मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी का दंश चरम पर पहुंचा..
भोपाल। मप्र में रिश्वतखोरी का दंश लगातार कार्यवाही के बावजूद चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है ताजा मामला मृत्यु प्रमाण पत्र के बदले में रिश्वत मांगने वाले रोजगार सहायक के रंगे हाथों पकड़े जाने तथा एक सरपंच से रिश्वत लेने वाले वन विभाग के रेंजर की पकड़े जाने का सामने आया है दोनों ही मामलों में ईओडब्ल्यू द्वारा आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
8 हजार की रिश्वत लेते रोजगार सहायक गिरफ्तार
शिवपुरी। मप्र के शिवपुरी में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने नरवर तहसील की ग्राम पंचायत कोंडर के रोजगार सहायक राजकुमार कोली को आठ हजार रूपये की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। कार्रवाई के संदर्भ में बताया गया है कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के एवज में रिश्वत की यह रकम ली जा रही थी।
ईओडब्ल्यू एसपी अमित सिंह ने बताया की मामले में पीड़ित द्वारा शिकायत किए जाने के बाद सोमवार को बातचीत की रिकार्डिंग सामने आने पर मंगलवार देर शाम रोजगार सहायत राजकुमार कोली को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार करने की कार्यवाही की गई। दरअसल आवेदक के भाई प्रताप परिहार की एक दुर्घटना में मौत हो जाने से उसका क्लेम मिलना था बाद में प्रताप परिहार की पत्नी की भी 2019 में मौत हो गई थी। जिनके डेथ सर्टिफिकेट के लिये रोजगार सहायक द्वारा रिश्वत को लेकर परेशान किया जा रहा था जिसकी शिकायत मिलने पर आज यह कार्यवाही की गई ।
फारेस्ट रेंजर 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार..
देवास। मप्र के देवास जिले में दो दिन पहले उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने भौंरासा नपा के अकाउंटेंट को 20 हजार के रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था। वही बुधवार को कमलापुर में इओडब्ल्यू की टीम ने फारेस्ट रेंजर बिहारी सिंह को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
बताया गया है कि रेंजर बिहारी सिंह ने भील आमला के सरपंच डूगरसिंह से पट्टे की जमीन पर कपिलधारा योजना में कुआं खोदने, जमीन समतलीकरण सहित अन्य कार्यों के लिए एनओसी दिए जाने के एवज में 25 हजार की रिश्वत मांगी की जा रही थी जिसकी शिकायत ईओडब्ल्यू एसपी से किये जाने के बाद एसपी उज्जैन दिलीप सोनी के मार्गदर्शन में टीम ने कमलापुर पहुंचकर कार्रवाई करके रिश्वतखोर रेंजर को गिरफ्तार करके कार्रवाई की है।
लोकायुक्त ने 10 हजार की रिश्वत लेते हुए मुरैना के रामपुर थाना प्रभारी को गिरफ्तार किया
मुरैना। ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने रामपुर थाना प्रभारी राहुल उपाध्याय को थाने के बाहर बुधवार शाम दस हजार की रिश्वत की रकम के साथ पकड़ने के बाद कार्रवाई की है। रिश्वत की यह रकम रेत, मिट्टी व पत्थर का अवैध उत्खनन करने वाले वाहनों को बे-रोकटोक चलने के एवज में ली गई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह रिश्वत जारौली गांव के राघवेन्द्र उर्फ बड़े कुशवाह से ली गई थी। बड़े कुशवाह ने शिकायत की थी वह ट्रैक्टर-ट्रॉली व जेसीबी से मिट्टी खोदकर बेचने का काम करता है। इस काम को बिना किसी परेशानी के करने के एवज में थाना प्रभारी यह रिश्वत ले रहा था। दरअसल बड़े कुशवाह मिट्टी के अलावा अवैध रेत व पत्थर का उत्खनन व परिवहन करता था। बिना किसी पुलिस कार्रवाई के कारोबार चलाने के लिए थाना प्रभारी राहुल उपाध्याय ने यह रिश्वत ली थी। राहुल उपाध्याय 2016 बैच के सब इंस्पेक्टर बताए जा रहे हैं।
मामले में जानकारों का कहना है कि रामपुर थाने पर पत्थर व रेत के अवैध कारोबार से जुड़ा हुआ व्यक्ति हमेशा बैठा रहता है। वह रेत व पत्थर के ट्रैक्टर पकड़े जाने पर पुलिस व माफिया के बीच में समझौता और लेनदेन कराता है। पहले भी एक थाना प्रभारी से मिलकर एक सेना के जवान पर झूठा प्रकरण दर्ज कराया था। इस बार राहुल उपाध्याय से फरियादी की डील भी इसी दलाल ने कराई थी।
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