मध्यप्रदेश में पंचायत राज चुनाव टलने के बाद अब त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के तहत प्रतिनिधि कब चुने जाएंगे यह बता पाना फिलहाल मुश्किल है। लेकिन पंचायतों में जारी कार्यों को संचालित रखने के लिए पुराने प्रतिनिधियों को ही एक और मौका दिए जाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है..
मप्र में नए पंचायत चुनाव होने तक ग्राम पंचायतो की जिम्मेदारी जनता से चुने सात साल के अनुभवी निवर्तमान प्रतिनिधियों को ही सौपे जाने की मांग को लेकर सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोमेश गुप्ता ने मप्र के पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन सिंह पटेल से मुलाकात करके उपरोक्त मांग रखी और बताया कि किस तरह से पुराने अनुभवी प्रतिनिधियों का नए चुनाव होने तक उपयोग करते हुए पंचायत राज व्यवस्था कर क्रियान्वयन नए साल में किया जा सकता है।
सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा रखे गए उपरोक्त सुझावों को उचित बताते हुए पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन सिंह ने पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के समक्ष उपरोक्त प्रस्ताव रखे जाने की बात कही है।
पंचायत राज्य मंत्री श्री राम खेलावन सिंह पटेल को अवगत कराया गया कि प्रदेश की 23000 ग्राम पंचायतों में बड़ी मात्रा में नए काम शुरू कराए गए थे जिसकी सामग्री भी क्रय कर ली गई थी उक्त सामग्री ग्राम पंचायतों में निर्माण स्थलों पर पड़ी हुई है, अचानक आचार संहिता लगने के कारण हमारे सरपंच साथी उक्त काम पूरे नहीं करा पाए एवं चुनाव आयोग के निर्देश पर ग्राम पंचायतों के सचिवों का भी तबादला अन्य ग्राम पंचायतों में किया जा चुका है।
ऐसी स्थिति में करोड़ों अरबों की सरकारी राशि से खरीदी की गई निर्माण सामग्री खुर्द-बुर्द हो रही है उसकी देखरेख एवं उपयोग करने वाला कोई नहीं है, यदि सरकार द्वारा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंचों को आगामी चुनाव तक पंचायतो की कमान सौंपी जाती है तो अधूरे पड़े निर्माण कार्य पूर्ण कराए जा सकेंगे। साथ ही ग्रामो के विकास में 7 साल के अनुभव का उपयोग सरकार कर सकती है। जिसके बाद पंचायत राज मंत्री जी द्वारा टेलीफोन पर पंचायत मंत्री जी एवम मुख्यमंत्री जी के Osd महोदय से चर्चा की गई है। जिसके चलते सार्थक परिणाम सामने आने की उम्मीद की जा रही है।
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