पथरिया में सिद्ध पहाड़ी के चारों तरफ अवैध अतिक्रमण को हटाने हिंदू संगठनों ने ज्ञापन सौंपा
दमोह। पथरिया में गायत्री शक्तिपीठ सिद्ध पहाड़ी के आसपास इन दिनों अतिक्रमण कर्ताओं की नजर लगी हुई है जिसे जहां मौका मिल रहा है वह कब्जे करने मैं लगा हुआ है वहीं अधिकारियों द्वारा वन भूमि या अन्य भूमि का हवाला देकर कार्रवाई करने से बचने की कोशिश की जा रही है इसको लेकर आज विभिन्न संगठनों के द्वारा ज्ञापन सौंपकर सिद्ध पहाड़ी क्षेत्र को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कराकर पहाड़ी को पूरी तरह से सुरक्षित किए जाने की मांग की गई है।पथरिया एसडीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए आज विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल. गायत्री शक्तिपीठ, पतंजलि योग समिति के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने बताया कि गायत्री पहाड़ी से लगभग 200 एकड़ भूमि में गोचर भूमि पहाड़ी के चारों ओर फैली हुई है जहां पर वर्तमान में पहाड़ी के चारों तरफ खेती अवैध उत्खनन बकरी या पशुओं को पालने के नाम पर पहाड़ी की भूमि पर अवैध कब्जा किया जा रहा है।
पहाड़ी के चारों और लोगों द्वारा अवैध रूप से घर बनाए जा रहे हैं और पहाड़ी पर रहने वाले वन्यजीवों की बिजली करंट फैलाकर हत्या की जा रही है। और तो और कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। पहाड़ी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए ज्ञापन देने वालों में मनीष कुमार, नगर संयोजक. शिवम दुबे, शिवम बिदोल्या, सचिन खरे, कौशल तिवारी शायद विभिन्न संगठनों से जुड़े अनेक लोगों की मौजूदगी रही। पथरिया से कौशल तिवारी की रिपोर्ट
फुटेरा वार्ड क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने गया नगर पालिका का अमला वार्निंग देकर वापस लौटा
दमोह। नगर पालिका प्रशासन द्वारा नालियों के ऊपर से अतिक्रमण हटाए जाने की मुहिम के दूसरे दिन सोमवार को नगरपालिका का अतिक्रमण विरोधी दस्ता जेसीबी मशीन के साथ फुटेरा वार्ड क्षेत्र में पहुंचा जहां पर देर तक कार्यवाही के इंतजार में लोगों की भीड़ लगी रही। लेकिन पालिका का अमला कार्रवाई करने के बजाय वार्निंग देकर वापस लौट गया।
बताया जा रहा है कि फुटेरा वार्ड दो क्षेत्र में नगर पालिका का अमला दोपहर 12:00 बजे के करीब जेसीबी लेकर पहुंच गया था।
लेकिन पुलिस एवं सक्षम अधिकारी के नहीं पहुंचने तथा कुछ प्रभावशाली लोगों के नाली पर बने अवैध कब्जे होने की वजह से पालिका के कर्मचारी कार्रवाई करने में अपने आप को असहाय पा रहे थे। बाद में सीएमओ निशीकांत शुक्ला एवं पुलिस बल मौके पर पहुंची। लेकिन कार्रवाई के बजाय 24 घंटे की वार्निंग देकर सभी वापस लौट आए।
मामले में सीएमओ का कहना था कि यहां के लोगों द्वारा स्वयं कब्जे हटाए जाने की बात कही गई है वहीं इनका नुकसान ना हो इसलिए मानवीय आधार पर 24 घंटे का समय दिया गया है। यदि इसके बाद इनके द्वारा कब्जे नहीं हटाए जाते तो नगर पालिका कार्रवाई करते हुए नाली पर बने अतिक्रमण को ध्वस्त कर देगी।
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