अभिनेत्री कंगना राणावत के देश की आजादी को लेकर दिए गए बयान और भाजपा के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव द्वारा ब्राह्मण बनियों को जेब में बताने का मामला राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़े हुए हैं। इधर कमलनाथ सरकार में कांग्रेश के खिलाफ आंदोलन करने वाले भाजपा नेताओं पर दर्ज किए गए मामलों के चालान पेश किए जाने पर भी सवाल उठने लगे हैं..
दमोह। मप्र में डेढ़ साल तक रही कमलनाथ सरकार के दौरान दमोह जिला मुख्यालय पर बिजली समस्या से लेकर मेडिकल कॉलेज के मुद्दे को लेकर भाजपा के तत्कालीन जिला अध्यक्ष देव नारायण श्रीवास्तव और महामंत्री रमन खत्री के नेतृत्व में भाजपा नेताओं द्वारा अनेक आंदोलन प्रदर्शन पुतला दहन किए थे। इस दौरान आधा दर्जन मामलों में भाजपा नेताओं के खिलाफ कोतवाली में विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किए गए थे। अब जबकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है ऐसे में इन नेताओं को उम्मीद थी की उनके खिलाफ दर्ज राजनीतिक मामले भी वापस ले लिए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
आज भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री रमन खत्री से लेकर पूर्व मीडिया प्रभारी मनीष तिवारी सहित करीब दर्जनभर पुराने भाजपाई कुछ मामलों में चालान पेश होने की खबर पर जिला कोर्ट पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से सामना होने पर उनका दर्द छलक उठा। दरअसल इनके खिलाफ दर्ज मामलों में एक मामला तत्कालीन कांग्रेस विधायक राहुल सिंह के आवास के सामने मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर धरने का भी था वही कमलनाथ सरकार के खिलाफ बिजली कटौती को लेकर घंटाघर पर पुतला दहन का मामला भी था। इन मामलों के राजनीतिक होने तथा व राहुल सिंह के अब भाजपा में होने की वजह से इन नेताओं को उम्मीद थी कि शासन द्वारा यह मामले उठाए जाने की प्रक्रिया की जाएगी लेकिन इसके विपरीत भाजपा के उन नेताओं के खिलाफ ही पुलिस द्वारा चालान पेश करने की प्रक्रिया की गई जो पूर्व मंत्री जयंत मलैया के समर्थक रहे हैं.. ऐसे में पुलिस की इस कार्रवाई पर भी सवाल उठना लाजमी है। दूसरी ओर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष देवनारायन श्रीवास्तव, युवा नेता ठेकेदार दीपक सोनी आदि के निधन हो जाने के बाद भी चालान पेश किए जाने पर सवाल किये जाते रहे। उल्लेखनीय है कि जिन भाजपा नेताओं के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किए गए हैं उनमें से कुछ को विधानसभा उपचुनाव के नतीजे के बाद पार्टी निलंबित भी कर चुकी है..
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