्यारण्य प्रबंधन के प्रयासों से बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा हैए जिससे क्षेत्रीय अमला उत्साहित हैं। भ्यारण प्रबंधन द्वारा नए जन्में शावकों की उचित निगरानी हेतु विशेष ट्रेकिंग दल गठित किया गया हैं।
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