इंदौर में जैन संत का शव फांसी पर झूलता मिला..
इंदौर। मप्र के इंदौर में दिगंबर जैन संत आचार्य श्री विमद सागर जी महाराज का शव फांसी के फंदे पर झूलता मिलने की खबर से स्थानीय जैन समाज में सनसनी का माहौल बना हुआ है। प्रथम दृष्टया पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है क्यो की जैन सन्त इस तरह के कदम कभी उठा ही नही सकते। सागर जिले के शाहगढ़ कस्बे में जन्में विमदसागर जी महाराज ने गणाचार्य विरागसागर जी महाराज से दीक्षा प्राप्त की थी। इंदौर में उनका चातुर्मास संघ से चल रहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इंदौर के परदेसी पुरा क्षेत्र के नंदा नगर जैन मंदिर के समीप धर्मशाला के एक कमरे में आचार्य श्री विमद सागर जी महाराज का शव फांसी के फंदे पर लटकता हुआ मिलने की खबर से सनसनी फैल गई। जैन समाज के पदाधिकारियों द्वारा पुलिस को सूचना दिए जाने पर मौके पर पहुंची पुलिस और एफएसएल टीम द्वारा पंचनामा कारवाई करते जांच शुरू की गई। जबकि मौके के हालात प्रथम दृष्टया संदिग्ध बताए जा रहे हैं। मामला फांसी के बजाय किसी सुनियोजित साजिश का नजर आ रहा है जिसके शिकार आचार्य विमद सागर जी कैसे हो गए इसकी जांच होना अत्यावश्यक हो गया है क्योंकि इसके पीछे समजन जनों को भी षड्यंत्र की बू नजर आ रही है।
मामले में सीएसपी निहित उपाध्याय का कहना है की सूचना मिलने पर स्थानीय थाना पुलिस के साथ एफएसएल टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी हुई है वही जांच के बाद ही जानकारी सामने आ सकेगी। वही इस घटनाक्रम से स्थानिय जैन समाज हतप्रद बना हुआ है। किसी की भी समझ में नहीं आ रहा की ऐसे क्या हालात निर्मित हुए जो महाराज जी का शव फांसी के फंदे से झूलता हुआ मिला। जबकि आचार्य श्री के नजदीकी लोगों को कहना है कि वह कभी इस तरह के कदम उठा ही नहीं सकते..
यह दूसरा मौका है जब किसी जैन संत का शव फांसी के फंदे पर लटकता हुआ मिला हो। दो साल पहले इसी तरह से चंपापुर की धर्मशाला में जैन मुनि विप्रव सागर जी महाराज का शव भी सन्दिग्ध हालात में फांसी के फंदे पर झूलता मिला था। इस मामले में भी पुलिस आज तक कुछ भी खुलासा नहीं कर पाई थी। वही अब ऐसी ही किसी साजिश के शिकार आचार्य विमद सागर जी होते दिख रहे है। जिसकी गहराई से जांच पड़ताल जरूरी है। विनम्र श्रद्धांजलि ओम शांति शांति शान्ति..
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