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साल के आखिरी दिनों में फिर बाहर निकला मेडिकल कॉलेज का जिन्न.. इधरभारत तिब्बत सीमा पुलिस बल ट्रेनिंग सेंटर भी ठंडे बस्तें में

 दमोह जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की मांग काफी पुरानी रही है पिछली शिवराज सरकार के अंतिम दिनों में इस मांग को लेकर युवाओं ने मुंडन कराने से लेकर खून से खत लिखने जैसे अन्य अभियान चलाए थे वही कमलनाथ सरकार बनने पर तत्कालीन कांग्रेस विधायक राहुल सिंह के बंगले के बाहर भाजपा समर्थकों ने धरना प्रदर्शन देकर मेडिकल कॉलेज की मांग को बुलंद किया था। इस दौरान करीब दर्जन भर भाजपा समर्थक युवाओं के खिलाफ तत्कालीन कांग्रेस विधायक राहुल सिंह की शिकायत पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। आज इन लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किए जाने तथा सभी को मुचलके पर छोड़ दिए जाने के बाद सामने आए बयानों से मेडिकल कालेज का जिन्न फिर से सामने आता नजर आने लगा है..

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 दमोह मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति द्वारा 30 जून 2019 को दमोह से कांग्रेस के तत्कालीन विधायक राहुल सिंह के निवास के बाहर किये गए धरना प्रदर्शन को लेकर धारा 341, 147, 504 का मामला दर्ज किया गया था। जिसमे आज समिति के सदस्य मनीष सोनी, अनुपम सोनी, मनीष तिवारी, मोंटी रैकवार, पंकज जडिया, विशाल शिवहरे, हरि रजक, मोनू ठाकुर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश हुए। जहां सभी को 10-10 हजार रुपए के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी गई। लेकिन इसके बाद यह सभी लोग मेडिकल के मुद्दे को लेकर मुखर होकर अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आए जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक बार फिर मेडिकल का जिन्न बाहर आने वाला है। जिसको लेकर अब शिवराज सरकार से लेकर उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त राहुल सिंह को मेडिकल कॉलेज का कार्य शुरू कराने की जल्द पहल करना पड़ेगी नहीं तो आने वाले दिनों में यह मामला बड़ा तूल पकड़ेगा यह तय माना जा रहा है। 

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दरअसल राहुल सिंह ने भाजपा में शामिल होने के दौरान इस बात का रहस्योद्घाटन किया था कि वह मेडिकल कॉलेज के मुद्दे को लेकर बीजेपी में आए हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह आकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, मंत्री गोपाल भार्गव ने राहुल सिंह के साथ तहसील ग्राउंड पर मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन शिलान्यास करते हुए लोगों को उम्मीद दिला दी थी कि जल्द दमोह भी मेडिकल कॉलेज वाला जिला बन जाएगा।
लेकिन राहुल सिंह की विधानसभा उपचुनाव में करारी पराजय के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से लेकर सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं जबकि इस वर्ष के बजट में भी उसके लिए प्रावधान करा दिया गया था। इसी के साथ यह भी उम्मीद की जा रही थी कि मेडिकल कालेज संघर्ष समिति के खिलाफ दर्ज मामले में भी उठा लिए जाएगे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। आज सभी को कोर्ट से जमानत मिल जाने के बाद मेडिकल कालेज का लेकर नए सिरे से संघर्ष समिति के लोग कमर कसते नजर आ रहे है। जिससे प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द इसको लेकर अपनी स्थति साफ करना जरूरी हो गया है।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल ट्रेनिंग सेंटर कब तक..?

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 दमोह मेडिकल कॉलेज की तरह ही आने वाले दिनों में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के प्रस्तावित ट्रेनिंग सेंटर का मुद्दा भी उठना तय माना जा रहा है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को फतेहपुर के समीप भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के ट्रेनिंग सेंटर मामले में जल्द पहल करना चाहिए। क्योंकि इसकी शुरुआत उन्होंने अपने पिछले संसदीय कार्यकल में की थी। वहीं इस बार के संसदीय कार्यकाल में वह लगातार केंद्र सरकार में मंत्री हैं लेकिन आइटीबीटी के मामले में उनके द्वारा क्या पहल की गई यहां आज तक सामने नहीं आ सका है जबकि उससे कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित जरा रूधाम में उनका हर महीने आना जाना लगा रहता है ऐसे में इस बात को लेकर भी लोग आशंकित होने लगे हैं कि कहीं बड़े-बड़े सपने दिखाकर भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के प्रस्तावित ट्रेनिंग सेंटर को कहीं ठंडे बस्ते में तो नहीं डलवा दिया गया है जो इसकी अब कोई चर्चा भी करने को तैयार नहीं होता..

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