दमोह जिले तथा आसपास के क्षेत्रों में अनाज माफिया के नाम से ख्याति अर्जित कर कर चुकी कुछ ट्रेडिंग कंपनियों के द्वारा यूपी की धान को दमोह जिले में खपाने की जोरदार तैयारियां की गई है पिछले दिनों जबेरा कृषि उपज मंडी उड़न दस्ते ने ऐसे ही कुछ ट्रकों को पकड़ कार्यवाही की थी। इसके बावजूद यह अनाज माफिया अपनी राजनीतिक पहुंच व अधिकारियों से सेटिंग के चलते यूपी से धान से भरे ट्रकों को बुलाकर स्टॉक कराने में लगा हुआ है।
दमोह। बीती रात नोहटा क्षेत्र में इस चर्चित अनाज माफिया के धान से भरे एक ट्रक को पकड़े जाने के बाद अभी तक क्या कार्रवाई की गई है इसका खुलासा करने को कृषि उपज मंडी के जिम्मेदार अधिकारी तैयार नहीं है। जबकि नोहटा थाना प्रभारी विकास सिंह का कहना है कि वह मामले को तहसीलदार की जानकारी में देकर मंडी के हवाले कर चुके है। इधर सिग्रामपुर क्षेत्र में भी धान से भरे दो ट्रकों के पकड़े जाने की खबर सामने आई है। दर असल मप्र में धान उपार्जन खरीदी का कार्य प्रारम्भ होने में कुछ ही दिन शेष रह गए है। इसके पहले ही व्यापारियों द्वारा अवैध तरीके से अंतरराज्यीय परिवहन कर प्रदेश में जगह जगह धान ख़रीदी कर क्षेत्र में लाई जा रही है। जिसको लेकर किसान एव किसान संगठनों का आक्रोश भी अब खुलकर सामने आने लगा है। कतिपय व्यापारियों द्वारा सारे नियमो की धज्जियां उडाकर टैक्स चोरी कर ग्रामीणों क्षेत्रो में धान के ट्रक रातोरात अवैध तरीके से उतरवाए जा रहे है। यह गोरख धंधा राजनैतिक संरक्षण में फलफूल रहा है। राजनैतिक संरक्षण में महिला स्व सहायता केंद्र को राजनैतिक लोगो को आवंटित किए जा रहे हैं। वही दूसरे प्रदेशों से टैक्स चोरी कर अनाज आने से शासन को करोड़ो का चूना लगाया जाता है।
जागरूक ग्रामीण अरविंद सिंह लोधी ने बताया कि-ग्राम रोड से सगरा जाते समय हमें रास्ते मे अस्पताल के पास ट्रक खड़े मिले। मेने ट्रक चालक से जानकारी ली। उसने बताया कि सगरा के कोई व्यापारी के यहा ये ट्रक खाली होने है।मेने तत्काल ये जानकारी नोहटा थाना प्रभारी व कलेक्टर महोदय को दी। थाना प्रभारी ने तत्काल एक्शन लेते हुए 3 ट्रको को जप्त किया है। वही सिग्रामपुर क्षेत्र में भी 2 ट्रक अबैध परिवहन करते पकड़े जाने की खबर मिली है।पकड़े गए ट्रको की जांच मंडी एव जिला प्रशासन की टीम करेगी। क्षेत्रीय किसानों ने जिला प्रशासन से मांग है कि पकड़े गए ट्रको की जांच कर शीघ्र कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये। ताकि किसानो को व्यापारियों और विचौलियों के शोषण से बचाया जा सके। जबेरा से मयंक जैन की रिपोर्ट
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