दमोह जिले के तेंदूखेड़ा नगर में चल रहे मज्जिेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव का निर्यापक मुनिश्री समयसागर जी महाराज एवं आर्यिका अंकम्प मति माता जी ससंघ सानिध्य में गजरथ फैरी के साथ समापन हो गया। इस अवसर पर आसपास के क्षेत्रों से आए सैकड़ों ग्रामीणजनों ने इन एतिहासिक पलों का साक्ष बनते हुए धर्म लाभ लिया वहीं, मोदी परिवार को सवाई सिघई की उपाधी प्रदान की गई।
तेंदूखेड़ा नगर में मज्जिेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिन सुबह से भगवान श्री जी का पूजन अभिषेक एवं शांतिधारा की गई। इसके बाद लगभग सुबह 7 बजे भगवान का मोक्षकल्याणक हुआ और भगवान मोक्ष के लिए गए। मोक्ष कल्याणक का विधान किया गया। साथ ही अचार्य भगवन का विधिविधान से पूजन बाल ब्रम्हचारी प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया के द्वारा कराया गया। सुबह 9 से प्रथम निर्यापक ज्येष्ठ व श्रेष्ठ मुनि श्री समय सागर जी महाराज जी ने मोक्ष कल्याणक पर अपने प्रवचनो में कहा कि मन वचन काय की चेष्ठा के माध्म से कर्मो का आसरह होता है और वचन काय की चेष्ठा को रोकने से कर्म का छह होता है। वस्तुतः सुभाव की दृष्टि से आत्मा का क्या स्वरूप है। आत्मा कर्म के अधीन होकर ही चार गतियो में भ्रमण करता है किन्तु अब भगवान का भ्रमण समाप्त हुआ हैं और एक समय में ही इस धरती से उठकर अंनतकाल के लिए भगवान विराजमान हुए है। अब प्रलय भी हो जाए तो उन्हे किसी भी प्रकार का परिवर्तन संभव नही है।
गजरथ के समापन में निर्यापक मुनि श्री समय सागर जी महाराज ने कहां कि तेंदूखेड़ा समाज ने नवीन जिनालय के निर्माण हेतू भावना के साथ गुरू देव के चरणो में निवेदन किया था फल स्वरूप जिनालय का निर्माण लगभग हो गया है और मंदिर में भगवान भी विराज मान हो गए है साथ ही पुराने जिनालय के भगवान भी नए जिनालय में विराजमान हो चुके है। इसके अलावा समाज ने ऐसे भाव रखे थे कि आप नए जिनालय का नाम करण करे। जिस कारण श्री पारसनाथ दिगम्बर जैन चैवीसी जिनालय नामकरण किया गया है।
वस्तुतः इस प्रकार के जिनालय का निर्माण और श्रीजी को स्थापित करने का पवित्र भाव जिस व्यक्ति के भीतर होता है। वो मात्र अपना ही हित नही करता है। किन्तु आने बाली पीढी और जनता का हित करता है। इस प्रकार यह पंचकल्याणक महोत्सव आज सानंद सम्पन्न हुआ है। यह अपने आप नही हुआ हैं यदपि आप लोगो ने पुरूषार्थ किए है इसको भुलाया नही जा सकता है। शाम को 7 बजे से मज्जिेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव समिति के सदस्यो एवं महोत्सव में जिन लोगो का सहयोग रहा है। उनका सम्मान किया गया।
तेंदूखेड़ा से विशाल रजक की रिपोर्ट
0 Comments