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दर्जन भर अनाथ बछड़ों को दूध पिलाने वाली गाय की समाधि.. जयकारों के साथ अंतिम यात्रा निकाल कर भक्तों ने दी गौ माता को अनूठी विदाई.. द्रगपाल सिंह के खिलाफ धारा 110 की कार्यवाही के विरोध में ग्रामीणों का प्रदर्शन..

.हटा गौशाला में एक बुजुर्ग गाय की मृत्यु हो जाने के बाद गौ भक्तों ने गाजे बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकालकर जयकारों के साथ समाधि प्रदान की दरअसल इस गाय ने करीब दर्जनभर अनाथ बच्चों को दूध पिलाकर नया जीवन दिया था जिस वजह से इनके निधन के बाद इस तरह से समाधि प्रदान की गई


हटा। आप सभी ने संसार में व्यक्ति की अंतिम यात्रा देखी होगी और सम्मिलित हुए होंगे लेकिन रविवार को उपकाशी नगरी में गौ माता के भक्तों द्वारा गौ माता की अंतिम शोभायात्रा निकालते हुए पहली बार देखा होगा जहां सुनार नदी के तट पर भूतेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में संचालित सुरभि गौशाला एवं हॉस्पिटल मैं एक बूढ़ी गाय का शनिवार की रात्रि निधन हो गया जिसकी अंतिम यात्रा नगर में गाजेवाजे के साथ नगर के प्रमुख मार्गो से निकाल कर गौशाला के समीप सैकड़ों गो भक्तों ने नम आंखों से उनको समाधि दी ।


      दरअसल हटा नगरी बुंदेलखंड की पवित्र पावन नगरी उप काशी कहीं जाने वाली धर्म परायण नगरी है जहां पर हमेशा से ही एक न एक धार्मिक आयोजन होते रहते हैं एवं नगर के सैकड़ों युवा वर्ग गौ माता की सेवा में दिन-रात जुटे रहते हैं इन्हीं गौ सेवकों के द्वारा भूतेश्वर मंदिर परिसर में गौ माता की सेवा के लिए एक गौशाला के साथ गौ हॉस्पिटल का निर्माण किया। जहां पर सैकड़ों अनाथ गाय छोटे-छोटे बछड़े रहते हैं इन्हीं मैं से एक बूढ़ी गाय सुरभि गौशाला में लगभग एक वर्षों से रहती थी जिन्होंने गौशाला में रह रहे करीब 12अनाथ बछड़ों को अपना दूध पिला कर उन्हें जीवनदान दिया।

लेकिन कुछ समय से वह बीमार पड़ जाने के कारण शनिवार की रात्रि माता का स्वर्गवास हो गया जिस कारण थी सभी गौ सेवकों में अत्यंत दुखी हो गए। रविवार की सुबह नगर के सभी गो भक्तों ने सुरभि गोशाला में एकत्रित होकर गौ माता की नगर में अंतिम यात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली एवं सुनार नदी के किनारे भूतेश्वर मंदिर गौशाला के समीप उनको सभी ने पुष्प अर्जित कर समाधि दी। अंतिम यात्रा के दौरान सड़कों पर गो भक्तों द्वारा जय गौ माता जय गोपाल से उपकाशी को गुजमान किया एवं नगर के  गो भक्तों ने जगह जगह पुष्प अर्जित कर आशीर्वाद लिया। हटा से अतुल पन्या की रिपोर्ट

द्रगपाल आतंकवादी नही, इंक़लाब का आदी है.

दमोह। द्रगपाल सिंह लोधी पिछले कुछ सालों से लगातार किसानों, युवाओं के मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक सक्रिय रहे है। वो गॉव गॉव जाकर लोगो की समस्याओं को सुनते है और धरना प्रदर्शन या आंदोलन के माध्यम से उन्हें पूरा करवाते है। कुछ दिन पहले ही उन पर धारा 110 लगा दी गई और प्राप्त नोटिस में कहा गया कि वो क्षेत्र में आतंक फैला रहे है। धारा 110 के विरोध में आज दमोह में किसानों, युवाओं, महिलाओं का जनसैलाब देखने को मिला..

द्रगपाल सिंह लोधी के समर्थन में दमोह जिले की सभी तहसीलों के साथ साथ बुंदेलखंड के अलग अलग जिलों से भी लोग आये। ये लोग तहसील ग्राउंड में इकठ्ठे होकर कलेक्ट्रेट की तरफ रैली के माध्यम से बढ़े। रैली के दौरान लोग हाथ मे तख्तियां लिए दिखे। जिसमे नारे लिखे थे कि "द्रगपाल सिंह लोधी आतंकवादी नही, इंक़लाब का आदी है। वो क्रांतिकारी है" इसके साथ साथ "धारा 110 वापिस लो" के नारे लगे। किसानों का कहना था कि द्रगपाल ने हमेशा ही किसानों के मुद्दे उठाए है। खाद की समस्या हो, धान खरीदी में हो रही धांधली की समस्या हो या गॉवो में ट्रांसफार्मर की समस्या सभी समस्याएं द्रगपाल सिंह लोधी ने पुरजोर तरीके से उठाई।

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किसानों का कहना था कि अगर द्रगपाल सिंह लोधी नही होता तो कई गॉवो की फसल सूख चुकी होती, कई गॉव अंधेरे में होते। वो गॉव गॉव गया और ढेरों गॉव में ट्रांसफार्मर रखवाए। आज उसके साथ जो अन्याय हो रहा है हम किसान नही सहेंगे। किसानों ने कहा कि अगर धारा 110 की अनुचित कार्यवाही जल्द से जल्द रोकी नही गई तो सभी किसान मिलकर जगह जगह चक्का जाम करेंगे, उग्र प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में जब दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य से बात की तो उन्होंने इस विषय पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कोर्ट का विषय है जिसपर हम कुछ नहीं बोल सकते हैं।


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